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बज्म-ए ग्यास की तरही नशिस्त का हुआ आयोजन

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बाराबंकी : नगर के खुमार एकैडमी हाल में बज्म-ए ग्यास की तरही नशिस्त का आयोजन हुआ। नशिस्त की अध्यक्षता उस्ताद शायर हाशिम अली हाशिम ने की। संचालन डॉक्टर रेहान अलवी बाराबंकवी ने किया। मोहम्मद असगर उस्मानी उर्फ मोहम्मद मियां और अख्तर जमाल उस्मानी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। नशिस्त में शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम प्रस्तुत किए। हाशिम अली हाशिम ने कहा कि-मेरे रकीब मुझे आजमाना चाहते हैं, हसद की आग में खुद को जलाना चाहते हैं,, उस्मान मीनाई ने पढ़ा-एक आफताब का जुगनू का शाना चाहते हैं, सियाह रात की मैयत उठाना चाहते हैं, नादान रसौलवी ने कहा कि-उस अस्तबल पे भी वो हक जताना चाहते हैं, गधे हैं लाख मगर हिनहिनाना चाहते हैं,,

 

वकार बाराबंकवी ने कहा कि हमें हवा में चला कर न कीजिए बर्बाद, हम एक तीर हैं कोई निशाना चाहते हैं, रेहान बाराबंकवी ने पढ़ा तू बढ़ के उनको भी अपने गले लगा रेहान, जो तेरी राह में कांटे बिछाना चाहते हैं,, फैज आतिश ने पढ़ा-हम अपना माथा मुकद्दस बनाना चाहते हैं,बराए सजदा तेरा आस्ताना चाहते हैं,, आदर्श बाराबंकवी ने कहा-मैं डरता कब हूं कि वो जुल्म ढ़ाना जाना चाहते हैं, सितम है ये वही मरहम लगाना चाहते हैं,,शाद बड़ेलवी ने कहा-हवाओं हमको बता दो गलत है क्या इसमें, चरागे इश्क  अगर हम जलाना चाहते हैं,, डॉक्टर फुरकान बाराबंकवी ने पढ़ा-सुना है करते हैं आबे हयात की वो तलाश, वो अपनी मौत से पीछा छुड़ाना चाहते हैं।

 

इस अवसर पर खुर्शीद रिजवी, सैयद मोहम्मद आसिम, अनस किदवई, प्रदीप सारंग, मोहम्मद एहसन, अब्दुर रहमान, तुफैल अंसारी और जैद मसूद वगैरह मौजूद थे। बज्म के जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर रेहान अलवी ने सभी उपस्थित जनों के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही यह घोषणा की कि अगले माह से दूसरे शनिवार की शाम को नशिस्त का आयोजन किया जाएगा।

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