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साउथ अफ्रीका में दुकानों में लूटपाट जारी, अब तक 72 लोगों की मौत, जानिए क्यों हो रही है हिंसा

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पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को जेल भेजे जाने के बाद दक्षिण अफ्रीका में बवाल जारी है. मंगलवार को अलग-अलग शहर में शॉपिंग मॉल में जमकर लूटपाट  की घटना हुई है. अब तक 72 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.

दक्षिण अफ्रीका में दुकानों और गोदामों में मंगलवार को पांचवें दिन भी लूटपाट हुई. सेना के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने बवाल को रोकने के लिए सेना की तैनाती की गई है. बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी और उपद्रवियों पर सेना की कार्रवाई में 72 जानें चली गई हैं. लूटपाट की शुरुआत जोहान्सबर्ग से हुई, जो बाकी शहरों में चल रही है.

इस लूटपाट को रोकने के लिए सेना ने 2500 सैनिक भेजे हैं, लेकिन ये संख्या पिछले साल के कोरोना वायरस लॉकडाउन को लागू करने के लिए तैनात 70,000 से अधिक सैनिकों से बहुत कम है. नतीजतन कुछ शॉपिंग सेंटरों पर केवल कुछ मुट्ठी भर सैनिक देखे गए. बवाल और लूटपाट की शुरुआत बीते शुक्रवार को हुई थी.

अब तक बवाल करने वाले 1234 लोग गिरफ्तार

साउथ अफ्रीका पुलिस ने मंगलवार देर रात एक बयान में कहा कि इन विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत से अब तक जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 72 हो गई है, ज्यादातर मौतें दुकानों में लूटपाट की घटनाओं के दौरान हुई भगदड़ से संबंधित हैं, अब तक 1,234 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उपद्रवी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

मंगलवार को जोहान्सबर्ग के उत्तर में एलेक्जेंड्रा टाउनशिप में सैकड़ों लोग एक शॉपिंग मॉल के अंदर लूटपाट करने लगे. न्यूज एजेंसी एएफपी से बात करते हुए लूटपाट कर रहे एक शख्स ने कहा, ‘मैं वास्तव में जुमा के बारे में चिंतित नहीं हूं, वह एक भ्रष्ट बूढ़ा है जो जेल में रहने का हकदार है, मैं अपनी मां के लिए सामान लूट रहा हूं.’

इस बीच साउथ अफ्रीका की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक अलायंस ने मंगलवार को घोषणा की कि वह जुमा के बच्चों और वामपंथी आर्थिक स्वतंत्रता सेनानियों (ईएफएफ) के नेता जूलियस मालेमा के खिलाफ आपराधिक आरोप दायर करेगी. इन पर लूटपाट को बढ़ावा देने का आरोप लगा है.

जुमा को क्यों किया गया गिरफ्तार?

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को अदालत की अवमानना के लिए 15 महीने कैद की सजा सुनाई गई है. पुलिस को उन्हें बुधवार देर रात तक गिरफ्तार करना था, उससे कुछ मिनट पहले ही जुमा ने खुद को अधिकारियों के हवाले कर दिया था. उन पर 2009 से 2018 के बीच करीब नौ वर्ष तक पद पर रहते हुए सरकारी राजस्व में लूट-खसोट करने का आरोप है.

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