लखनऊ : निजामुद्दीन मरकज मामले में गृह मंत्रालय का फैसला, मरकज़ में शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों को 10 साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया है। 960 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के पर रोक लगा दी है। गृह मंत्रालय विभाग ने दिल्ली पुलिस और अन्य राज्यों के पुलिस प्रमुखों को विदेशी कानून और आपदा प्रबंधन कानून के तहत इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा था।
गौरतलब है कि दिल्ली दंगों के पीछे मरकज का कनेक्शन होना सामने आया है। आरोपी का नजदीकी मौलाना साद का बेहद करीबी निकला है। जांच में पता चला है कि दंगों के दौरान भी दोनों लगातार संपर्क में थे। कोरोना संकट के बीच में ही मौलाना साद ने हजरत निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसके बाद उस पर कार्रवाई हुई. यहां बड़ी संख्या में भारतीय और विदेशी मुसलमान पहुंचे थे और उन्होंने तब्लीगी जमात कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का कोई पालन नहीं किया गया।
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने पिछलेे बृहस्पतिवार को दक्षिण दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट में 12 नई चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 541 विदेशी नागरिकों को आरोपित बनाया गया। पुलिस अब तक कुल 47 चार्जशीट फाइल कर चुकी है, जिसमें 900 से अधिक जमातियों को आरोपित बनाया गया है। निजामुद्दीन मरकज में इकट्ठे हुए तब्लीगी जमात के लोगों की वजह से देश में कोरोना के कई मामले सामने आए थे। इसके बाद मौलाना साद की भी काफी आलोचना हुई। वह आज भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।