लखनऊ : कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत मुहर्रम पर लगी पाबंदियों के खिलाफ शिया धर्म गुरू मौलाना कल्बे जवाद धरने पर बैठ गए हैं। शनिवार शाम 6 बजे मौलाना ने अपने समर्थकों के साथ गुफरान माॅब इमामबाड़ा में प्रेस कांफ्रेंस कर की। धर्म गुरू ने प्रदेश सरकार और प्रशासन पर नाजायज पाबंदियां लगाने का आरोप लगाया। मौलाना ने कहा कि प्रदेश भर से हमारे पर शिकायतें आ रही हैं कि स्थानीय प्रशासन ताजिया बनाने और बेचने पर पाबंदी लगा रहा है। यहां तक कि स्थानीय पुलिस व प्रशासन लोगों को अपने घरों में भी ताजिया नहीं रखने दे रही है।
मौलाना ने कहा कि पूरे प्रदेश में प्रशासन की ज्यादतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन होगा। लेकिन हम कहीं पर भी सड़कों पर नहीं एकत्र होंगे। सभी हमारा धरना प्रदर्शन इमामबाड़ा और मस्जिदों में होगा। इस दौरान सभी मुस्लिम अकीदतमंदों से कोरोना सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने का भी अनुरोध किया जा रहा है। मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि पूरे प्रदेश में अगले दो दिन तक धरना प्रदर्शन किया जाएगा। यदि फिर भी सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है तो आगे सभी से विचार-विमर्श के बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
धर्मगुरू ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का दिया हवाला
धर्मगुरू ने कहा कि शुक्रवार को लखनऊ जिला प्रशासन ने शहर के सात स्थानों पर 5 व्यक्तियों के साथ आॅनलाइन मजालिसों का अनुमति दी थी। लेकिन अब भी मुस्लिम अकीदतमंदों को परेशान किया जा रहा है। मौलाना ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने मुहर्रम की मजलिसों के संबंध में अपने एक आदेश में कहा है कि सभी जनपदों के जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों के इमामबाड.ों में जाकर निरीक्षण करें। दो गज की दूरी के साथ वहां जितने भी लोगों के उपस्थित होने की व्यवस्था हो, उन्हें मजलिसों में भाग लेने दिया जाए।
हिन्दु-मुस्लिम सभी को मिले इजाजत
मौलाना ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि हिन्दुओं को भी घरों में मूर्ति स्थापना के साथ गणेश चतुर्थी मनाने की इजाजत दी जाए। कल्बे जवाद ने कहा कि हिन्दु-मुस्लिम सभी को कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए अपने-अपने धर्म-कर्म करने की अनुमति दी जाए