लखनऊ : राजधानी की खूबसूरती बिगाड़े रहे अवैध निर्माण और अनियोजित विकास को रोकने में एलडीए फेल साबित हो रहा है। यह सामने आया है आवास विभाग की जारी समीक्षा रिपोर्ट में। अवैध निर्माणों पर कार्रवाई में असफल 13 विकास प्राधिकरणों की सूची में एलडीए चौथे स्थान पर है। एलडीए ने करीब 12467 अवैध निर्माण चिह्नित किए, पर कार्रवाई नहीं कर पाया। इससे छह महीने में करीब 400 अवैध निर्माण बढ़ गए। आवास विभाग की समीक्षा रिपोर्ट में एलडीए में लंबित प्रकरण दिसंबर 2020 में 12074 थे। मार्च 2021 में इनकी संख्या 12395 हो गई और जून के अंत में यह आंकड़ा 12467 पर पहुंच गया। आवास विभाग ने अब अवैध निर्माणों को तोड़ने का निर्देश एलडीए को दिया है। आवास विभाग ने रिपोर्ट में कहा है कि अवैध निर्माणों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। अवैध निर्माण चिह्नित करने के बाद कार्रवाई नहीं होती है। यही वजह है कि 99.52 प्रतिशत प्रकरण में कार्रवाई लंबित है।
आवास विभाग ने भले ही 12467 लंबित प्रकरण का आंकड़ा दिया हो। इसके उलट शहर में सैकड़ों की संख्या में निर्माण ऐसे हैं जिनमें नोटिस तक नहीं भेजे जाते हैं। अवैध निर्माण की शिकायत या उच्च अधिकारियों की जानकारी में आने के बाद कार्रवाई होती है। ऑनलाइन व्यवस्था (डेव ऑथ) के लागू होने के बाद यह चलन तेजी से बढ़ा है। इसकी वजह एलडीए से लेकर शासन तक कई स्तर पर नियमित निगरानी शुरू होना है। कई ऐसे चर्चित प्रकरण हैं, जिनमें एलडीए कार्रवाई करता रहा और निर्माण पूरा होकर वहां रिहाइश या व्यावसायिक उपयोग शुरू हो गया। इसके बाद कार्रवाई को भी बंद मान लिया जाता है। इसके बाद अवैध निर्माण तोड़ने की कवायद नहीं होती