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यूपी लौटे 5 लाख श्रमिकों को रोजगार देगी योगी सरकार, समिति गठित

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20 अप्रैल से प्रदेश में उद्योगों को सशर्त शुरू करने की दी जा सकती है अनुमति

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले 45 दिनों में देश के विभिन्न राज्यों से प्रदेश वापस पहुंचे लगभग 5 लाख श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। यह समिति इन श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करेगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश रविवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ लॉकडाउन समीक्षा बैठक के दौरान दिए। कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में गठित इस समिति में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास, प्रमुख सचिव पंचायती राज, प्रमुख सचिव एम.एस.एम.ई. और प्रमुख सचिव कौशल विकास शामिल हैं। यह समिति ओ.डी.ओ.पी. के तहत रोजगार सृजन के साथ-साथ बैंक के माध्यम से लोन मेले आयोजित करना सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा रोजगार मेलों का भी आयोजन किया जाएगा ताकि लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जा सकें।

यह समिति रोजगार के ज्यादा अवसर कैसे सृजित किए जाएं इस पर भी अपने सुझाव देगी। समिति एम.एस.एम.ई. के तहत विभिन्न उद्योगों में रोजगार के अवसर सृजित करने की सम्भावनाएं भी तलाशेगी। मुख्यमंत्री ने कहाकि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने रिवॉल्विंग फण्ड में जो बढ़ोत्तरी की है, उससे महिला स्वयंसेवी समूहों को विभिन्न गतिविधियों जैसे सिलाई, अचार, मसाला बनाना इत्यादि के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाए। महिलाओं द्वारा निर्मित सामग्रियों की मार्केटिंग ओ.डी.ओ.पी. के माध्यम से की जाए। उन्होंने कहाकि प्रत्येक जनपद में पुष्टाहार पहुंच चुका है। अतः बच्चों, किशोरियों, कन्याओं, गर्भवती माताओं के लिए इसकी डोर स्टेप डिलीवरी सुनिश्चित की जाए।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 अप्रैल से प्रदेश में उद्योगों को सशर्त शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। इस सम्बन्ध में रविवार शाम सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाएंगे। उन्होंने कहाकि इन शर्तों के अनुरूप स्थानीय प्रशासन उद्योग चलाने की ठोस कार्ययोजना बनाए। मुख्यमंत्री ने कहाकि कोरोना वायरस कोविड-19 के कारण 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण ठेला, खोमचा, रेहड़ी आदि लगाने वालों, रिक्शा, ई रिक्शा चालक, पल्लेदार, रेलवे कुली, दिहाड़ी मजदूरों आदि के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। राज्य सरकार इसके प्रति अत्यन्त संवेदनशील है और इन्हें हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास कर रही है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को निर्देश देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में कोरोना के 10 से ज्यादा पॉजिटिव केस रिपोर्ट हुए हैं। उन्हें अभी न खोला जाए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाए और जो जहां है वह वहीं रुके।उन्होंने कोरोना संदिग्धों की टेस्टिंग अनिवार्य रूप से कराने के भी निर्देश दिए। कोरोना के संक्रमण को हर हाल में फैलने से रोकना है, अतः प्रत्येक जनपद में कोरोना के इलाज में लगे डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और अन्य स्टाफ को पी.पी.ई., एन-95 मास्क व अन्य मेडिकल उपकरण हर हाल में उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कोरोना संदिग्धों के लिए शेल्टर होम तैयार स्थिति में रखने के निर्देश दिए। बाहर से आने वालों को हर हाल में क्वारंटीन किया जाए। इस सम्बन्ध में आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। अन्य सभी लोग मुंह ढंकने के लिए मास्क, गमछे, दुपट्टे इत्यादि का प्रयोग करें।

मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं के सम्बन्ध में कहाकि यह सेवाएं उन्हीं अस्पतालों में चालू की जाएं जहां पी.पी.ई. किट्स, एन-95 मास्क पर्याप्त मात्रा में मौजूद हों। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को इस सम्बन्ध में आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाए। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव राजस्व को निर्देश दिये कि सभी शेल्टर होम नियमित रूप से सैनिटाइज़ किये जाएं। कम्युनिटी किचन का संचालन पूरी सावधानी से किया जाए। क्वॉरेन्टीन पूरा कर चुके लोगों को वापस भेज दिया जाए। उन्होंने प्रशासन की देखरेख में ही भोजन वितरित करने के निर्देश दिये

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