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अवधनामा अख़बार को पूरे हुए 22 वर्ष, संस्था द्वारा मनाया गया पल यादगर.

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संवाददाता सैय्यद अहसन रिज़वी, सिटिज़न वॉयस
 लखनऊ : हजरतगंज थाना क्षेत्र के अवधनामा हाउस में कल अवधनामा अखबार का स्थापना दिवस मना गया, जो सान 2000 में स्थापित अवधनामा अखबार के 22 साल पूरे होने की खुशी में मनाया गया
 कार्यक्रम को अवधनामा के संस्थापक मरहूम वक़ार रिजवी की बीवी तकदीस फातिमा के ज़रीये आयोजित किया गया जहां पर उत्तर प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी प्रोफेसर शारिब रुदौलवी जनाब अम्मार काज़मी जैसे लोग मेहमान-ए-खुसुसी रहे ।
कहने को तो ये दिवस अवधनामा अखबार के 22 साल पूरे होने की ख़ुशी में अयोजित किया गया था लेकिन असल में जब इस अवसर पर लोगो का हुजुम इखट्टा हुआ तो सबने अपनी ज़ुबान और अपने आंसूओ के ज़रिए मरहूम वकार रिज़वी को   याद किया और उनका हमारे बीच न होने पर अफ़सोस ज़ाहिर किय
 पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने जब मरहूम वकार रिजवी के साथ बिताए हसीन किससे और वकार साहब की दिलेरी को सबके मद्देह नजर किया तो लोगों की आंखों से बिना रुके अश्क जारी हुए उन्होन साथ ही यह भी बताया की वकार साहब किस तरह से आपसी भाईचारे को कायम रखने में भी अव्वल ओ अफजल रहे उन्होनें बताया के मैं खुद वकार रिजवी के साथ साथ हुसैन डे मनाते थे।  और वकार साहब बड़ा मंगल के बंडारो में ऐसी खुशी से शमील होते थे की जिस्की कोई मिसाल नहीं
 मुल्क और राज्य की एकता क़ायम रखने में वकार रिजवी ने एक एहम्म किरदार निभाया हैं
इस कार्यक्रम को ख़ूबसूरती से चलाने में प्रोफेसर सामरा हबीब ने भी एहम किरदार निभाना
 वकार रिज़वी की ज़ौजा तकदीस फातिमा ने अपने बहते हुए अश्क़ो से सबका शुक्रिया अदा किया और उनका बड़ा शुक्रिया अदा जो उनकी मुश्किल घड़ी में
 उनका सहारा बने खास तौर पर मरहूम वकार रिजवी के छोटे भाई जनाब नजर मेहंदी साहब जोकि अपने बड़े भाई के तरह ही खुद में एक अजीम शख़्सियत हैं
 साथ ही अवधनामा से जुड़े हर जिले हर शहर के सदस्यों को भी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया
खुलीं छतों के चिराग कब के बुझ गए होते कोई तो है जो हवा के रुख़ बदलता है ये शेर प्रोफेसर समरा हबीब ने तकदीस फातिमा की शान में बोला  जिन्होने अपने शौहर के इन्तेकाल के बाद तमाम मुश्किल का सामना करते इस अख़बार को आज भी जिंदा रखा
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