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नही निकाला गया चुप ताज़िए का जुलूस शान्तीपूर्ण माहौल मे बीते दो महीने आठ दिन

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शिया समुदाय द्वारा अपने घरो के अन्दर मनाया गम , गाईड लाईन के अनुसार ताज़िए किए दफ्न

लखनऊ : कर्बला मे शहीद हुए इमाम हुसैन और उनके 71 साथियो के ग़म का सिलसिल आज समाप्त हो गया । दो महीने और आठ दिन तक चलने वाले गम के सिलसिले के आखरी दिन आज यानि आठवी रबिउल अव्वल को चुप ताज़िए का जुलूस भी कोरोना वायरस की वजह से नही निकाला गया। भले ही जुलूस न निकाला गया हो लेकिन सरकारी गाईड लाईन के अनुसर मौलाना मिर्ज़ा यासूब अब्बास ने आठवी रबिउल अव्वल को नाज़िम साहब के इमाम बाड़े मे मजलिस ज़रूर पढ़ी

हर साल आठवी के मौके पर चुप ताज़िए का जुलूस बजाज़ा स्थित नाज़िम साहब के इमाम बाड़े से रौज़ा-ए-काज़मैन तक निकाला जाता था लेकिन इस बार दूसरे जुलूसो की तरह इस जुलूस को भी शिया समुदाय द्वारा स्थगित कर दिया गया। आपको बता दे कि हिजरी वर्ष के अनुसार दो मोहर्रम को हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा सल्ललाहु अलैहि वसल्लम के नवासे और हज़रत अली अ0स0 के बेटे हज़रत इमाम हुसैन का काफिला कर्बला पहुॅचा था जहां यज़ीदी फौज ने उनके लश्कर पर जुल्मो सितम की इन्तेहा पार करते हुए दस मोहर्रम को हज़रत इमाम हुसैन को उनके सभी 71 साथियो के साथ शहीद कर दिया था। हज़रत इमाम हुसैन की याद मे हर वर्ष शिया समुदाय द्वारा एक मोहर्रम से आठ रबिउल अव्वल तक मजलिस मातम कर और उनकी याद में जुलूस निकाल कर उनका ग़म मनाया जाता है

हज़रत इमाम हुसैन अ0स0 की याद मे पहली मोहर्रम को शाही ज़रीह का जुलूस सातंवी मोहर्रम को शाही मेंहदी का जुलूस आठवी मोहर्रम को अलम फातेह फुरात का जुलूस नौवी मोहर्रम को शबे आशूर का जुलूस दसवी मोहर्रम को यौमे आशूर का जुलूस 20 सफर को चेहल्लुम का जुलूस और आठ रबिउल अव्वल को चुप ताज़िए का जुलूस निकाला जाता था लेकिन 2020 के मोहर्रम मे हज़रत इमाम हुसैन की याद मे शिया समुदाय द्वारा एक भी जुलूस कोरोना वायरस की वजह से नही निकाला गया यहं तक कि 19 और 21वी रमज़ान को हज़रत अली अ0स0 की शहादत की याद मे निकाले जाने वाले जुलूस भी नही निकाले गए। 2020 का पूरा मोहर्रम कोरोना वायरस की भेट चढ़ गया

 

लखनऊ मे 2 महीने और आठ दिनो तक चलने वाले गम के सिलसिले का आज आखरी दिन है भले ही शिया समुदाय की तरफ से अलविदाई जुलूस भी स्थगित कर दिया गया हो लेकिन इमाम हुसैन के चाहने वालो ने कोविड 19 प्रोटोकाल के तहत अपने अपने घरो के अन्दर इमाम हुसैन का ग़म मनाने मे कोई कोर कसर नही छोड़ी । आठवी के जुलूस पर भी दूसरे जुलूसो की तरह से सरकार की तरफ से पाबन्दी थी इस लिए ज़िला प्रशासन ने पहले से ही लोगो को शान्ती बनाए रखने के लिए जागरूक करते हुए पुराने लखनऊ के संवेदनशील क्षेत्रो को पुलिस छावनी मे तब्दील कर दिया था । शिया बाहुल्य क्षेत्रो मे पुलिस ने बाकायदा बैरिकेटिंग करा दी थी ताकि लोग भीड़ की शक्ल मे अचानक सड़क पर न निकल सके सांतवी मोहर्रम को ही पुलिस के आला अधिकारियो ने पुराने लखनऊ की सुरक्षा व्यवस्था को चाक चैबन्द कर सुरक्षा व्यवस्था का जाएज़ा ले लिया था

 

आठवी रबिउल अव्वल को जुलूस तो नही निकाला गया लेकिन शिया समुदाय द्वारा सरकारी गाईड लाईन के अनुसार हज़रत इमाम हुसैन की याद मे अलविदाई मजलिसे कर हज़रत इमाम हुसैन अ0स0 को पुरसा दिया। आठ रबिउल अव्वल की शब से ग़म का सिलसिला समाप्त जात है । आठवी रबि उल अव्वल को पुराने लखनऊ मे शिया समुदाय द्वारा अपने अपने घरो से सरकारी गाईड लाईन के तहत ताज़ियो को नज़दीकी कर्बलाओ मे ले जाकर दफ्नाया गया

जन सहयोग से सरकारी गाईड लाईन के तहत सम्पन्न हुआ मोहर्रमः डीसीपी

मोहर्रम के सभी कार्यक्रम कोविड 19 प्रोटोकाल सरकारी गाईड लाईन के तहत शान्तीपूर्ण माहौल में सम्पन्न होने का श्रेय डीसीपी पश्चिम देवेश पाडेण्य ने जनमानस और धर्म गुरूओ को देते हुए कहा है कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू की गई सरकारी गाईड लाईन के तहत इस बार न तो कोई जुलूस ही निकाला गया और न ही मजलिसों मे भीड़ एकत्र हुई श्री0 पाडेेण्य ने कहा कि ये मुमकिन हुआ है जनमानस की अच्छी सामाजिक सोंच और धर्म गुरूओ की दूर अंदेशी वाली सोंच से । श्री0 पाडेण्य ने कहा कि मोहर्रम को कोविड प्रोटोकाल के तहत मनाए जाने के लिए सरकार की तरफ से गाईड लाईन जारी की गई थी

 

गाईड लाईन का पालन पुलिस ने कराया लेकिन पलन करने वाली जनता का सहयोग भी पुलिस को पूरी तरह से मिला जिसकी वजह से बिना किसी वाद विवाद के मोहर्रम के सभी कार्यक्रम पूरी श्रद्धा और शान्ती के साथ सम्पन्न हो गए  पाडेण्य ने कहा कि 12 रबिउल अव्वल को लखनऊ में निकाले जाने वाले जुलूस-ए-मोहम्मदी और जुलूस-ए-मदहे सहाबा को भी अनुमति नही दी गई है उन्होने कहा कि उन्हे उम्मीद है कि लखनऊ की अमन पसन्द जनता पूर्व की तरह से ही भविष्य मे भी इस तरह की समझदारी का पिरचय देते हुए कोविड 19 प्रोटोकाल के तहत अपने धार्मिक कार्यक्रमो को मना कर आपसी एकता और भाईचारे का परिचय देंगे

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