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निजीकरण के खिलाफ एलआईसी कर्मियों समेत संयुक्त मोर्चे ने केंद्र सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन 

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हड़ताल के दौरान बंद रहे कार्यालय,सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी  

कानपुर : निजीकरण के खिलाफ वित्तीय संस्थाओं का चल रहा आंदोलन भारतीय जीवन बीमा निगम की हड़ताल के साथ खत्म हुआ। इस दौरान भारतीय जीवन बीमा निगम के सभी कार्यालय बंद रहें और माल रोड स्थित जोनल कार्यालय पर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया गया।

बजट में बैंक व साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण करने और भारतीय जीवन बीमा निगम के शेयर लाने की घोषणा के बाद से ही कर्मचारियों में आक्रोश था। इन तीनों ही संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारियों ने इस क्रम में आंदोलन की रूपरेखा बनाई ताकि हड़ताल क्रम से चलती रहे। इसमें सबसे पहले बैंक की हड़ताल रखी गई थी क्योंकि तीनों ही संस्थाओं में बैंक ही वह संस्था है जिसकी हड़ताल का सबसे ज्यादा असर पड़ता है। दूसरे शनिवार और रविवार की बैंक बंदी के बाद सोमवार और मंगलवार को हड़ताल रखी गई थी। इसके बाद बुधवार को साधारण बीमा कर्मियों की हड़ताल हुई। गुरुवार सुबह 10 बजे क्षेत्रीय कार्यालय में हड़ताल और प्रदर्शन के दौरान

संस्थान सरकार को 28,000 करोड़ रूपये का दे चुका है लाभांश

भारतीय जीवन बीमा निगम व एआईआईइए,क्लास वन फेडरेशन,एनएफआईएफडब्लूआई व फेडरेशन के संयुक्त मोर्चे से जुड़े पदाधिकारियों व सदस्यों ने सभा कर केंद्र सरकार की नीतियों की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि,एलआईसी का आईपीओ लाने के पीछे सरकार इस संस्थान का धीरे-धीरे निजीकरण करना चाहती है। कहा कि जो संस्थान सरकार को 28,000 करोड़ रूपये का लाभांश दे चुका है,उसके बावजूद सरकार निजी हाथों में सौंपकर घातक कदम उठा रही है। कहा कि एफडीआई की सीमा को 74 प्रतिशत को बढ़ाना सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करता है। सभा को एनसीजेडआईइएफ के महामंत्री राजीव निगम,एआइआइपीए के अध्यक्ष अशोक तिवारी,आरसी मिश्रा,पतंजलि गहोई,अमित मिश्रा आदि लोगों ने संबोधित किया। सभा का संचालन अरुण तिवारी ने किया। प्रदर्शन में मनीष श्रीवास्तव,राकेश कनौजिया,धीरज द्विवेदी,श्रवण श्रीवास्तव,अनिल बाजपेयी समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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