वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच लोकप्रिय एच-1बी वीजा के साथ ही अन्य विदेश कार्य वीजा जारी करने पर इस साल के अंत तक रोक लगाने की आधिकारिक घोषणा की है। ट्रंप ने कहा कि यह कदम लाखों अमेरिकियों की मदद के लिए जरूरी है जिन्होंने मौजूदा आर्थिक संकट की वजह से नौकरियां गंवा दी हैं।
नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव से पहले आधिकारिक घोषणा जारी कर, ट्रंप ने विभिन्न संगठनों, सांसदों और मानवाधिकार निकायों द्वारा आदेश के खिलाफ बढ़ते विरोध को नजरअंदाज किया है। यह घोषणा 24 जून से प्रभावी होगी और इसका कई भारतीय आईटी पेशेवरों और कई अमेरिकी एवं भारतीय कंपनियों पर प्रभाव पड़ सकता है जिनको अमेरिकी सरकार ने एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 के लिए एच-1बी वीजा जारी कर दिए थे। इन सभी को मुद्रांकन के लिए अमेरिकी कूटनीतिक मिशनों का रुख करने से पहले अब कम से कम मौजूदा वर्ष खत्म होने तक इंतजार करना पड़ेगा। यह घोषणा बड़ी संख्या में उन भारतीय आईटी पेशेवरों को भी प्रभावित करेगी जो अपने एच-1बी वीजा के नवीनीकरण की प्रतीक्षा में थे।
ट्रंप द्वारा जारी इस आधिकारिक घोषणा में कहा गया, हमारे देश की आव्रजन प्रणाली के प्रशासन में, हमें विदेशी कर्मियों से अमेरिकी श्रम बाजार पर पडऩे वाले प्रभाव के बारे में सचेत रहना चाहिए, खासकर उच्च घरेलू बेरोजगारी और श्रम के लिए दबी हुई मांग के वर्तमान के असाधारण माहौल को देखते हुए। इस घोषणा में ट्रंप ने कहा कि इस साल फरवरी से लेकर मई तक अमेरिका में कुल बेरोजगारी दर लगभग चार गुना हो गई जो श्रम सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई बेहद खराब बेरोजगारी दरों में से एक है।