New Ad

Lucknow Breaking News

0

अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन लगाए मरीज मिले तो डीएम व सीएमओ जवाबदेह : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ :  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि प्रदेश के किसी भी जिले में सरकारी या निजी अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन लगाए मरीज मिले तो डीएम और सीएमओ जवाबदेह होंगे। किसी भी गंभीर मरीज को बेड मिलने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय इस पर लगातार नजर रखेगा।राजधानी समेत कई जिलों में कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती न किए जाने की मिल रही सूचनाओं को सीएम ने काफी गंभीरता से लिया है। सोमवार को टीम-11 की बैठक में उन्होंने सभी जिलों में सेक्टर प्रणाली लागू कर सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात करने के निर्देश दिए हैं। संबंधित क्षेत्र के सेक्टर मजिस्ट्रेट अस्पतालों पर नजर रखेंगे। अगर कहीं मरीजों को भर्ती कराने में दिक्कत आ रही है तो बेड दिलाने में मदद करेंगे।

उन्होंने कहा जरूरत ऑक्सीजन की हो, वेंटिलेटर की हो अथवा जीवनरक्षक दवाओं की, तत्काल उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। बेड आवंटन और डिस्चार्ज पॉलिसी प्रभावी ढंग से लागू कराया। उन्होंने चेताया कि किसी भी जिले में शासनादेशों का उल्लंघन पाया गया तो संबंधित डीएम और सीएमओ पर कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री के खोखले आश्वासन से तड़प-तड़प कर मर रहे लोग बोले- अखिलेश यादव

लखनऊ : भाजपा सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर संबंधी विशेषज्ञों की चेतावनी को नजरअंदाज किया, इसका खामियाजा पूरा देश भुगत रहा है। इधर, यूपी में मुख्यमंत्री के खोखले आश्वासन ने लोगों को तड़प-तड़प कर मरने को मजबूर दिया हैं। ये बातें सपा सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को कही। यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपा सरकार सच्चाई का सामना करने से भय खाती है। प्रदेश की जनता इलाज, दवा और ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रही है। जबकि भाजपा सरकार कुप्रचार और विज्ञापन के सहारे सभी को भटकाने का काम कर रही है। सपा संकट की इस घड़ी में जनता के साथ है और आगे भी रहेगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने चार वर्ष में जनहित में एक भी उल्लेखनीय विकास कार्य नहीं किया है। सैफई से गोरखपुर तक स्वास्थ्य क्षेत्र में जो भी कार्य हुए वे सभी सपा सरकार के कार्यकाल में हुए। भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बर्बाद किया है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर और रायबरेली में एम्स सपा सरकार की ही देन है। भाजपा सरकार इन्हें ठीक से शुरू भी नहीं कर पाई। भर्ती न होने से चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है।  साथ ही, एक ट्वीट में अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस दावे कि यूपी में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। अफवाह फैलाने वालों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी, पर तंज कसते हुए कहा कि ‘वो झूठ बोल रहा था बड़े सलीके से, मैं एतबार न करता तो और क्या करता।’

कोरोना की दूसरी लहर में श्मशान घाटों पर बड़ी तादाद

लखनऊ : कोरोना की दूसरी लहर में श्मशान घाटों पर बड़ी तादाद में पहुंच रहे शवों के चलते अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी कम पड़ रही है। शहर के लकड़ी ठेकेदार इस जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए अब दूसरे जिलों से लकड़ी मंगाई जा रही है। नगर निगम अब तक करीब नौ हजार क्विंटल लकड़ी वन के कई जिलों के प्रभाग से मंगा चुका है। यही नहीं अंतिम संस्कार का खर्च बढ़ने से नगर निगम के पास बजट की भी कमी हो गई है। इसलिए उसने शासन से 20 करोड़ रुपये की मदद भी मांगी है।

इस समय अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की खपत पहले के मुकाबले 10 गुना तक बढ़ गई है, क्योंकि सामान्य दिनों के मुकाबले इन दिनों अंतिम संस्कार के लिए रोजाना 200 से 300 तक शव पहुंच रहे हैं। आम दिनों में यह संख्या रोजाना 20 से 30 तक रहती थी। शहर के लकड़ी ठेकेदारों के हाथ खड़े कर देने से नगर निगम को वन निगम से लकड़ी मंगानी पड़ी। अब तक वन निगम के बहराइच, लखीमपुर खीरी, गोंडा, बलिया, अयोध्या और नजीबाबाद प्रभाग से करीब नौ हजार क्विंटल लकड़ी मंगाई जा चुकी है।

बीते माह तक बैकुंठधाम और गुलालाघाट पर अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम की ओर से लकड़ी व्यवस्था नहीं थी। अंतिम संस्कार कराने वाले पंडे ही लकड़ी बेचते थे। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में शवों की बढ़ी तादाद से लकड़ी की किल्लत हुई और विद्युत शवदाह गृह पर लाइन लगने लगी तो नगर निगम खुद लकड़ी का इंतजाम कराने लगा। विद्युत शवदाह गृह की तरह ही संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी, घी व अन्य सामग्री भी नगर निगम निशुल्क देता है। हालांकि, सामान्य शवों के लिए अंतिम संस्कार की व्यवस्था पूर्व की तरह ही है। इनके लिए पंडों से ही तय रेट पर लकड़ी खरीदी जा रही है।

इस समय बैकुंठधाम और गुलाला घाट पर रोजाना औसतन 200 से 300 तक शव लाए जा रहे हैं। इनमें करीब 50 फीसदी संक्रमित होते हैं। संक्रमित शवों में 50 से 60 का ही अंतिम संस्कार दोनों घाटों पर बिजली से हो पाता है। शेष का लकड़ी से किया जा रहा है। ऐसे में करीब औसतन 200 शवों का अंतिम संस्कार लकड़ी से होता है। एक पर करीब साढ़े तीन क्विंटल के हिसाब से करीब 700 क्विंटल लकड़ी रोज खर्च हो रही है।

टीम वर्क और सभी के सहयोग से फिर जीतेंगे कोविड से लड़ाई बोले सीएम योगी

लखनऊ :  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोविड-19 महामारी से लड़ाई, टीम वर्क, सामूहिक भावना और समाज के प्रत्येक स्तर पर सभी के सहयोग व समन्वय से लड़नी होगी। पिछले 4-5 दिनों में कोरोना केसेज में गिरावट और रिकवरी की दर में वृद्धि एक सुखद संकेत है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष के अनुभव का लाभ उठाते हुए एक बार फिर कोरोना को परास्त कर हम इस लड़ाई में सफल होंगे।

मुख्यमंत्री मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और नर्सिंग होम एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार हर जिले में कोविड संक्रमित व्यक्तियों के लिए डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग को कार्यवाही का निर्देश दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि एल-1 सुविधा के 1 लाख 16 हजार बेड उपलब्ध हैं। एल-2 व एल-3 के 65000 बेड उपलब्ध हैं। इन बेड्स की संख्या को दोगुना करने का निर्देश दिया गया है। आरटीपीसीआर टेस्ट की क्षमता 10 मई तक दोगुनी की जाएगी। उन्होंने लैब क्षमता का विस्तार करने का निर्देश दिया है। कहा कि इन प्रयासों में सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र को भी जुड़ना होगा। मुख्यमंत्री कोविड के सम्बन्ध में भ्रांतियों को दूर करने और जागरूकता उत्पन्न करने में  निजी क्षेत्र के चिकित्सकों, आईएमए और नर्सिंग होम एसोसिएशन को अपना सक्रिय योगदान करने का आह्वान किया।

इस मौके पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कोविड-19 के संबंध  में प्रस्तुतिकरण दिया। मेदान्ता के निदेशक डॉ. राकेश कपूर (लखनऊ), डॉ. राजीव कक्कड़ (कानपुर), डॉ. अनिल ओहरी (वाराणसी) आईएमए अध्यक्ष यूपी डॉ. एमके बंसल, यूपी नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुशील सिन्ह एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की। इन सभी ने आश्वस्त किया कि वे राज्य सरकार के सहयोग व समन्वय से इस संघर्ष में पूरा योगदान देंगे। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने वेबिनार का संचालन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। ऑक्सीजन का दुरुपयोग हर हाल में रोका जाए। उन्होंने बताया कि पिछले 4 वर्षों में प्रदेश में 3 दर्जन ऑक्सीजन प्लाण्ट्स की स्थापना की गई है। 39 चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन प्लाण्ट्स की स्थापना की कार्यवाही चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि। मीडिया में कोविड को परास्त करने वालों की सफलता की कहानियां प्रसारित-प्रचारित की जाएं। इनसे जनता जागरूक होगी और उसके अन्दर का भय समाप्त होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ चिकित्सक कोविड अस्पतालों में राउण्ड लें। साफ-सफाई की व्यवस्था रहे। कोविड मरीज का मनोबल बढ़ाया जाए। डॉक्टर्स व पैरामेडिक्स तथा सफाई कर्मी स्वयं का बचाव करते हुए कोविड मरीजों की सेवा करें। डॉक्टर्स व पैरामेडिक्स के संक्रमित होने की स्थिति में प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध रहें, यह सुनिश्चित किया जाए। वेंटीलेटर और एचएफएनसी क्रियाशील रहें। उन्होंने कहा कि हर जिले में हेल्पलाइन की व्यवस्था है। इनमें प्रशिक्षित व संवेदनशील लोगों की ड्यूटी लगायी जाए।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा भेजा गया ऑक्सीजन टैंकर

लखनऊ :   कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ऑक्सीजन टैंकर भेजा था जो कि बुधवार को लखनऊ के मेदांता अस्पताल पहुंच गया। यह टैंकर छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से भेजा गया था जो कि बुधवार को पहुंचा। बता दें कि प्रदेश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण कई जिलों के अस्पतालों में ऑक्सीजन न मिलने की खबरें आ रही हैं। हालांकि, प्रदेश सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि प्रदेश में कहीं भी ऑक्सीजन और दवा की किल्लत नहीं है।

इसके पहले मंगलवार को प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण से प्रभावित जनता को तत्काल राहत दिलाने का अनुरोध किया था। उन्होंने लिखा था कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर शहरों की सीमाओं को लांघकर अब गांवों में अपना पैर पसार रही है। चिंता की बात ये है कि प्रदेश में कोरोना जांच अपर्याप्त है। प्रियंका ने पत्र में कहा था कि ग्रामीण इलाकों में तो जांच तक नहीं हो रही है। वहीं, शहरी इलाकों के लोगों को जांच कराने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। कई दिन तक रिपोर्ट नहीं आती। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाइयों की घोर किल्लत और इनकी बड़े पैमाने पर कालाबाजारी भी बड़ी चिंता है। आयुष्मान योजना को कोई अस्पताल नहीं मान रहा। लोग ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और अन्य जीवन रक्षक दवाओं की तीन-चार गुनी कीमत चुकाने को मजबूर हैं। चिंता श्मशान घाटों पर हो रही लूट-खसोट और कुल मौतों के आंकड़ों को कम बताने को लेकर भी है। अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी नहीं मिल रही।

प्रियंका ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के कल्याण के लिए एक समर्पित आर्थिक पैकेज की घोषणा करने, युद्ध स्तर पर ऑक्सीजन-युक्त बेड की उपलब्धता बढ़ाने, कोरोना संक्रमण एवं मौत के आंकड़ों को न छुपाने, आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने, आंगनबाड़ी और आशा कर्मियों की मदद से ग्रामीण इलाकों में दवाओं व उपकरणों की कोरोना किट बंटवाने की व्यवस्था करने की मांग की थी।

चिनहट में प्लाई फैक्ट्री में लगी भीषण आग

लखनऊ : राजधानी लखनऊ के चिनहट इलाके में बुधवार सुबह करीब चार बजे एक प्लाई फैक्ट्री में भीषण आग लग गई जिससे हड़कंप मच गया हालांकि, काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। आग इतनी भीषण थी कि बुझाने के लिए दमकल की कई गाडि़यों को बुलाया गया। आखिरकार आग बुझाने में सफलता मिल ही गई।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.