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राजस्थान संकट अशोक गहलोत ने अब 4 बजे बुलाई कैबिनेट बैठक, राज्यपाल कलराज मिश्र के आपत्तियों पर होगी चर्चा

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दिल्ली : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 12 घंटे के अंदर दूसरी बार कैबिनेट की बैठक बुलाई है ताकि विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र को फिर से भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर चर्चा की जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अशोक गहलोत और उनके मंत्रियों की तरफ से उनके आवास पर 4 बजे बुलाई गई कैबिनेट बैठक के दौरान विधानसभा सत्र को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्र की तरफ से उठाई गई आपत्तियों पर चर्चा की जाएगी।

रिपोर्ट्स के अनुसार, वे जवाब पर काम करेंगे राज्यपाल को सत्र में उनकी सहमति के लिए दोबारा प्रस्ताव भेजेंगे। संशोधित प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्यपाल को भेजा जाएगा। एक दिन पहले शुक्रवार की देर रात गहलोत ने अपने आवास पर कैबिनेट बैठक की थी। यह बैठक देर रात साढ़े 9 बजे शुरू हुई जो करीब ढाई घंटे तक चली। इस बैठक के दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर उठाए गए छह बिंदुओं पर चर्चा की गई।

राज्यपाल को संशोधित प्रस्ताव भेजेगी गहलोत सरकार

विधानसभा सत्र बुलाने पर अड़े राजस्थान की गहलोत सरकार विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए एक संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की शुक्रवार देर रात हुई बैठक में उन बिंदुओं पर विचार किया गया जो सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने उठाए हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया, &https://www.youtube.com/channel/UCcj8JxdUrXPVdAxW-blFheA8221;विधानसभा सत्र बुलाने के कैबिनेट के प्रस्ताव पर राजभवन द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर शुक्रवार रात कैबिनेट बैठक में चर्चा हुई। मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को होने और इसमें मंत्रिमंडल से मंजूरी के बाद ही संशोधित प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि राज्यपाल ने सरकार के पहले प्रस्ताव पर कुछ बिंदु उठाते हुए राज्य सरकार के संसदीय कार्य विभाग से कहा कि वह इन बिंदुओं के आधार पर स्थिति पेश करे।

राजभवन द्वारा जिन छह बिंदुओं को उठाया गया है उनमें से एक यह भी है कि राज्य सरकार के पास बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने के लिए सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है? इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि विधानसभा सत्र किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख कैबिनेट नोट में नहीं है और ना ही कैबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन प्रदान किया गया है।

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