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देश के स्वाभिमान और अस्मिता से जुड़ी है पावन खिण्ड दौड़ : अनिल ओक

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सोनभद्र: ग्रीस और एथेंस से जुड़ी मैराथन दौड़ का न तो कोई सांस्कृतिक इतिहास है न ही उस दौड़ से कोई संदेश मिलता है, जबकि इतिहास के पन्नों में दर्ज वीर शिवाजी द्वारा देश के लिए 52 किमी की दौड़ देश की आत्मा और स्वाभिमान से जुड़ी है। यह कहना था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक का जो मुख्य वक्ता के रूप में सभा को संबोधित कर रहे थे।
      शहीद उद्यान ट्रस्ट और क्रीड़ा भारती के संयुक्त तत्वाधान में रॉबर्ट्सगंज के राज सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनिल ओक ने कहा कि हम सब को दूसरे देश की मैराथन दौड़ को नहीं ढोना चाहिए , और छत्रपति शिवाजी के त्याग और 600 सैनिकों के बलिदान से जुड़ी अपनी मिट्टी से जुड़ी पावन खिण्ड दौड़ को अपनाना चाहिए जिसमें भारतीयता और देश के लिए मर मिटने का जज्बा परिलक्षित हो रहा है।
      विषय प्रवर्तन करते हुए शहीद उद्यान ट्रस्ट के चेयरमैन और वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर चतुर्वेदी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव समाप्त हो गया है, अब देश अमृत काल में प्रवेश कर गया है। वीर शिवाजी की स्मृतियाँ अमृतकाल में बुनियादी विचारों का सृजन करेंगी जिससे देश परमगौरव को प्राप्त करेगा । श्री चतुर्वेदी ने वीर शिवाजी पर आधारित महानाट्य जाणता राजा और पावन खिण्ड दौड़ का जिक्र करते हुए कहा  कि ये दोनों आयोजन वीर शिवाजी के व्यक्तित्व और कृतित्व को नजदीक से जानने का अवसर प्रदान करेंगे । समाज इससे प्रेरणा ग्रहण करेगा ।
     आचार्यों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गयी, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य ओमप्रकाश त्रिपाठी ने रुद्राक्ष की माला और राहुल श्रीवास्तव ने अंगवस्त्रम द्वारा अतिथियों का सम्मान किया । इस अवसर पर विंध्य कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या ने वीर शिवाजी की पेंटिंग और विजय शंकर चतुर्वेदी ने काष्ठमूर्ति से बनी शिवाजी की प्रतिमा अनिल ओक जी को भेंट की । सोनभद्र में प्रभु श्रीराम के संदर्भ , स्वतंत्रता आंदोलन और सोनभद्र व सनोज तिवारी द्वारा लिखित पुस्तक गुप्त काशी भी अतिथियों को भेंट की गयी .
     कार्यक्रम का संचालन कर रहे भोलानाथ मिश्र ने आयोजन के विषय में विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि जनजातीय गौरव दिवस, 15 नवम्बर के दिन आयोजित होने वाली इस दौड़ में युवक – युवतियां दोनों भाग लेंगे, धर्मशाला चौराहे से प्रारंभ होकर यह दौड़ शहीद उद्यान पर समाप्त होगी। जल्दी ही इसकी योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा .
      अध्यक्षीय उदबोधन करते हुए राहुल श्रीवास्तव ने कहा वीर शिवाजी के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेकर सम्पूर्ण समाज को बदला जा सकता है। उन्होंने इस अवसर पर घोषणा करते हुए कहा कि 26 नवम्बर को वाराणसी में आयोजित होनेवाले महानाट्य जाणता राजा को देखने के लिए एक लाख रुपए का टिकट खरीदकर वनवासी बन्धुओं को वाराणसी भेजेंगे। डॉ अंजली विक्रम सिंह ने  इस सफल आयोजन के लिए सभी का आभार प्रकट किया। राज बैंकवेट हाल में कोई भी कुर्सी खाली नहीं दिखी। उस समय पूरा परिवेश द्रवित हो उठा जब अनिल ओक जी ने कविता के माध्यम से वीर शिवाजी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। शहीद उद्यान ट्रस्ट के सचिव राकेश कुमार त्रिपाठी उर्फ शिशु ने बताया कि सम्पूर्ण कार्यक्रम पर शीघ्र एक बुकलेट जारी की जाएगी ।
क्या है पावन खिण्ड दौड़
भारत को मुगल साम्राज्य से मुक्ति दिलाने के लिए महाराष्ट्र के पन्हालगढ़ से विशालगढ़ तक 52 किमी की दौड़ वीर शिवाजी ने दुर्गम रास्ते को तय करते हुए बरसाती रात्रि के कुछ घण्टों में पूरी की थी। वे गंतव्य तक सुरक्षित पहुंच गए थे लेकिन रास्ते में मुग़लसेना से लड़ते हुए 600 मराठी सैनिको ने बलिदान दिया।
     इस प्रेरणादायी गौरवगाथा के स्मरण के लिए पहली पावन खिण्ड दौड़ कानपुर में आयोजित की गयी थी, सोनभद्र में देश की दूसरी दौड़ का आयोजन किया जा रहा है।
      राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रमेश जी के अनुसार आने वाले समय में यह दौड़ भारत की पहचान बताएगी और प्रमुख दौड़ बन जाएगी। उन्होंने कहा कि सोनभद्र सौभाग्यशाली है कि उसे इस दौड़ को आयोजित कराने का मौका मिला। पूरा देश सोनभद्र के इस आयोजन से मार्गदर्शन प्राप्त करेगा।
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