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महात्मा गांधी के संकल्प को पूरा कर रहे महात्मा मोदी : स्वामी चिदानंद सरस्वती

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मेरठ। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बुधवार को मेरठ में कहा कि देश के संसाधनों का दोहन करने की बजाय उनका संरक्षण करने की सीख महात्मा गांधी ने दी थी, जिस पर अमल महात्मा मोदी कर रहे हैं। उन्होंने कहा महात्मा गांधी के बाद महात्मा मोदी एक ऐसा विचार हैं जो अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए जीता और सोचता है। मोदी महात्मा इसलिए भी हैं कि उनके अंदर एक ऐसी महान आत्मा है जो देश के लिए ही नहीं विदेशों के बारे में भी सोचते हैं व संसाधनों का दोहन करने की बजाय उनका संरक्षण करते हुए उसे समाज, देश और विश्व बिरादरी की भलाई के लिए काम कर रहे हैं।
स्वामी चिदानंद ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी संस्कृति का सम्मान खुले मंच से करते हैं और हनुमान चालीसा भी पढ़ते हैं। इसीलिए पूरा विश्वास हिंदुस्तान चालीसा गा रहा है। जिस तरह उन्होंने भारतीय योग संस्कृति को दुनिया के तमाम देशों के लोगों के जीवन का हिस्सा बना दिया, उसी तरह देश की सांस्कृतिक व धार्मिक पहचान को लौटा रहे हैं। 2024 तक चार नहीं बल्कि 24 मंदिरों की भव्यता लौटा कर उनका उद्घाटन करेंगे।
स्वामी शिवानंद ने कहा कि यही कारण है कि अब गोवा से ज्यादा पर्यटक काशी विश्वनाथ में पहुंच रहे हैं। कारण लोगों के मन में देश के प्रति स्वाभिमान जागना है और उन्हें लगता है कि वह भारत के वासी हैं। अग्निवीर जैसी योजना पर युवाओं के विरोध पर स्वामी चिदानंद ने कहा अक्सर लोग भ्रमित होकर ऐसा करते हैं लेकिन अब हमें भ्रम नहीं भाव में जीना है, शंका नहीं श्रद्धा से जीना है और शक नहीं हक से जीना है। राहुल गांधी की यात्रा कर स्वामी चिदानंद ने कहा कि ऐसी यात्रा हर किसी को करनी चाहिए और इस यात्रा का उद्देश्य राष्ट्र को जोड़ना और राष्ट्रभक्ति होनी चाहिए।
कहा कि छोटी-छोटी बातों पर दंगा फसाद से परहेज करते हुए हमें एकजुट होकर आगे बढ़ने की जरूरत है क्योंकि पूरा विश्व भारतवर्ष की ओर देख रहा है। सभी को जात पात की दीवारों को तोड़कर दरारों को भरना चाहिए। गोधरा में क्या हुआ इसकी चर्चा और प्रचार खूब किया गया लेकिन उसके बाद क्या हुआ इस पर कोई बात नहीं करता। उन्होंने कहा कि देश की हरियाली लौटानी है तो हरी को मानने वाले और अली को मानने वालों को साथ मिलकर काम करना होगा। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि जिस दिन देश को लगेगा कि मोदी बहुत काम कर चुके हैं तो वह फकीर की तरह अपना झोला उठाकर आगे बढ़ जाएंगे। सोचना हमें है कि हमें उनकी कितनी जरूरत है। उन्होंने हर घर से बदलाव करने का आह्वान किया। कहा कि अब सभी को घर से निकल कर अपनी संस्कृति से जुड़ने का समय आ गया है। बच्चों को कार दो लेकिन संस्कार भी जरूर देते रहें।

सिर्फ देश नहीं मनुष्यता को बचा रहे मोदी : कैलाश खेर

इस मौके पर उपस्थित गायक कैलाश खेर ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अवतरित महापुरुष की तरह देश को ही नहीं बल्कि मनुष्यत को बचा रहे हैं। आज जब दुनिया में त्राहिमाम मचा हुआ है, चीन में लोग लॉकडाउन के अंदर ही मर रहे हैं, ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति के कारण ही हम सभी बिना मास्क के खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। मेरठ के दौराला शुगर मिल में बचपन के कुछ समय को याद करते हुए कैलाश खेर ने मेरठ के लोगों से उन्हें यहां बुलाते रहने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा आप किसी भी कलाकार को बुलाएं लेकिन आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते रहें और नई पीढ़ी को इससे जोड़ते रहे। कैलाश खेर ने इस मौके पर, दूर इस आकाश की गहराइयों में एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी, योग के स्पर्श से अब योगमय करना है तन मन गीत सुनाया। इसके बाद उन्होंने जगत चेतना है आदि अनंता, कौन है वह, स्वामी देना साथ हमारा, तेरी दीवानी सहित आदि गीत भी सुनाए।

अब मंदिरों को देख होता है गर्व

एनसीईआरटी के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर जगमोहन राजपूत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आइडिया, इमैजिनेशन और इंप्लीमेंटेशन हैं। देश के जिन मंदिरों में श्रद्धा भाव से पहुंचकर मन दुखी हो जाता था उनका जीर्णोद्धार कर उसी काशी विश्वनाथ को देख अब मन प्रफुल्लित हो उठता है। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को राष्ट्रत्व समझा दिया है। उन्होंने साबित किया है कि कठिनाइयां कितनी भी हो मंजिल मिलती ही है। तभी तो विदेशों में पहुंचने पर वहां के लोग मोदी और भारत के बारे में जानने की इच्छा रखने के साथ ही उनसे भी मिलना चाहते हैं जो प्रधानमंत्री मोदी से मिल चुके हैं। इस कार्यक्रम में सांसद राजेंद्र अग्रवाल सहित शहर के तमाम स्कूलों के प्रबंधकगण, शिक्षकगण व प्रधानाचार्य उपस्थित रहे। पुस्तक के लेखक सुरेंद्र कुमार जैन ने बताया कि उन्होंने करीब एक साल के दौरान प्रबुद्ध जनों से प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों, उनके कार्यों पर चर्चा करते हुए, उनकी समीक्षा लेते हुए उसमें से निकले निचोड़ को 11 पतियों में किताब लिखी है। इनमें आओ आओ गुजरात से लेकर यतो नरेंद्र ततो जय, तक को समाहित किया गया है।

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