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ऑनलाइन पढ़ाई से मेमोरी पर नकारात्मक प्रभाव  

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लखनऊ : कोरोना वायरस महामारी के दौरान जीवन शैली में कई बदलाव हुए हैं। बड़ी संख्या में आबादी घर से काम कर रही है । इसी तरह विद्यार्थी भी ऑनलाइन कक्षाओं के लिए अधिक से अधिक समय मोबाइल या कंप्यूटर  स्क्रीन पर व्यतीत कर रहे हैं। वर्तमान परिदृश्यों के आधार पर अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की मनोचिकित्सक, डॉ श्रुति सिन्हा ने कहा, “छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई समय कीआवश्यकता है।
 पहले माता पिता अपने बच्चों को मोबाइल फोन का सीमित इस्तेमाल करने देते थे लेकिन अब वे उस पर नजर नहीं रख पा रहे हैं। बच्चों द्वारा मोबाइल पर समय बिताने में लगातार वृद्धि के साथ- साथ उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव को लेकर अभिभावक बहुत चिंतित हैं। कई अभिभावकों ने इस व्यवस्था के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पहले वे अपने बच्चों को मोबाइल फोन कम से कम देते थे, लेकिन अब चूंकि कक्षाएं ऑनलाइन हैं इसलिए कोई विकल्प नहीं हैं। इतने लम्बे समय तक स्क्रीन पर लगातार काम करने से वे बच्चों पर मानसिक रूप से पड़ रहे प्रभाव को ले कर भी काफी चिंतित हैं। डॉक्टर श्रुति ने आगे कहा कि विद्यार्थियों की सीखने और याद करने की क्षमता में कमी देखी जा रही है।
 जिसके लिए माता-पिता इनडोर गेम खेलकर, मे मोरी बूस्ट करने वाले खेल जैसे चेस आदि द्वारा उनकी याददाश्त, यानि कि याद करने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं तथा उनकेअन्दर बन रहे, अकेलेपन को भी दूर कर सकते हैं। अपने साथियों से दूर रहने से विद्यार्थियों में अलगाव और अवसाद के मामले बढ़रहे हैं। ऑनलाइन अध्ययन पर लंबे समय तक नियंत्रण रखने के लिए शिक्षा विभाग ने कुछ दिशा निर्देश जारी किये हैं । यह महत्वपूर्ण है कि छोटे बच्चे सोशल स्किल्स को विकसित करना जारी रखें जिससे उन में एक दूसरे के प्रति सकारात्मक भावना उत्पन्न हो सके।
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