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साल 2020 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार गुलजार

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दिल्ली : साल 2020 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बाजार गुलजार रहा। तरलता की बेहतर स्थिति तथा निवेशकों की उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के चलते कंपनियों ने पिछले साल आईपीओ के जरिए करोड़ों रुपये जुटाए हैं। आईपीओ बाजार में हलचल अभी खत्म नहीं हुई है। डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम को अपने शेयरधारकों से 16,600 करोड़ रुपये का देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक निर्गम लाने की मंजूरी मिल गई है। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक स्रोत ने यह बताया के शेयरधारकों ने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम के दौरान 12,000 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी दे दी है और द्वितीयक शेयरों की बिक्री के साथ कुल 16,600 करोड़ रुपये हासिल होंगे।

इस संदर्भ में स्रोत ने कहा कि, शेयरधारकों ने असाधारण आम सभा (ईडीएम) में सभी प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। शेयरधारकों ने आईपीओ के दौरान पूंजी जुटाने और 12,000 करोड़ रुपये तक के नए शेयर जारी करने की मंजूरी दे दी। द्वितीयक शेयरों की बिक्री के साथ कुल 16,600 करोड़ रुपये हासिल होंगे। शेयरधाकों ने यह प्रस्ताव भी पारित किया कि कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्ता को कंपनी के प्रवर्तक के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी पर वह पेटीएम के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक और मुख्य अधिशासी अधिकारी बने रहेंगे।

स्रोत के अनुसार आईपीओ के बाद कंपनी का बाजार मूल्यांकन बढ़कर 1.78 लाख करोड़ रुपये से 2.2 लाख करोड़ रुपये के बीच हो सकता है। इसके बाद पेटीएम के देश की 10 शीर्ष सूचीबद्ध वित्तीय सेवाओं में शामिल होने की उम्मीद है। कंपनी इस हफ्ते आईपीओ के लिए दस्तावेज जमा कर सकती है। अब तक सबसे बड़े आईपीओ का रिकॉर्ड कोल इंडिया के नाम था। उसने 2010 की अंतिम तिमाही में करीब 15,500 करोड़ रुपये जुटाए थे। पेटीएम में अलीबाबा के एंट ग्रुप की हिस्सेदारी 29.71 फीसदी, जापान के सॉफ्ट बैंक की 19.63 फीसदी, एसएआईएफ पार्टनर्स की 18.56 फीसदी और विजय शेखर शर्मा की 14.67 फीसदी है।

जब भी कोई कंपनी या सरकार पहली बार आम लोगों के सामने कुछ शेयर बेचने का प्रस्ताव रखती है तो इस प्रक्रिया को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है। आईपीओ में पैसा लगाकर निवेशक अच्छे पैसे कमा सकते हैं। पिछले साल कंपनियों ने प्राइमरी मार्केट से 31,000 करोड़ रुपये जुटाए। कुल 16 आईपीओ लॉन्च हुए, जिनमें से 15 की लॉन्चिंग दूसरी छमाही में हुई थी। 2019 के पूरे साल में 16 आईपीओ के जरिए 12,362 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। 2018 में 24 कंपनियों ने आईपीओ से 30,959 करोड़ रुपये जुटाए थे। दरअसल, कोरोना वायरस महामारी घरेलू शेयर बाजार उबरने लगे हैं। इसे देखते हुए कंपनियां लगातार आईपीओ लॉन्च कर रही हैं।

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