शुक्लागंज,उन्नाव : नव वर्ष एवं मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में साहित्य संगम कवि सम्मेलन का तृतीय कार्यक्रम पोनी रोड झंडा चैराहे में आयोजित किया गया,वेद प्रकाश शुक्ला संजर ने अपनी कविता के माध्यम से कहा कि अगर आज हम मंजिल पर हैं,दुनिया तुझको हैरत क्यों,तूने यह भी देखा होगा कितनी रातें जागे हम। निगाहे जब उठाती हूं, नजर आती है सब दुनिया,निगाहें जब झुकाती हो तो तेरा दीदार होता है इनकी कविता सुन लोगों ने वाह! वाह! कहकर तालियां बजा कर उनका स्वागत किया,प्रसिद्ध कवि एवं लेखक डा. महेश चंन्द्र शुक्ल ने कहा कि कविता है अमृत का निर्भर,आनंदित कर दे जो मन।
यह प्रसाद है परमेश्वर का, पाते हैं जिसको कवि मन,इसके अलावा मैं केवल माटी का पुतला मुझमें जीवित श्वास पिता जी,जीवन के हर एक चरण में एक अटल विश्वास पिता जी,कवि राजहंस ने कहा कि कितनी ही जद्दोजहद और हुई होगी बहस, बूढ़े मां बाप को जब घर से निकाला होगा,जयराम जय ने कहा कि अपने मन की बात करोगे नेता जी, बद से बद हालात करेंगे नेता जी, पुर्खों की जागरी बेच कर बाहर से मन का सब आयात करेंगे नेता जी,कवि सम्मेलन के दौरान प्रसिद्ध होम्योपैथिक डॉक्टर हेमंत मोहन के अलावा कवियांे को अंग वस्त्र और मेमोंटो देकर सम्मानित किया,इस मौके पर जय बिहारी शुक्ला,दिनेश,नीरज के अलावा आयोजक पं. रविशंकर,अंश भदौरिया,अतुल शुक्ला मौजूद