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बस किराए के रूप में योगी सरकार ने राजस्थान को 36,36,664 रुपए का किया भुगतान

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लाॅकडाउन के बीच कोटा में फंसे बच्चे को निकालने में मदद की एवज में राजस्थान सरकार ने वसूला किराया

लखनऊ : राजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों को यूपी के बार्डर तक छोड़ने के एवज में गहलोत सरकार ने 36 लाख रुपए किराया व डीजल के लिए करीब 20 लाख रुपए का बिल यूपी की योगी सरकार को भेजा है। बीते गुरुवार राजस्थान सरकार ने कोटा से यूपी बॉर्डर तक भेजे गए बच्चों की बसों का किराया यूपी सरकार को सौंपा गया था। 36,36,664 हजार के इस बिल का योगी सरकार ने तत्काल भुगतान कर दिया है। यह बिल कोटा से बच्चों को आगरा और मथुरा पहुंचाने पर राजस्थान रोडवेज ने यूपीएसआरटीसी को भेजा था।

यूपीएसआरटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कि लाॅकडाउन के बीच कोटा में फंसे यूपी के बच्चों को वापस लाया गया था। इस काम में राजस्थान रोडवेज की 94 बसों की भी मदद ली गई थी। राजस्थान सरकार ने इसका 36 लाख रुपये का बिल भेजा था। हमने शुक्रवार को बिल का भुगतान कर दिया है। जबकि राजस्थान सरकार पहले ही डीजल के एवज में उत्तर प्रदेश सरकार से 19 लाख रुपए ले चुकी है। प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसों की व्यवस्था करने का दावा कर रही कांग्रेस के लिए यही बिल आगे मुसीबत भी बन सकते हैं। क्योंकि इससे मामले के बाद भाजपा को कांग्रेस को घेरने का मौका मिल गया है।

बता दें कि राजस्थान के कोटा में करीब 12000 छात्र लाकडाउन में फंसे थे। जिन्हें सकुशल घर पहुंचाने के लिए योगी सरकार ने मुफ्त बसें चलाई थी। यूपी सरकार ने 560 बसें भेजी थीं। सरकार को उम्मीद थी कि इतनी बसों से बच्चों की वापसी हो जाएगी। लेकिन बच्चों की संख्या अधिक होने की वजह से राजस्थान सरकार ने 70 बसों का इंतजाम किया था।

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