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हैदरी मस्जिद बीरबल साहनी मार्ग न्यू हैदराबाद में आयोजित मजलिस को मौलाना अफजाल हैदर ने मजलिस को खिताब किया। इमामबाड़ा कब्बन रिजवी हसन पुरिया में मजलिस को मौलाना तकी रजा ने खिताब किया।

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लखनऊ:  हैदरी मस्जिद बीरबल साहनी मार्ग न्यू हैदराबाद में आयोजित मजलिस को मौलाना अफजाल हैदर ने मजलिस को खिताब किया। इमामबाड़ा कब्बन रिजवी हसन पुरिया में मजलिस को मौलाना तकी रजा ने खिताब किया।
उन्होंने कहा कि हजरत रसूले खुदा (स) ने अपनी 63 साला जिन्दगी में 40 साल खामोश रहकर गुजारे और 23 साल की जिन्दगी में वह काम कर दिये कि आज जर्रे जर्रे से अल्लाह की वहदानियत के साथ हजरत रसूले खुदा (स) की रिसालत का एलान हो रहा है। इसी इस्लाम और रिसालत को बचाने के लिए हजरत इमाम हुसैन (अ.स.) ने अपने 71 साथियों के साथ अजीम कुर्बानियां देकर इस्लाम को बचा लिया। इसी तरह अजाखाना अफसर हुसैन मरहूम हसन पुरिया में मौलाना गुलरेज मेहदी ने मजलिस को खिताब किया। उन्होंने कहा कि कुरान व इस्लाम की सही पहचान सिर्फ दरे अहलेबैत से हो सकती है। आज मुसलमानों की पस्ती का सबब अहलेबैत से दूर होना हैं। इसी तरह पिहानी काटेज कश्मीरी मोहल्ला में मौलाना जाबिर जौरासी ने मजलिस को खिताब किया। इमामबाड़ा तनजीम रिजवी रूस्तम नगर में मौलाना अब्बास इरशाद नकवी ने मजलिस को खिताब किया।
कायम आले इबा व फातहे फुरात की शब्बेदारी
लखनऊ। इमामबाड़ा नया महल मंसूर नगर में अंजुमन कायम आले इबा की सालाना शब्बेदारी का आयोजन हुआ। शब्बेदारी की मजलिस में मीरजा मुजर्रब ने मर्सिया पढ़ते हुए कर्बला के शहीदों पर  हुए जुल्म-ओ- सितम को बयान किया तो अजादार रोने लगे। शब्बेदारी में अंजुमन गुंचाए मजलूमिया, काजमिया आबिदया, हुसैनिया कदीम, शाइन शुजा, शहीदे फुरात, शामे गरीबा और मोहिब्बाने हुसैन ने अपने सलाम आैर नौहे पढ़े।  इसी क्रम में इमामबाड़ा अब्बास रजा पुटाली वाली गली में अंजुमन फातेह फुरात की सालाना शब्बेदारी की मजलिस को मौलाना जोहाद आब्दी ने खिताब किया। इसके बाद शहर की कई अंजुमनों ने शब्बेदारी में नौहाख्वानी व सीनाजनी की।
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