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आरंभ हो चुका साल का तीसरा चंद्र ग्रहण, गुरू पूर्णिमा का संयोग, जानिए क्या है प्रभाव

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ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यह उपछाया चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगेगा

लखनऊ। आज रविवार 5 जुलाई को धनु राशि में चंद्र ग्रहण लग चुका है। साल का यह तीसरा ग्रहण है। इसके पहले 2 ग्रहण और लग चुके हैं। जैसा कि हम जानते हैं, चंद्रमा पृथ्वी के सबसे पास है, इसलिए चंद्रमा का प्रभाव पृथ्वी पर सबसे अधिक रहता है। 9 ग्रहों में सूर्य और चंद्रमा ही ऐसे ग्रह हैं जिन्हें आखोंं से देखा जा सकता है।

रविवार को चंद्रग्रहण सुबह 8:37 बजे भारतीय समयानुसार से शुरू हो गया है। और 11:22 बजे पर समाप्त होगा। ग्रहण सुबह 9:59 बजे अपने चरम पर पहुंच जाएगा। यह साल का तीसरा चंद्र ग्रहण है। ये एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, इसी वजह से इसके कई अर्थ बदल जाते हैं। इस बार का चंद्र ग्रहण गुरु पूर्णिमा पर लग रहा है।

5 जुलाई के बाद अब अगला चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगेगा। साल का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी लगा था। इसके बाद दूसरा चंद्र ग्रहण 5 जून को लगा था। आज जो चंद्र ग्रहण लग रहा है वो साल का तीसरा चंद्रग्रहण है।अब चौथा ग्रहण जो साल का अंतिम चंद्र ग्रहण होगा वह 30 नवंबर को लगेगा।

धनु राशिवाले पर प्रभाव

यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में लग रहा है। इसलिए धनु राशि वाले सावधान रहें। इस दौरान संयम और धैर्य से काम लें। क्रोध से बचें। भगवान स्मरण करें। घर से बाहर न निकलें। गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी बरतें।

धनु राशिवाले इस मंत्र का करें जाप

चंद्र ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का करें जाप, दूर होगी अशुभता- 1-ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् ॥ 2- ओम आज्यं सुराणामाहारमाज्यं पापहरं परम्। आज्यमध्ये मुखं दृष्ट्वा सर्वपापै: प्रमुच्यते।। 3- घृतं नाशयते व्याधिं घृतंच हरते रुजम्। घृतं तेजोधिकरंणं घृतमायु: प्रवद्र्धते।।

गुरू पूर्णिमा का संयोग

इस बार चंद्रग्रहण में ख़ास बात ये है कि संयोग से उसी दिन गुरुपूर्णिमा भी पड़ रही है। इस बार का चंद्रग्रहण खंडच्छायायुक्त चंद्रग्रहण है। इसकी एक और खास बात ये है कि ये भारत में दिखाई नहीं देगा। ये ग्रहण अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। चंद्रग्रहण की कुल अवधि 02 घण्टे 43 मिनट की होगी।

चंद्रग्रहण का पड़ सकता यह प्रभाव

ज्‍योतिषियों का कहना है कि किसी भी मास में दो या दो से अधिक ग्रहण होना आम जनमानस के लिए कष्टकारी होता है। ऐसे ग्रहण आर्थिक मंदी, अतिवृष्टि, राजनैतिक उथल-पुथल, महंगाई, विपदा, बेरोजगारी आदि लेकर आते हैं। इनसे बचने के लिए स्नान-दान धर्म सूर्य उपासना गायत्री मंत्र का जाप तथा आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करना ठीक रहेगा।

इन सब बातों पर रखे विशेष ध्यान

चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। चंद्र ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए अशुभ प्रभाव वाला देने वाला होता है। इसलिए ग्रहण की अवधि में इनको घर में रहने की सलाह दी जाती है। इन महिलाओं को सब्जी काटना, कपड़े सीना आदि कार्यों में धारदार उपकरणों का उपयोग करने से बचना चाहिए। इससे गर्भस्थ शिशु को शारीरिक दोष हो सकता है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना, खाना पकाना, और सजना-संवरना नहीं चाहिए। ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिला को तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए। इस दौरान देव मंत्रों के उच्चारण से भी ग्रहण के दुष्प्रभाव से रक्षा होती है।

चंद्र ग्रहण के पीछे होते हैं कई रहस्‍य

ज्‍योतिष विज्ञान के अनुसार यह तीसरा चंद्र ग्रहण कई रहस्‍य छुपाए हुए है। यह चंद्र ग्रहण वर्ष 2020 का तीसरा चंद्र ग्रहण है, जो कि उपच्छाया है। उपच्‍छाया के बारे में कहा गया है कि इस तरह का चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब सूर्य और चांद के बीच पृथ्‍वी आती है, लेकिन तीनों एक सीध में नहीं होते। एक लाइन में सीधे नहीं होने के कारण चांद के छोटी सी सतह पर छाया नहीं पड़ती है

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