जौनपुर : जीवन की हर सफलता और ऊँचाई किसी बुनियाद पर टिकी होती है। कुटीर द्वारा संचालित यह बुनियाद कार्यक्रम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कुटीर संस्थान के संस्थापक अभयजीत दुबे के स्वप्नों को अवश्य ही साकार करेगी । उक्त बातें पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति निर्मला एस मौर्य ने गीता जयंती एवं कुटीर महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती वर्ष श्रृंखलान्तर्गत आयोजित कार्यक्रम बुनियाद में बच्चों को खेल एवं पठन पाठन सामग्री प्रदान कर सभा को संबोधित करते हुए कहीं। मुख्य अतिथि प्रो0 हरेराम त्रिपाठी कुलपति संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी ने कहा कि हमारी वैदिक संस्कृति जिस रचनात्मकता उद्यमशीलता का प्रतिपादन करती है
उसका जन्म स्थल कुटीर शब्द में समाहित है जो इस संस्थान में प्रत्यक्ष दृष्टिगोचर है। कृष्ण का मोहग्रस्त अर्जुन को उपदेश हमारे लिए उत्तम जीवन का मार्गदर्शन है। वास्तव में हर ब्यक्ति को अपने कुटीर में उद्योगरत रहकर रचनात्मक श्रम के माध्यम से कर्म मार्ग में प्रवृत्त होना ही धर्म है। महाविद्यालय के एन एस एस,एन सी सी, रोवर रेंजर बी एड के छात्रों द्वारा अतिथितियों का अभिनंदन और पूरे परिसर में बनाई गई अल्पना आकर्षण का केंद्र रही। स्वागत प्राचार्य डॉ आर एम त्रिपाठी एवं प्रधानाचार्य धर्मेंद्र दुबे ने तथा संचालन डॉ0 अनुज शुक्ल ने किया। डॉ0 राकेश यादव , लक्ष्मी मौर्य , शशिन्द्र मिश्र ,मंगला प्रसाद सिंह ललिता सिंह सहित बड़ी संख्या में अभिभावक और क्षेत्रीय जन उपस्थित रहे।