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अखिलेश यादव ने भाजपा को बताया ठहरा रथ

लखनऊ : सियासी पारा चढ़ गया। इसे भाजपा की तरफ से सियासी बिगुल फूंकने की तरह देखा जा रहा है। इसके साथ ही आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चल पड़ा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सोशल मीडिया पर अक्सर कमेंट कर भाजपा पर निशाना साधते रहते हैं। गुरूवार को उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश का ठहरा रथ भला कैसे हो गतिमान पहिया धँसा है दरअसल, कयास ये लगाए जा रहे हैं कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ये चुनाव अपने दम पर लड़ेगा इसलिए सभी बड़े फैसले हाईकमान तय करेगा। इसी को लेकर अखिलेश ने तंज कसा है।बता दें कि यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जिसे लेकर माहौल बनने लगा है। इन चुनाव को भाजपा के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है। वहीं, कोरोना महामारी के दौरान जनता को हुई मुश्किल और पंचायत चुनाव में आए परिणामों को देखते हुए यूपी चुनाव भाजपा के लिए आसान नहीं माना जा रहा है।

WHO के मानक से हर रोज दस गुना ज्यादा टेस्ट

लखनऊ : यूपी सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक से 10 गुना ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं। जिसका परिणाम है कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार यूपी में प्रतिदिन 32 हजार टेस्ट का लक्ष्य था लेकिन हर रोज औसतन 3 लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए। प्रदेश में प्रति पाजिटव केस पर 31 कांटेक्ट सैंपल टेस्ट किए गए जबकि महाराष्ट्र में 6, कर्नाटक में 11, केरल में 8, दिल्ली में 14, तमिलनाडु में 12 और आंध्र प्रदेश में 11 कांटेक्ट सैंपल टेस्ट किए गए। बीते 24 घंटे में प्रदेश में सिर्फ 642 कोरोना के नए मामले मिले हैं जबकि तीन लाख छह हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं। प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी की दर 0.2 प्रतिशत है जबकि रिकवरी दर 98 प्रतिशत है। प्रदेश में इस समय कोरोना के कुल 12243 मामले ही सक्रिय हैं उत्तर प्रदेश पांच करोड़ से ज्यादा कोरोना टेस्ट करने वाला एकमात्र राज्य है। बता दें कि यूपी सरकार कोरोना को नियंत्रित करने के लिए थ्री टी टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीट की नीति पर काम कर रही है जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।

शहरों में कई जगह जलभराव

लखनऊ : यूपी में गुरूवार को हुई झमाझम बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी है पर शहरों में कई जगह जलभराव हो गया तो कई जगह कालोनियों में घरों तक पानी भर गया। हर वर्ष बारिश होने पर ऐसे ही हालात हो जाते हैं। वहीं, लखनऊ में कई जगह सड़कें धंस गईं। बताया जा रहा है कि अमृत योजना के तहत हो रहे काम के बाद सिर्फ मिट्टी डालकर ही खोदे गड्ढे भर दिए गए जिससे बारिश होने पर मिट्टी धंस जा रही है। शहर में हर बार बारिश के मौसम में ऐसे ही नजारे रहते हैं लेकिन इस समस्या के समाधान के लिए कोई स्थाई प्रबंध होता हुआ नजर नहीं आता। गुरूवार को यूपी के कई शहरों में सुबह से ही झमाझम बारिश होने लगी जो कि दोपहर करीब 12 बजे तक होती रही। इससे लोगों को सड़कों व कालोनियों में जलभराव का सामना करना पड़ा। कई जगह की सड़कें तो पूरी तरह उधड़ गईं।

सियासी दांव पेंच में माहिर नेताओं ने नफा नुकसान का आंकलन तेज कर दिया

लखनऊ : भाजपा में पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के शामिल होने से जिले की राजनीति में आने वाले दिनों में बड़ा असर पड़ेगा। राजनीतिक गलियारों में अभी से इसके कयास लगने शुरू हो गए हैं। सियासी दांव पेंच में माहिर नेताओं ने नफा नुकसान का आंकलन तेज कर दिया है।लब्बोलुवाब यही निकलकर सामने आ रहा है कि जितिन भाजपा के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकते हैं। वजह, वह जिले की ब्राह्मण बहुल तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा की नैया के खेवनहार हो सकते हैं। महोली, सेवता और सदर विधानसभा क्षेत्रों में ब्राह्मण वोटर किसी भी दल को हराने-जिताने की पोजीशन में हैं। जितिन प्रसाद की ब्राह्मण मतदाताओं में अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में 2022 को सेमीफाइनल मानकर चल रही भाजपा के जिले के नेता जितिन से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद संजोने लगे हैं। जितिन प्रसाद को पार्टी में ज्वॉइन कराकर भाजपा ने जो ब्राह्मण कार्ड खेला है, उसका लाभ सीतापुर में भी पार्टी को अच्छा खासा मिलने की उम्मीद है। जिले में सदर, महमूदाबाद, सिधौली, सेवता, हरगांव, मिश्रिख, महोली, लहरपुर और बिसवां विधानसभा क्षेत्र हैं। यूं तो सभी सीटों पर ब्राह्मण वोटर हैं, लेकिन सदर, सेवता और महोली पर इस बिरादरी के वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है। तीनों सीटों पर ब्राह्मण वोटर किसी भी दल को हराने जिताने की कूबत रखते हैं।

फिलहाल, सत्ताई दल भाजपा के पास जिले में कोई भी ऐसा कद्दावर ब्राह्मण नेता नहीं था, जिसकी एक क्षेत्र विशेष के अलावा बाहरी पकड़ हो। इस श्रेणी में पूर्व सांसद जर्नादन मिश्र हैं, लेकिन वृद्धा अवस्था के चलते वह राजनीतिक तौर पर सक्रिय नहीं हैं। जितिन के आने से जिले में सत्ताई दल ने ब्राह्मण नेता की रिक्तता पूरी कर ली है। एक तो जितिन पड़ोसी जिले शाहजहांपुर के मूल निवासी हैं, दूसरे वह जिले से ताल्लुक रखने वाली धौरहरा लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं। जितिन को शामिल कराकर भाजपा की ओर से खेला गया ब्राह्मण कार्ड विपक्षी दलों की धड़कनें बढ़ाने का काम कर गया है। अब उनके सामने भी ब्राह्मणों को एकजुट करने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। फिलहाल सपा और बसपा में भी कद्दावर ब्राह्मण नेता का अभाव है। ऐसे में सत्ताई दल के दांव से विपक्षी कैसे निपटेंगे, इसे लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कांग्रेस की मुश्किलें तो और ज्यादा ही बढ़ने की संभावना बन गई है। इसकी वजह पार्टी का संगठन है। संगठन में अधिकांश बड़े पदाधिकारी जितिन के काफी नजदीक हैं। जितिन के भाजपा में शामिल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस के संगठन को लेकर भी तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। सेवता विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक ब्राह्मण वोटर हैं। यहां 28.80 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता हैं। 21.07 प्रतिशत मतदाताओं के साथ महोली दूसरे स्थान पर हैं। सदर विधानसभा में 19.24 प्रतिशत ब्राह्मण वोटर हैं। हरगांव में 14.80 और सिधौली में 9.61 प्रतिशत ब्राह्मण वोटर हैं।

कोरोना त्रासदी ने समझाया जिंदगी का सही अर्थ

लखनऊ : अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बंसल के जन्मदिवस को सेवा संकल्प दिवस के रूप में आयोजित करते हुए संगठन के पदाधिकारियों ने प्रदेश के सभी जनपदों में सेवा के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया राजधानी लखनऊ में चारबाग मे भंडारे का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ स्वयं संदीप बंसल ने किया जहां पर 500 लोगों को भोजन कराया गयासंदीप बंसल ने इस अवसर पर कहा  करोना त्रासदी ने इंसान को जिंदगी का सही अर्थ समझा दिया है सिर्फ बनावट और पैसा रूपया किसी काम आने वाला नहीं है सेवा और परोपकार जीवन के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए सभी को इस को समझना होगा सेवा संकल्प दिवस आयोजित करने का यही उद्देश्य है उन्होंने बताया की रायबरेली शाहजहांपुर सहारनपुर हरदोई जनपदों में सेवा संकल्प दिवस के अवसर पर रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में व्यापारियों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया

संगठन के राष्ट्रीय मंत्री रिपन कंसल, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य प्रदीप अग्रवाल, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष आकाश गौतम प्रदेश प्रवक्ता एव नगर महामंत्री  सुरेश छाबलानी ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में सादगी के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भंडारों कॉल दवा अनाज वितरण एवं पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किए ग विशेष रुप से जनपद प्रयागराज, महाराजगंज, इटावा, बागपत, एटा, हाथरस पीलीभीत काशी, कानपुर महानगर, कानपुर ग्रामीण, फिरोजाबाद, मथुरा, देवरिया, बाराबंकी, सीतापुर, सुल्तानपुर, अमेठी, बस्ती, सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर, बरेली, मेरठ मैं सैकड़ों लोगों को भोजन कराया गया उन्होंने बताया कि राजधानी लखनऊ में चारबाग रविंद्रालय के सामने राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बंसल द्वारा स्वयं भोजन पैकेट का वितरण किया गया सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 500 लोगों को भोजन एवं जल के पैकेट वितरित किए गए। सेवा संकल्प दिवस 9 जून के अवसर पर उपस्थित रहने वाले प्रमुख पदाधिकारियों में कार्यवाहक अध्यक्ष जावेद बैग, युवा महामंत्री नीरज गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, नितिन श्याम अग्रवाल, जय मिगलानी, अनिल मेघानी, अमरनाथ चौधरी, अश्वन बर्मा,मोहनीष त्रिवेदी, सनोज गुप्ता, पीयूष गुप्ता,अमरजीत कुरील, अवधेश सोनकर, मो सलिम प्रमुख् रूप से उपस्थित थे।

डीहाइड्रेशन  यह आपके ब्लड प्रेशर को कैसे प्रभावित करता है

लखनऊ : गर्मियों की शुरुआत होने से  डिहाइड्रेशन होने की समस्याएं बड़े पैमाने पर होने लगती हैं। हालांकि गर्मियों में लोग तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करने लगते हैं लेकिन यह हमारे शरीर की जरूरत की मात्रा को पूरा नहीं करता है। गर्म और उमस भरे दिनों में हमारे शरीर से पसीना निकलता है जिससे पानी की बहुत कमी हो जाती है और कभी-कभी जब हम पर्याप्त तरल पदार्थ नहीं पीते हैं तो हम डीहाइड्रेशन से पीड़ित हो जाते हैं। अगर समय पर इस स्थिति का निवारण न किया जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है। और यह शरीर के ब्लड प्रेशर के लेवल में उतार-चढ़ाव कर सकता है।

डीहाइड्रेशन और कम ब्लड प्रेशर

अगर ब्लड प्रेशर का लेवल 90/60 मिमी एचजी है, तो शरीर में इसे ब्लड प्रेशर का कम लेवल माना जाता है। ख़ून कम होने के कारण डीहाइड्रेशन से ब्लड प्रेशर का कम होना प्रमुख कारण माना गया है। इसलिए ख़ून की सामान्य मात्रा बनाए रखना आवश्यक है ताकि ख़ून आपके शरीर के विभिन्न टिश्यू तक पर्याप्त रूप से पहुंच सके। जब आप डीहाइड्रेटेड होते हैं तो आपके अंदर खून की मात्रा कम हो जाती है और इससे ब्लड प्रेशर में गिरावट आती है। जब ब्लड प्रेशर बहुत कम हो जाता है, तो व्यक्ति को जरूरी ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिलते हैं।

डीहाइड्रेशन और हाई ब्लड प्रेशर

अगर ब्लड प्रेशर की रीडिंग 140 मिमी एचजी या उससे अधिक है या 90 मिमी एचजी या उससे अधिक की डायस्टोलिक (निचली संख्या) रीडिंग है, तो आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है। डीहाइड्रेशन को हाई ब्लड प्रेशर से कैसे सम्बंधित है इस पर बहुत ही कम स्टडी हुई है। दोनों के बीच संबंध का पता लगाने के लिए स्टडी की जा रही है। प्रारंभिक तथ्य बताते हैं कि डीहाइड्रेशन में वैसोप्रेसिन नामक हार्मोन की क्रिया के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने की संभावना होती है। यह हार्मोन शरीर में तब निकलता है जब ख़ून में सोडियम का लेवल ज्यादा होता है, या जब आपमें कम खून होता है। ये दोनों चीजें तब हो सकती हैं जब आप बहुत ज्यादा तरल पदार्थ नहीं खाते हैं। इसलिए, जब आप डीहाइड्रेटेड होते हैं, तो आपके गुर्दे पानी को मूत्र में प्रवाहित करने के बजाय पुन: अवशोषित कर लेते हैं। वैसोप्रेसिन की उच्च सांद्रता भी आपके ब्लड वाहिकाओं को कसने का  काम करती है। इससे ब्लड प्रेशर में वृद्धि हो सकती है।

डीहाइड्रेशन के लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए कुछ लक्षण निम्न हैं।

प्यास लगना

मुंह का सूखना

बहुत कम बार पेशाब करना

मूत्र का रंग गहरा होता है

थका हुआ महसूस करना

चक्कर आना

भ्रम होना

डीहाइड्रेशन के कारण

अगर आपको लगता है कि पर्याप्त पानी नहीं पीने से आपको डीहाइड्रेशन हो सकता है तो आप बहुत गलत सोचते हैं। डीहाइड्रेशन के अन्य संभावित कारण भी हैं जो निम्नलिखित हैं

बीमारी – तेज बुखार से भी डीहाइड्रेशन हो सकता है। इसके अतिरिक्त, उल्टी और दस्त होने से शरीर में तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स की हानि हो सकती है।

पसीना ज्यादा निकलना – गर्म मौसम में एक्सरसाइज करने से पसीना आने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती हैऔर अगर आप बुखार से पीड़ित हैं तो आपमें ज्यादा पसीना निकल सकता है।

बार-बार पेशाब आना- ज्यादा पेशाब लगने से भी पानी की कमी हो सकती है।  मूत्रवर्धक जैसी दवाएं, डायबिटीज जैसी अंडरलाइंग कंडीशन, और शराब का सेवन सभी बार-बार पेशाब आने का कारण बन सकते हैं।

अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहने के लिए यहां पांच तरीक़े बताए जा रहे हैं

अपने तरल पदार्थ के सेवन के बारे में खुद को जागरूक करने के लिए, आप कितना पानी पी रहे हैं, यह लिखना शुरू करें। ऐसा एक हफ्ते तक करते रहें।सुबह बिस्तर से उठने के बाद एक गिलास पानी पीने की आदत डालें। अपने साथ एक बोतल रखें और हर घंटे पीते रहें।अगर आप सामान्य पानी पीने से ऊब चुके हैं, तो आप इसमें एक तीखा स्वाद जोड़ने के लिए नींबू मिला सकते हैं।आप चाय या कॉफी जैसे गर्म ड्रिंक पी रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप इसे पीने से पहले एक गिलास पानी पिएं।डीहाइड्रेशन से बचने के लिए, सुनिश्चित करें कि आप ह्यूमिडिफायर चला रहे हैं जो गर्मी या गर्म झोंके के प्रभाव को कम करें।

विधायकों मंत्रियों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को गोद लेते समय वहां पर फार्मेसिस्टों के पद बढ़ाने की भी आवश्यता- सुनील यादव

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूरे प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को विधायकों एवं मंत्रियों द्वारा गोद लेकर उसकी व्यवस्था को सुदृढ़ करने का स्वागत करते हुए फार्मेसिस्ट फेडरेशन ने माननीय मुख्यमंत्री  को पत्र लिखकर यह भी मांग की है कि वहां उत्कृष्ट कार्य के लिए जनहित में फार्मेसिस्ट के अतिरिक्त पदों के सृजन किया जाना आवश्यक हैं पत्र की प्रति मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव कार्मिक, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य को भी प्रेषित की गई है ।फेडरेशन ने माननीय मुख्यमंत्री  सहित सभी विधायकों एवं मंत्रियों का आभार व्यक्त किया है कि प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति सुधारने की एक अच्छी पहल की जा रही है, परंतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सबसे बड़ी समस्या वहां मानव संसाधन की कमी है, इसलिए वहां के भवनों की मरम्मत के साथ ही मानव संसाधन बढ़ाया जाना भी आवश्यक है । फार्मासिस्ट फेडरेशन (फार्मासिस्ट महासंघ) के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि मानव के मूल अधिकारों मे राइट टू लाइफ की संवैधानिक व्यवस्था है। इस व्यवस्था में मानव जीवन को भौतिक, मानसिक और आत्मिक रूप से स्वस्थ रंखने का दायित्व सरकार का है।

हमारे देश की अधिकांश जनता ग्रामीण क्षेत्रो में निवास करती है अत

प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जनहित को देखते हुए कार्य एवं आवश्यकतानुसार फार्मेसिस्ट के पदों के मानक में संशोधन किया जाना अनिवार्य है । सुनील यादव ने बताया कि प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) 24 घंटे सेवा देने वाला प्रथम रेफरल केंद्र है, जहां विशेषज्ञ देखभाल की व्यवस्था है । मानक के अनुसार वहां केवल 2 फार्मेसिस्ट के पद हैं जबकि 24 घंटे की 3 शिफ्ट (सुबह 8 से 2, दोपहर 8 से रात 8, रात 8 से सुबह 8 तक) सभी में एक फार्मेसिस्ट आकस्मिक सेवा एवं मेडिकोलीगल के लिए ड्यूटी रूम में रहना अनिवार्य है , लेकिन 2 लोगो से 24 घंटे ड्यूटी रूम में उपस्थिति व्यवहारिक ही नहीं है, इसलिए अक्सर एक फार्मेसिस्ट लगातार 24 से 36 घंटे अस्पताल में रहकर सेवा कर रहा है । वहीं औषधि भंडार, मेडिसिन काउंटर पर आने वाले मरीजो हेतु कम से कम 2 फार्मेसिस्ट, इंजेक्शन, ड्रेसिंग रूम, प्लास्टर रूम, माइनर ओटी आदि सेवाओ हेतु न्यूनतम 2 फार्मेसिस्ट होने ही चाहिए ।

यह भी संज्ञानित है कि संक्रामक रोगों सहित बाल एवं मातृ शिशु कल्याण, ग्रामीण स्वास्थ्य हेतु सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से  पूरे ब्लॉक के स्वास्थ्य कार्यकताओं आंगनबाड़ी  आशा आदि को भी दवाएं वितरित की जाती हैं  राष्ट्रीय कार्यक्रमो में भी फार्मेसिस्टों की ड्यूटी लगाई जाती है ।आवश्यकतानुसार वी आई पी ड्यूटी में एम्बुलेंस में भी फार्मेसिस्ट की ड्यूटी होती है । राष्ट्रीय कार्यक्रम नसबंदी नलबंदी के दिन मरीजो को दवा वितरण के साथ ही कैम्प का प्रबंधन भी फार्मेसिस्ट द्वारा किया जाता है । इस प्रकार न्यूनतम 7 फार्मेसिस्टों के कार्य एवं दायित्व का निर्वहन मात्र 2 फार्मेसिस्टों द्वारा संचालित होने से जनता को उचित व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाऐं उपलब्ध होने में निश्चित ही कठिनाई आती है ।

उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सा, प्रसूति और स्त्री रोग, सर्जरी, बाल रोग, दंत चिकित्सा आदि विशेषज्ञ सेवाएं संचालित हैं. परंतु उक्त केंद्रों पर मानक के अनुसार फार्मेसिस्ट के केवल 2 पद सृजित होते हैं. पूर्व में सृजित केंद्रों पर चीफ फार्मेसिस्ट के एक पद आवंटित किए गए थे परंतु मानक में संशोधन ना होने से नवसृजित सीएचसी पर अभी चीफ फार्मेसिस्ट के पद भी सृजित नही हो रहे। संयोजक एवं फीपो के राष्ट्रीय अध्यक्ष के के सचान, डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप बडोला ने बताया कि शासन स्तर पर मानक संसोधन पर कई बार सहमति भी बनी है, महानिदेशालय से प्रस्ताव भी भेजे गए हैं लेकिन शासनादेश निर्गत ना होने से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्य संचालन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के फार्मेसिस्टों को बुलाया जाता है, जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं भी प्रभावित हो जाती हैं  फेडरेशन के महामंत्री अशोक कुमार,  वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे पी नायक, उपाध्यक्ष ओ पी सिंह, जनपद अध्यक्ष एस एन सिंह, डीपीए जनपद अध्यक्ष सुशील त्रिपाठी ने आशा व्यक्त की है कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा इस बिंदु पर ध्यान दिया जाएगा ।

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