पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने मुहर्रम के जुलूसों को लेकर मौलाना कल्बे जव्वाद से उनके आवास पर की मुलाक़ात
लखनऊ : 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी डीके ठाकुर के तबादले के बाद लखनऊ के पुलिस आयुक्त का पदभार संभालने के बाद आज नवनियुक्त पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर पुराने लखनऊ में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पहुंचे । पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर ने शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद के आवास पर पहुंचकर उनसे मोहर्रम में निकाले जाने वाले जुलूस व अन्य कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए
उन्हें भरोसा दिलाया कि सभी कार्यक्रमों को पुलिस शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है । मौलाना कल्बे जव्वाद नक्वी से मुलाकात के दौरान पुलिस कमिश्नर के साथ डीसीपी पश्चिम एस चिनप्पा के अलावा एडीसीपी और एसीपी चौक भी मौजूद थे मोहर्रम के जुलूस से पहले पुराने लखनऊ में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे पुलिस कमिश्नर ने पाटा नाला से सहादतगंज में स्थित दरगाह हजरत अब्बास तक के जुलूसों के रास्ते का जायजा भी लिया पुलिस कमिश्नर ने दरगाह हजरत अब्बास के पास पहुंचकर पुलिस के अधिकारियों के साथ विचार विमर्श करते हुए शिया बहुल क्षेत्रों में होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए जाने की समीक्षा करते हुए कुछ जरूरी हिदायतें भी दी।
भले ही पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर लखनऊ के लिए नए कमिश्नर हो लेकिन उनके साथ मौजूद पुलिस का बड़ा अमला पुराने लखनऊ की नब्ज को अच्छी तरह से जानता है । माना जा रहा है कि पुराने में अफसरों के साथ मिलकर नए पुलिस कमिश्नर मोहर्रम के दौरान निकलने वाले जुलूस और कार्यक्रमों को शांतिपूर्ण माहौल में सकुशल संपन्न कराने में पूरी तरह से कामयाब होंगे। आपको बता दें कि पहली मोहर्रम का जुलूस बड़े इमामबाड़े से छोटे इमामबाड़े तक निवर्तमान पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर की निगरानी में निकला था।
पहली मोहर्रम की रात डीके ठाकुर का तबादला हुआ उनके स्थान पर लखनऊ के पुलिस कमिश्नर के तौर पर 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी एसबी शिरडकर को पदभार सौंपा गया। लखनऊ का पुलिस कमिश्नर बनने के बाद पुलिस कमिश्नर ने अपने मातहत अधिकारियों के साथ बैठक कर मोहर्रम के दौरान होने वाले सभी कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी भी ली और उन्हें सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम किए जाने के लिए निर्देशित भी किया था। पदभार संभालने के बाद आज फिर पुलिस कमिश्नर खुद पुराने लखनऊ पहुंचे और उन्होंने जुलूस के मार्गों और कार्यक्रम स्थलों का जायजा लेकर सुरक्षा व्यवस्था के और बेहतर इंतजाम किए जाने के लिए अपने मातहत अधिकारियों को निर्देशित भी किया।
आपको बता दें कि वर्ष 1999 में शिया सुन्नी और प्रशासन के बीच हुए समझौते के अंतर्गत शिया समुदाय को 9 और सुन्नी समुदाय को एक जुलूस निकालने की इजाजत दी गई थी। शिया समुदाय के द्वारा पहली मोहर्रम का जुलूस निकाला जा चुका है और अब सात मुहर्रम को बड़े इमामबाड़े से छोटे एवं बड़े तक हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर से शाही मेहंदी का जुलूस निकाला जाएगा उसके उपरांत आठवीं मुहर्रम की रात दरिया वाली मस्जिद से इमामबाड़ा गुफरान माब तक अलम फतेह फुरात का जुलूस निकाला जाएगा
नौ मुहर्रम की रात बाजाजा स्थित नाजिम साहब के इमामबाड़े से शबे आशूर का जुलूस देर रात निकाला जाएगा और 10 मोहर्रम की सुबह हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में शिया समुदाय के द्वारा बाजाजा स्थित नाजिम साहब के इमामबाड़े से कर्बला तालकटोरा तक योमें आशूर का जुलूस निकाला जाएगा। जुलूसों को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए वैसे तो पुलिस ने पहले ही सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम कर लिए हैं लेकिन लखनऊ शहर के लिए नए पुलिस कमिश्नर एसबी शिरडकर खुद भी पूरी तरह से मुतमईन हो जाना चाहते हैं और इसीलिए उन्होंने आज पुराने लखनऊ का रुख करते हुए जुलूसों से पहले सुरक्षा व्यवस्था का जाएगा लिया है।
मोहर्रम के सभी जुलूस और सभी कार्यक्रमों को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराए जाने के लिए पुराने लखनऊ के शिया बहुल क्षेत्रों को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है जगह-जगह पुलिस के द्वारा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं और ड्रोन कैमरों से भी संवेदनशील इलाकों की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा खुफिया विभाग भी ऐसे लोगों पर निगाह रखे हुए हैं जो सोशल मीडिया के माध्यम से य अन्य किसी माध्यम से जुलूस , मजलिसों के दौरान गड़बड़ी फैलाने की कोशिश कर सकते हैं । सर्विलांस टीम और साइबर सेल भी सोशल मीडिया की निगरानी में लगातार जुटी हुई है ।