
सरकार, समाज व निगरानी समितियां मिलकर काम करें तो जीत तय बोले- मुख्यमंत्री योगी
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब उस स्थिति में पहुंच चुकी है, जिसमें हम सभी को पूरी मजबूती से जुटना होगा। सरकार, समाज, स्वास्थ्य कर्मी, स्वच्छता कर्मी, स्वैच्छिक संगठन, निगरानी समितियां मिलकर कार्य करेंगे, तो निर्णय हमारे पक्ष में होगा।
मुख्यमंत्री निगरानी समितियों की गतिविधियों के संबंध में वर्चुअल माध्यम से आयोजित द्विपक्षीय संवाद कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने विभिन्न ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की निगरानी समितियों के सदस्यों से संवाद स्थापित किया। प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 72 हजार से अधिक निगरानी समितियां सराहनीय कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना में उपचार से अधिक बचाव महत्वपूर्ण है। आशा, आंगनबाड़ी, युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और सिविल डिफेंस आदि के स्वयंसेवक अच्छा कार्य कर रहे हैं। निगरानी समितियों ने कोरोना की पहली वेव में अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य किया था।
उन्होंने कहा कि सरकार ने लगातार टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने का कार्य किया, जिसके परिणामस्वरूप आज दो लाख से सवा दो लाख टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता सृजित हुई है। 10 मई तक आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या को दोगुना करने की तैयारी की जा रही है। आज हमारे पास एल-1 श्रेणी के 1 लाख 16 हजार और एल-2 व एल-3 श्रेणी के 65 हजार बेड उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय पर उपचार दिलाने में निगरानी समितियों का बड़ा योगदान है। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारियों, जिला पंचायतीराज अधिकारियों, नगर आयुक्तों, अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सुनिश्चित करें कि निगरानी समितियों के पास इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर और सैनिटाइजर अवश्य हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर कोविड पॉजिटिव को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। इसी प्रकार प्रत्येक कोरोना मरीज के लिए ऑक्सीजन, वेंटीलेटर या रेमडेसिविर आवश्यक नहीं है। निगरानी समितियां अपने क्षेत्र में प्रवासी कामगारों और श्रमिकों की इन्फ्रारेड थर्मामीटर से जांच करें। एंटीजेन टेस्ट या आरटीपीसीआर जांच में विलंब हो, तो ट्रूनेट मशीन से टेस्टिंग कराई जाए। जांच में पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के उपचार की व्यवस्था की जाए। मेडिकल किट उपलब्ध कराने में यदि कोई दिक्कत आए तो निगरानी समितियां मुख्य विकास अधिकारी को अवगत करा सकती है।मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में क्वारंटीन सेंटर विद्यालय, पंचायत भवन या किसी अन्य सार्वजनिक भवन में स्थापित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ को माह मई व जून के लिए पुन: प्रारम्भ किए जाने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न पैकेज का लाभ हर जरूरतमन्द को उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्पित है। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर, बरेली और मीरजापुर की ग्रामीण निगरानी समितियों और गाजियाबाद, फिरोजाबाद व कुशीनगर के शहरी क्षेत्रों की निगरानी समितियों के सदस्यों के साथ संवाद करते हुए उनके कार्यों की जानकारी प्राप्त की। वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन और पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी शामिल हुए।
यूपी सरकार गरीबों को मई व जून में निशुल्क देगी खाद्यान्न
लखनऊ : यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड की इस विभीषिका के बीच राज्य सरकार प्रत्येक नागरिक के भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था के लिए संकल्पित है। राज्य सरकार पीडीएस के अंतर्गत पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्ड धारक को मई और जून माह में निःशुल्क राशन प्रदान करेगी। इसमें ई-पॉश मशीनों से नेशनल राशन पोर्टिबिलिटी की सुविधा के साथ अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा यह राशन भारत सरकार द्वारा एनएफएसए अंतर्गत मई-जून माह के लिए घोषित निःशुल्क राशन के अतिरिक्त होगा। उन्होंने इस संबंध में संबंधित विभाग व अफसरों को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी बुधवार को टीम इलेवन के साथ वर्चुअल बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोविड प्रबंधन की दिशा में टीम वर्क से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। विगत लगभग एक सप्ताह से प्रदेश के रिकवरी दर में हर दिन सुधार देखने को मिल रहा है। विगत 24 घंटे में प्रदेश में 35,903 लोग कोविड से लड़ाई जीत कर स्वस्थ हुए हैं। सभी प्रदेशवासी कोविड प्रोटोकॉल के अनुरूप आचरण करें। मास्क, सैनिटाइजर और दो गज की दूरी के सिद्धांत को व्यवहार में लाएं।
स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से सीएचसी एक छोटी और अति महत्वपूर्ण इकाई है। यहां ऑक्सीजन प्लांट लगाने की लंबी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के साथ ही अपेक्षा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसी तुरंत उपयोग में आने वाली उपयोगी प्रणाली प्रभावी हो सकती है। प्रदेश के सभी सीएचसी में न्यूनतम 10-10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने की कार्रवाई हो।
टीकाकरण (वैक्सीनेशन) कराने के लिए ग्लोबल टेंडर
लखनऊ : यूपी सरकार प्रदेश के हर नागरिक का टीकाकरण (वैक्सीनेशन) कराने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी करेगी। ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा। टीकाकरण के लिए बनाई गई कमेटी ने सरकार को ग्लोबल टेंडर जारी करने की सलाह दी है।बता दें कि एक मई से प्रदेश में कोरोना टीकाकरण का महाभियान शुरू होने वाला है। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश के करीब नौ करोड़ लोगों का टीकाकरण होना है।
ऑक्सीजन के लिए सोनू सूद को ट्वीट करने पर दर्ज हुआ केस
लखनऊ : रामगंज थाने के रतापुर गांव निवासी शशांक यादव नेे 26 अप्रैल की रात में 8:00 बजे अपने ट्विटर हैंडल से अभिनेता सोनू सूद को ट्वीट किया। शशांक ने लिखा कि अमेठी में हमारे नाना के लिए ऑक्सीजन आवश्यकता है। इस ट्वीट के सोशल मीडिया पर वायरल होने के कुछ देर बाद दूसरा ट्वीट सामने आया कि नाना जी गुजर गए। इस ट्वीट को देखने व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संज्ञान लेने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमा व पुलिस विभाग ने जांच की तो पूरा मामला फर्जी पाया गया।
युवक का ट्वीट फर्जी मिलने के बाद रामगंज पुलिस ने युवक के खिलाफ धारा 188, 269, 505, 03 महामारी अधिनियम और आपदा अधिनियम की धारा 54 के तहत मुकदमा दर्ज कर युवक को नोटिस तामील कराई। एसपी दिनेश सिंह ने बताया कि ट्वीट के बाद हमने और सीएमओ साहब ने कई बार शशांक से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन फोन बंद था। हमें लगा कि मुश्किल की घड़ी में फोन किसी वजह से बंद हो गया होगा। लिहाजा पुलिस ने मोबाइल की लास्ट लोकेशन को ट्रेस किया और शशांक के घर पहुंची तो वह सोता हुआ मिला।
पूछताछ के दौरान उसने बताया कि बुजुर्ग दूर के रिश्ते में शशांक के नाना लगते थे। वे 88 साल के थे और बीमार थे। हालांकि उन्हें न तो कोरोना था और न ही ऑक्सीजन के लिए कोई चिकित्सीय परामर्श ही डॉक्टर द्वारा दी गई थी। एसपी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के माध्यम से मदद मांग सकता है। उसके लिए हम हमेशा तैयार हैं। लेकिन इस आपदा के समय में अमेठी के लोगों से अपील है कि वे भ्रामक जानकारी न फैलाएं। क्योंकि झूठी डिमांड से कोरोना वॉरियर्स परेशान होंगे और जिन्हें वास्तव में जरूरत है उनकी मदद नहीं हो सकेगी।
5 कोरोना वाय कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण यूपी आईएएस एसोसिएशन व राजस्व परिषद के अध्यक्ष दीपक त्रिवेदी का गुरुवार को निधन हो गया। वह लखनऊ पीजीआई में भर्ती थे। वह एक दिन बाद रिटायर होने वाले थे। दीपक त्रिवेदी कई जिलों के जिलाधिकारी व मंडलायुक्त रहने के अलावा मुख्य सचिव नियुक्त आबकारी भी रह चुके थे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। बता दें कि इसी सप्ताह भाजपा के तीन विधायकों के साथ ही पूर्व मंत्री हाजी रियाज अहमद का भी कोरोना के कारण निधन हो चुका है।
लखनऊ में कोविड बेड की संख्या उपलब्ध कराने की कवायद
लखनऊ : राजधानी लखनऊ में कोविड बेड की संख्या उपलब्ध कराने की कवायद अस्पतालों की मनमानी से परवान नहीं चढ़ पाई है। बुधवार से शुरू पोर्टल पर पहले दिन 71 में से 25 निजी अस्पतालों ने ही ब्योरा दिया। इसके हिसाब से कुल 665 बेड खाली दिख रहे हैं। हालांकि, यह साफ नहीं है कि इनमें से कितने में ऑक्सीजन की समस्या है। जिला प्रशासन ने सभी अस्पतालों को पोर्टल पर सूचना अपलोड करने के लिए कहा था। एक हफ्ते से इसकी तैयारियों के बावजूद दावे हवा-हवाई साबित हुए। सुबह 10 बजे तक सिर्फ आठ अस्पतालों ने ही बेड की संख्या अपलोड की थी। देर रात यह आंकड़ा 25 पहुंचा। वहीं, पोर्टल पहले ही दिन दोपहर को ठप हो गया। हालांकि, शाम को यह फिर शुरू हो गया।
अथर्व मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, मेयो, चंदन, मेदांता, डॉक्टर ओपी चौधरी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, निशात, अपोलो मेडिक्स टेंडर पॉम हॉस्पिटल, करियर मेडिकल कॉलेज, एसजीपीजीआई, प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, राम सागर मिश्रा, केजीएमयू, चरक, मां चंद्रिका देवी हॉस्पिटल मेडिकल सेंटर, सिप्स, जगरानी, केके हॉस्पिटल, सीएमएस हॉस्पिटल, राधा कृष्ण सरकार मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, रॉकलैंड, बाबा हॉस्पिटल, श्री साईं हॉस्पिटल मेडिकल हॉस्पिटल।
बलरामपुर, लोहिया संस्थान, लोकबंधु और रेलवे अस्पताल ने बेड संबंधी जानकारी दर्ज नहीं की। वहीं, इंटीग्रल, कैरियर, एरा, हिन्द और टीएसएम में कितने बेड खाली हैं, इसका ब्योरा अपलोड नहीं किया।
निजी कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट थम नहीं रहा2
लखनऊ : बुधवार को टेंडर पॉम कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो जाने से भर्ती महिला की मौत हो गई। इससे गुस्साए परिजनों ने हंगामा काटा। वहीं, हड़कंप मचा तो अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के बजाय मरीजों को दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए पत्र थमा दिया। इस पर तीमारदारों ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने लोगों को शांत कराया। जिला प्रशासन ने टेंडर पॉम हॉस्पिटल को कोविड अस्पताल में तब्दील किया था। यहां 30 बेड पर कोविड मरीज भर्ती थे। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन के अधिकारियों से कई बार मांगने पर भी अस्पताल को मांग के अनुरूप ऑक्सीजन नहीं मिली। इससे बुधवार दोपहर अस्पताल में ऑक्सीजन का संकट गहरा गया।
इस दौरान मरीज रेखा सिंह की ऑक्सीजन के अभाव में मौत हो गई। इसे लेकर तीमारदारों ने हंगामा शुरू कर दिया। मामला बढ़ता देख अस्पताल प्रशासन ने अन्य मरीजों की जान बचाने के लिए उन्हें दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए तीमारदारों को पत्र थमाना शुरू किया। देर शाम तक ऑक्सीजन न पहुंची तो अस्पताल प्रशासन ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए।उधर, तीमारदारों ने मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाने से मना कर दिया। इसे लेकर हंगामा होने लगा। पुलिस ने मामला शांत कराया। इसके बाद छह से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर मिलने पर मरीजों का इलाज दोबारा शुरू हो सका। मामले में अस्पताल प्रबंधन का पक्ष जानने के लिए उनके नंबर पर कई बार कॉल की गई, लेकिन फोन नहीं उठा।