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नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर हुये विविध कार्यक्रम

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अमेठी। जनपद में सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। सुबह विभिन्न संस्थानों में मानव श्रृंखला बनाई गई उसके बाद नेताजी की जयंती पर विचार गोष्ठी साइकिल रैली और रक्तदान के कार्यक्रम हुए।नेहरू युवा केंद्र एवं राजर्षि रणंजय सिंह पी जी कालेज आसलदेव के संयुक्त तत्वावधान में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जीवन एवं विरासत विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
मुख्य अतिथि अभिषेक मिश्र असिस्टेंट कमांडेंट सी आर एफ ने कहा कि युवाओं के लिए कुछ भी असंभव नही है।देश का भविष्य युवाओं पर निर्भर है।
उपनिदेशक डॉ आराधना राज ने नेताजी के त्याग बलिदान एवं समर्पण पर प्रकाश डाला।
अध्यक्षता करते हुए डॉ अर्जुन पाण्डेय ने कहा कि युवाओं को खुद को बदलने की जरूरत है तभी युग बदलेगा। भाषण प्रतियोगिता में अंजली मिश्रा प्रथम श्रुति सिंह द्वितीय एवं वैष्णवी जायसवाल तृतीय स्थान पर रही।भोजपुर से पीपरपुर चौराहे तक दो किलोमीटर तक की मानव श्रृंखला बनाकर साइकिल रैली द्वारा समाज एवं युवाओं को प्रोत्साहित किया गया।इस मौके पर रवीन्द्र प्रताप सिंह डॉ पूनम मिश्रा संतोष कुमार धीरेन्द्र कुमार यादव राघवेन्द्र प्रताप सिंह विकास शुक्ल रोली सिंह राहुल नेहा सिंह डॉ हरिराम नन्द कुमार डॉ शैलेश सिंह राजेश सिंह आदि मौजूद रहे।वहीं नगर स्थित आरआरपीजी कालेज में समाजशास्त्र विभाग की ओर से स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की भूमिका विषय पर संगोष्ठी हुई।जिसमें
मुख्य अतिथि‌ श्री गुरू गोबिंद सिंह लंगर आयोजन समिति के मुख्य सेवादार बाबा मनोहर सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि हम सिंगापुर गये थे तो लोगों ने बताया कि आज़ाद हिन्द फौज के लिए किस तरह महिलाओं ने अपने गहने नेताजी को सौंप दिया। भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा पास करने के बाद सरकारी नौकरी छोड़कर देश की स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। यह दिखाया कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। देश को स्वतंत्र कराने के लिए नेताजी पठान की वेशभूषा में ट्रक पर बैठकर भारत से निकले अफगानिस्तान तुर्की होते हुए जर्मनी पहुंचे वहां हिटलर से मुलाकात की। देश के स्वतंत्रता की मजबूत नींव तैयार किया। डॉ धनंजय सिंह ने कहा कि नेताजी का कहना था कि सबसे बड़ा अपराध अन्याय को सहना और गलत के साथ समझौता करना है। नेताजी ने भारत को आजाद कराने के लिए आजाद हिंद फौज का गठन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो पी के श्रीवास्तव ने कहा कि नेताजी के त्याग का देश‌ सदैव ऋणी रहेगा।डॉ उमेश सिंह ने कहा कि हिटलर ने सुभाष चन्द्र बोस के नेतृत्व क्षमता को देखकर उन्हें नेताजी की उपाधि दी। नेताजी आजादी भीख में नहीं चाहते थे। उन्हें अपनी नेतृत्व क्षमता पर विश्वास था। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ सुधीर सिंह ने आभार डॉ अजय कुमार सिंह ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ बीरेंद्र बहादुर सिंह श्वेता द्विवेदी डॉ विजय कुमार सिंह डॉ विमलजी विद्यार्थी डॉ अनादि कुमार मिश्रा श्रीकांत दुबे सन्तोष कुमार आदि शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त विभिन्न संस्थानों और परिषदीय विद्यालयों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किए गये। विकास खण्ड अमेठी के सर्वोदय विद्या मंदिर कोरारी गिरधर शाह में नेताजी की जयंती पर एनवाईके के राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक विवेक मिश्र की अगुवाई में नारा लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।विद्यालय के प्रधानाचार्य अमित श्रीवास्तव द्वारा नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई एवं विद्यालय के सभी अध्यापकों द्वारा नेता जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया। प्रतियोगिता में मीनाक्षी मिश्रा प्रथम प्रीति मिश्रा द्वितीय कशिश गुप्ता ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।इस मौके विद्यालय परिवार में पूनम द्विवेदी सुनील सोनी महेंद्र पांडेय संभावना ललिता शिव शंकर पांडेय शालिनी सूरज कुमार प्रमोद आदि मौजूद रहे।प्रतियोगिता में नेहरू युवा मंडल नुवांवा के अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा ने अहम भूमिका निभाते हुए सभी प्रतियोगिताओं को नारा लेखन के प्रति मार्गदर्शन दिया।

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