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बस विवाद HC ने मंजूर की प्रियंका गांधी के निजी सचिव की अग्रिम जमानत

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गिरफ्तार नहीं होगें संदीप सिंह

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर बसों का इंतजाम करने के मामले में उत्तर प्रदेश प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह को बस सूची फर्जीवाड़ा मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राहत देते हुए उनकी अग्रिम जमानत मंजूर की। संदीप सिंह और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर प्रवासी मजदूरों के लिए एक हजार बसों की सूची में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज किया गया था। कोर्ट ने एक लाख के मुचलके और इतनी ही धनराशि की 2 जमानतें दाखिल करने का आदेश दिया है।

इस दौरान हाईकोर्ट ने लखनऊ पुलिस की कार्रवाई पर टिप्पणी की, हाईकोर्ट कहा कि प्रियंका गांधी के कहने पर संदीप ने पत्र लिखा था। लेकिन पुलिस ने प्रियंका को आरोपी नहीं बनाया। बता दें, मामला दर्ज होने के बाद संदीप सिंह अभी तक गिरफ्तार नहीं किए गए थे। लेकिन वहीं मामले में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू गिरफ्तार हुए और जेल में कई दिन बिताने के बाद वह जमानत पर छूटे। लेकिन संदीप सिंह गिरफ्तारी से बचने के लिए संदीप सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। संदीप सिंह की याचिका पर हाई कोर्ट ने 5 अगस्त को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने संदीप की अग्रिम जमानत मंजूर कर ली। जमानत मंजूर करते हाईकाेर्ट ने फैसले में बस सूची विवाद को लेकर कहा कि यह कोई आपराधिक मामला नहीं है। जिसे मंजूर ना किया जाए।

दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार और कांग्रेस में कोरोना लॉकडाउन के वक्त प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी को लेकर खूब खींचतान चली थी। लॉकडाउन दौरान कांग्रेस की तरफ से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए एक हजार बसें देने के लिए यूपी सरकार को पत्र लिखा गया था। मामले में सरकार की तरफ से बसों की डिटेल मांगी गई थी। इस पार कांग्रेस की तरफ से जो लिस्ट दी गई। उसमें कई खामियां उजागर हुईं। इसके बाद जांच के बाद लखनऊ पुलिस ने बसों के नंबर, परमिट में धोखाधड़ी को लेकर प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर केस दर्ज किया था। इस मामले में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू गिरफ्तार हुए

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