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शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया का ऑनलाइन आवेदन आज से शुरू सरकारी स्कूलों के टीचर, प्रिंसिपल लगा सकते हैं ट्रॉसफर की अर्जी

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश बोर्ड राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के ट्रांसफर की आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है। इसमें माध्यमिक विद्यालयों के प्रिंसिपल, टीचर, प्रवक्ता, सहायक अध्यापकों के ट्रांसफर के लिए आवेदन होंगे। तबादले के लिए शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

26 जून तक है आवेदन की तारीख :

उत्तर प्रदेश में 1 लाख से अधिक सरकारी टीचरों के ट्रांसफर की प्रक्रिया को सरकार फिर खोल रही है। 2 दिन तक पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन फार्म भर सकते हैं। 26 जून की रात के बाद पोर्टल बंद हो जाएगा। आवेदन स्वीकार नहीं होंगे।

टीचर, प्रिंसिपल दोनों के लिए अलग है प्रक्रिया :

जीआईसी के शिक्षकों, प्राचार्यों के तबादलों के लिए अलग-अलग प्रक्रिया है। ट्रांसफर कराने के लिए शिक्षक, प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल सभी को पहले बेवइसाट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन UPSDC.GOV.IN पर केवल 26 जून तक ही कर सकते हैं। ऑनलाइन फार्म भरने के बाद उस फार्म को सबमिट कर उसका प्रिंट निकालना होगा। अब इस प्रिंट को अपने स्कूल के प्रिंसिपल से एप्रूव कराकर उसे जिला विद्यालय निरीक्षक यानि DIOS के ऑफिस में जमा करके रसीद लेना होगा। लेकिन प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल को तबादले के आवेदन के लिए ऑनलाइन फार्म भरने के बाद सीधे उसका प्रिंट लेकर सीधे DIOS कार्यालय में जमा कराकर रसीद लेना होगा।

देहात के स्कूल में पढ़ाना नहीं चाहते शिक्षक :

हर सरकारी स्कूल में नियुक्त शिक्षक, प्रिंसिपल की चाहत अपने घर के नजदीक या होमटाउन डिस्ट्रिक्ट के किसी सरकारी स्कूल में नियुक्ति की मांग होती है। हर टीचर चाहता है कि उसे घर के बिल्कुल पास वाले स्कूल में नियुक्ति मिल जाए। ताकि विद्यालय जाने के लिए टीचर को मशक्कत न करनी पड़े। सरकारी स्कूलों में मास्टरजी देहात क्षेत्र के स्कूलों में जाकर पढ़ाना नहीं चाहते। दूरदराज देहात के इलाकों में कोई टीचर पोस्टिंग नहीं चाहता। सबसे ज्यादा अर्जियां शहरी क्षेत्र के स्कूल में पढ़ाने की होती है। यहां बच्चे भी मिल जाते हैं और बरसात, गर्मी के दिनों में गांव जाने में समस्या भी नहीं झेलनी पड़ती।

सिफारिशों का सबसे बड़ा रैकेट टीचर ट्रांसफर-पोस्टिंग :

शिक्षकों के तबादलों, मनचाही जगहों पर पोस्टिंग कराने में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा खेल चलता है। गांव के प्रधान से लेकर शासन स्तर के अधिकारी, केंद्र और राज्य सरकार के बड़े नेताओं, पार्टियों के रसूखदार नेताओं, विभागीय अफसरों की सिफारिश लगाकर शिक्षक मनचाही जगह पर ट्रांसफर, पोस्टिंग लेना चाहते हैं। इसके लिए लंबी-लंबी सिफारिशें भी लगती हैं। 2017 में सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया पर खुद नजर रखना शुरू किया इसके बावजूद शिक्षा विभाग का ये भ्रष्टाचार कम नहीं हो रहा।

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