फतेहपुर बाराबंकी : कार्यकर्ता और जनता जनार्दन के आर्शीवाद से ही मै विधायक हू, श्रीराम जी से लेकर राष्ट्र तक यात्रा मेरे जीवन का लक्ष्य है। उत्तर प्रदेश की धरा पर भगवान श्रीराम और श्री कृष्ण ने जन्म लेकर आसुरी शक्तियों का विनाश किया था और इसी धरा पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जन्म लेकर एकात्मवाद की कल्पना को साकार करने का कार्य किया है। जिसे कभी भुलाया नही जा सकता है। उक्त विचार कस्बे के आजाद इंटर कालेज में आयोजित यूपी दिवस और पराक्रम दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह को संबांधित करते हुए विधायक साकेन्द्र प्रताप वर्मा ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि 24 जनवरी 1950 को सविधान में इस राज्य को उत्तर प्रदेश का दर्जा प्राप्त हुआ।
उत्तर प्रदेश की धरती वीरों और महापुरूषों की धरती रही है। मथुरा में श्रीकृष्ण भगवान ने जहां जन्म लेकर एक ग्वाले और कुशल रणनीति कार्य के रूप में अपना जीवन चरित्र प्रस्तुत किया। वही अयोध्या की धरती पर जन्म लेकर भगवान श्रीराम ने त्याग और बलिदान का उदाहरण समाज के सामने प्रस्तुत किया। यूपी की ही धरती पर जन्मे पं0 दीनदयाल उपाध्याय ने जनसंघ की स्थापना की। अग्रेजों के विरूद्ध प्रथम क्रांति का बिगुल मंगल पांडेय ने मेरठ की धरती से 1857 में शुरू किया था। गंगा यमुना सरस्वती के रूप में विराजमान संगम तट प्रयागराज में आयोजित कुंभ में 25 करोड श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर पूरी दुनिया में त्याग और शान्ती का संदेष दिया। इस समारोह में शिक्षक एमएलसी उमेश द्धिवेदी ने कहा कि भाजपा एक विचार धारा है और स्नातक तथा शिक्षक एमएलसी चुनाव में विचार धारा की विजय हुई है। स्नातक एमएलसी ई0 अवनीश सिंह पटेल ने संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में गुंडा राज का खात्मा हुआ है भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है।
उन्होंने मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। समारोह में साईं पी जी कालेज द्वारा प्रस्तुत देश गीत,’’ उठो जवान देश की वसुन्धरा पुकारती,’’ नाटिका जैसे कार्यक्रमो ने सभी का मन मोह लिया। इस दौरान पूर्व में क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में हुई निबंध प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले छात्र छात्राओं को पुरस्कार देकर समानित किया। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश श्रीवास्तव, विद्याायल के प्रधानाचार्य दिनेश पाडेय, विपिन राठौर, बार संघ उपाध्यक्ष राजीव नयन तिवारी, देवेन्द्र शुक्ल, अंशुमान मिश्र, अनुपम निगम, गिरिधर गोपाल गुप्ता, हंसराज वर्मा, राम लखन यादव, अनिल मिश्र, विपिन मौर्य आदि मौजूद थे।