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जब तक उर्दू की नशिस्तें होती रहेंगी उर्दू परवान पाता रहेगा -डा0 मेराजुद्दीन 

सदर ग़ुलाम अली शाह की सदारत में हुई शेरी नशिस्त

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बहराइच।जनपद में उर्दू महफ़िल के ज़ेरे एहतिमाम मौलाना अबुल कलाम आजाद जूनियर हाईस्कूल नाज़िरपुरा बागबानी में तन्ज़ीम के सदर ग़ुलाम अली शाह की सदारत में ईद मिलन तकरीब व शेरी नशिस्त को खिताब करते हुए मेहमाने खुसूसी डाक्टर मेराजुद्दीन खां ने कहा कि बड़े बड़े उर्दू के स्कालर प्रोफेसर से उर्दू को फरोग़ मिलना चाहिए था उससे कहीं ज़्यादा फरोग़ इन नशिस्तों के हवाले से हो रहा है।आज ज़रुरत है कि इस तरह की अदबी  नशिस्तें होती रहें। तकरीब में प्रोफेसर तबरेज अहमद ने कहा कि नई नस्ल के शायरों को इस तरह के प्लेटफार्म से बहुत कुछ सीखने समझने और शायरी में निखार लाने का मौका मिलता है।सदर जलसा ग़ुलाम अली शाह ने उर्दू महफ़िल की बुनियाद से लेकर अब तक के कामयाब सफर पर रौशनी डाली।शेरी नशिस्त व ईद मिलन तकरीब की निज़ामत तन्ज़ीम के जनरल सेक्रेटरी रईस सिद्दीकी ने की। प्रोग्राम का आग़ाज़ मौलाना सूफियान कासमी ने तिलावते कलामे पाक से किया।जिसके बाद फ़ौक बहराइची ने नात पाक पेश की।इस्तकबालिया खिताब में शफीक अहमद बागबान ने उर्दू महफ़िल के बानी सरपरस्त डा सैयद खालिद महमूद की अदबी ख़िदमात का ज़िक्र करते हुए कहा कि उर्दू महफ़िल ने उनकी सरपरस्ती में सैकड़ों नुमाया काम अंजाम दिये हैं जिसे भूल जाना नामुमकिन है।शेरी नशिस्त में जमाल अज़हर सिद्दीकी,फ़ौक बहराइची,पी के प्रचण्ड,नज़र बहराइची,मंज़ूर बहराइची, तारिक़ हाशिम,अकमल नज़ीर , शराफ़त उल्ला,गजंफर हैदर,रईस सिद्दीकी ने बेहतरीन ग़ज़लों से नवाजा। आखिर में सभी मेहमानों और सामईन को सवाईयां खिला कर रुखसत किया गया।
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