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विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम सम्पन्न

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हरदोई। आज कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डा० अवधेश कुमार तिवारी ने बताया कि आज मृदाओं में जीवाश कार्बन प्रतिशत काफी कम हो गया है, जिससे फसलों की पैदावार कम हो रही है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को भूमि में मिलाने के साथ-साथ अन्य जीवांश पदार्थों यथा हरी खाद, गोबर की खाद तथा अन्य जीवांश खादें को कृषकजनों को भूमि में मिलाना चाहिए ताकि मृदा स्वास्थ्य भी ठीक हो सके तथा गुणवत्तापूर्ण पैदावार ली जा सके तथा जीवांश कार्बन प्रतिशत बढ़ाया जा सके। इस अवसर पर केन्द्र के वैज्ञानिक मुकेश सिंह ने बताया कि प्रत्येक फसल की कटाई के बाद मृदा परीक्षण कराना अति आवश्यक है, जिससे मृदा में उपलब्ध पोषक तत्वों की जानकारी हो सके तथा उर्थकों का सन्तुलित प्रयोग किया जा सके व फसलों में लगने वाली लागत कम की जा सके। केन्द्र के वैज्ञानिक डा० सी०पी०एन० गौतम ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए जीवांश खादों का प्रयोग तो आवश्यक है ही साथ ही इससे टिकाउ व गुणवत्तापूर्ण पैदावार मिलती है। उन्होंने कृषकों को बताया कि मृदा नमूना एकत्र करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि मृदा नमूना ढालू व छायादार स्थान से न लिया गया हो। नमूना लेने की जगह कोई भी कार्बनिक खाद, फसल अवशेष व मलमूत्र त्याग न हो। यह सामान्य जगह से खेत के चार-पांच स्थानों से आधा-आधा किलो मिट्टी को एकत्र कर उसे विधिवत् मिलाकर व छायादार स्थान पर सूखाकर इसमें से आधा किलो मिट्टी एक थैली में एकत्र कर कृषक का नाम, पिता का नाम, खेत की पहचान, न्याय पंचायत का नाम, विकासखण्ड व जनपद का नाम लिखकर ही मृदा परीक्षण प्रयोगशाला को प्रेषित करना चाहिए। केन्द्र की गृह वैज्ञानिक डा० प्रिया वशिष्ठ ने रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं करने की सलाह दी व प्राकृतिक खेती करने पर जोर दिया। इस अवसर पर काफी संख्या में कृषक उपस्थित रहे। केन्द्र के वैज्ञानिक डा० सी०पी०एन० गौतम ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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