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भाजपा की गरीब विरोधी नीति गैर कानूनी काम करने के लिए बाध्य कर रही- अखिलेश

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प्रवासी मजदूरों के लिए उत्तर प्रदेश का बार्डर सील

लखनऊ : प्रवासी मजदूरों को यूपी बार्डर पर ही रोके जाने का समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विरोध किया है और कहा कि गरीब विरोधी नीतियां ही गरीबों को गैर कानूनी काम करने को बाध्य कर रही है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए लिखा है कि ऐसा करो बाबू गरीब की जिंदगी पर ही रासुका लगा दो।

रविवार को सुबह सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक फोटो शेयर करते हुए ट्वीट कर लिखा “भाजपा सरकार का आदेश है कि प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश के बार्डर पर न घुसने देंगे, न सड़क और ना रेल ट्रैक पर चलने देंगे, न ट्रक-दुपहिया से निकलने देंगे। अखिलेश यादव ने लिखा कि भाजपा की गरीब विरोधी नीतियां ही लोगों को गैर-कानूनी काम करने के लिए बाध्य कर रही हैं। ऐसा करो बाबू गरीब की जिंदगी पर ही रासुका लगा दो।

अखिलेश ने सवाल किया कि दतिया, झांसी, जालौन, कानपुर, गाजियाबाद, सहारनपुर की सीमाओं पर संघर्ष तबाही के शिकार श्रमिकों का कसूर क्या है? राज्य की सीमाओं पर क्या कोई विदेशी हमला होने वाला है? क्या अपने राज्य के कामगार विदेशी है? उन्नाव में सड़क जाम है। प्रशासन ने 10-10 किलोमीटर का जाम क्यों लगाया? इसका जवाब तो टीम-इलेवन को देना पड़ेगा। सिर पर सामान नदी को पार करते श्रमिकों का जत्था क्या यही उत्तर प्रदेश का परिचय है? ये सभी कितनी बेबसी के शिकार है।

अगर सरकार का गरीब मजदूरों के प्रति ऐसा ही दुर्भावनापूर्ण और उपेक्षापूर्ण व्यवहार बना रहा तो भला किस पर विश्वास कर ये प्रवासी मजदूर काम पर वापस लौटेंगे? अमीरों की इस सरकार ने अब तो श्रम कानूनों का रक्षा कवच भी छीन लिया है।

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रवासी मजदूरों को लेकर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपाई । गरीब विरोधी नीतियां ही लोगों को गैर-कानूनी काम करने के लिए बाध्य कर रही हैं। उन्होंने यूपी सरकार के घेरते हुए कहा कि अगर सरकार का गरीब-मजदूरों के प्रति ऐसा ही दुर्भावपूर्ण व उपेक्षापूर्ण व्यवहार रहा तो भला किस पर विश्वास करके ये प्रवासी मजदूर वापस काम पर लौटेंगे।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ‘अगर सरकार का गरीब-मजदूरों के प्रति ऐसा ही दुर्भावपूर्ण व उपेक्षापूर्ण व्यवहार रहा तो भला किस पर विश्वास करके ये प्रवासी मजदूर वापस काम पर लौटेंगे। अमीरों की इस सरकार ने अब तो श्रम कानूनों का रक्षा-कवच भी छीन लिया है। बिना मजदूर के कोई काम-कारखाना कैसे चलेगा, कोई तो समझे।’

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि देश का मजदूर और कामगार बेहद कठिन दौर से गुजर रहा है। 1947 के बाद भारत में ऐसी स्थिति कभी नहीं आयी। जिनसे न्याय की उम्मीद है, वही सरकार अन्याय और असहनीय पीड़ा पहुंचा रही है। बेसहारों पर लाठियां बरसाई जा रही है। यह घोर अमानवीय कृत्य है। अच्छा हो, सरकार गरीब की जिंदगी पर ही रासुका लगा दे।

सपा अध्यक्ष ने रविवार को कहा कि यूपी में प्रशासन की पंगुता से जैसी अफरातफरी मची है उससे साबित होता है कि ‘‘समाज में दूरी‘‘ पैदा करने वाली भाजपा का सारा ध्यान कोरोना नियंत्रण और गरीब को रोजी-रोटी की सुविधा देने पर नहीं अपनी चुनावी चालों पर है।

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