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अफसरों को लाखों की घूस देकर ऋ षिता ने उजाड़ दिया किसान का खेत

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स्टे के बाद भी अफसरों ने दे दी ऋ षिता को खनन की छूट

लखनऊ : एक ओर मुख्यमंत्री किसानों के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर उनके अफसर ही बिल्डरों से मिलीभगत कर किसानों की जमीन पर कब्जा करा रहे हैं। राजधानी लखनऊ में अफसरों के साथ मिलकर ऋ षिता डेवलपर्स (ऋ षिता मलबेरी हाइट्स) ने न केवल हाईकोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा दीं बल्कि एक किसान की जमीन पर कब्जा कर उसकी जमीन पर जमकर अवैध खनन किया। हाईकोर्ट की फटकार के बाद अफसर और बिल्डर के बीच मिलीभगत का खेल बंद हुआ। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में लाखों की घूस दी गई। वहीं इस मामले के खुलासे के बाद विपक्ष ने सरकार पर जमकर हमला बोला है। विपक्ष का कहना है कि सरकार के इशारे पर बिल्डर किसानों की जमीन को हड़पने में जुटे हैं। ताजा मामला लखनऊ के सरोजनीनगर तहसील के गांव बगियामऊ का है।

 

बगियामऊ में किसान प्रेमचंद अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके पास करीब 6 बीघा पुस्तैनी जमीन है। इसी खेत से प्रेमचंद और उनके परिवार का पालन-पोषण होता था। उनकी जमीन सुशांत गोल्फ सिटी योजना के अंतर्गत आ गई। प्रेमचंद की जमीन के आस पास वालों ने अपनी जमीनें औने-पौने दामों पर बिल्डर को बेच दी पर प्रेमचंद इसके लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने न्यायालय से गुहार लगाई कि बिल्डर उनकी जमीन को बिना वाजिब मुआवजा दिए जबरन लेना चाहते हैं। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमीन की यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया था लेकिन ऋ षिता डेवलपर्स की ओर से प्रेमचंद की जमीन पर बाउंड्री कराई गई। इसी बीच लखनऊ जिला प्रशासन ने एक आदेश जारी किया। आदेश में प्रेमचंद के खेत को डेढ़ मीटर खोदने का आदेश बिल्डर को दे दिया गया। किसान कोर्ट का ऑर्डर लेकर पुलिस से लेकर जिले के तमाम अफसरों के पास दौड़ता रहा लेकिन उसकी एक न सुनी गई। इस पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने फटकार लगाई तो आदेश निरस्त किया गया। जब तक आदेश निरस्त होता किसान का खेत गड्ढे में तब्दील हो चुका था।

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