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पिछले हफ्ते ही मऊ से जिला बदर हुआ था मारा गया अजित सिंह, बुलेट प्रूफ गाड़ी भी नहीं बचा सकी जान

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लखनऊ :  विभूतिखंड थाना क्षेत्र में हुए गैंगवार में हुई जिलाबदर अपराधी और मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के मामले में कमिश्नर डीके ठाकुर  नेतृत्व में काम कर रही पुलिस टीम ने शूटर को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि चिनहट के कमता बस अड्डे के सीसीटीवी कैमरे में एक लाल रंग की डस्टर कार से संदिग्ध भागे थे इसके बाद सीसीटीवी फुटेज से पुलिस ने लाल रंग की कार को बरामद कर लिया है। साथ की एक शूटर को भी दबोचा है। दावा किया जा रहा है कि अजीत की हत्या आजमगढ़ के चार शूटरों ने की थी। फ़िलहाल कमिश्नर और ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर अपराध नीलाब्जा चौधरी शूटर से और राज उगलवा रहे है। पुलिस जल्द ही इस हत्याकांड में अन्य अपराधियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजेगी।

बता दें कि गैंगवार में मारा गया मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना का प्रमुख प्रतिनिधि अजीत सिंह पिछले हफ्ते ही जिला बदर हुआ था। उसे जिला प्रशासन ने 31 दिसंबर को ही जिला बदर किया था। इसके बाद से ही वह जिला छोड़कर लखनऊ में रहने लगा था। उसके ऊपर हत्या समेत 19 से अधिक संगीन आपराधिक मुकदमे चल रहे थे। अपराधियों पर कार्रवाई के तहत इस पर भी शिकंजा कसा गया था। अजीत सिंह कभी प्रमुख नहीं रहा। एक बार इसकी पत्नी रानू सिंह प्रमुख रही। इस समय उसके घर पर काम करने वाली मनभावती राजभर को उसने प्रमुख बनाया था। खुद उसके प्रतिनिधि के तौर पर था। अजीत सिंह ने अपनी गाड़ी भी बूलेटप्रुफ करा रखी थी। जब भी घर से बाहर निकलता था तो चार वाहनों का काफिला हमेशा इसके सुरक्षा में चलता था। अपने सुरक्षा को लेकर यह काफी सतर्क रहा करता था। इसके बाद भी बुधवार को खुद को बचा नहीं सका।
मऊ में अजीत सिंह पर कई गंभीर मामले में दर्ज थे। लखनऊ में भी इस पर कई केस दर्ज हो चुके थे। इस गुंडा व गैगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई हो चुकी है। इसके बाद से ही वह जिला छोड़कर लखनऊ में रहने लगा था। उसके ऊपर मऊ के अलावा कई और जनपदों में भी मुकदमा दर्ज है। अजीत सिंह की आजमगढ़ के एक शातिर बदमाश से अदावत चल रही थी। पहले एक दूसरे के लिये ही अजित काम करता था। लेकिन विवाद के बाद दोनों अलग हो गये थे। एक दूसरे के बीच कई बार संघर्ष की पहले थी नौबत आ चुकी थी। इसके बाद अजीत सिंह काफी सतर्क हो गया था। काफी सुरक्षा के साथ रहता था। इससे मिलना भी लोगों का आसान नहीं था। अजीत की पत्नी रानू सिंह व दो बच्चे भी लखनऊ में ही रहते थे।
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