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भवानीपुर में प्रचार के आखिरी दिन दिलीप घोष पर हमला

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बंगाल : पश्चिम बंगाल की हाई प्रोफाइल सीट भवानीपुर में आज चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। इस सीट पर टीएमसी से सीएम ममता बनर्जी उम्मीदवार हैं। वहीं, भाजपा ने प्रियंका टिबरेवाल को मैदान में उतारा है। सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा आमने सामने हैं। दोनों दलों के स्टार प्रचारक जनता को लुभाने के लिए ताकत झोंके हुए हैं। पश्चिम बंगाल में 30 सितंबर को भवानीपुर समेत तीन सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और स्टार प्रचारक दिलीप घोष पर हमला किया गया है। भाजपा ने हमले का आरोप तृणमूल कांग्रेस (टीएमएसी) कार्यकर्ताओं पर लगाया है।प्रचार के आखिरी दिन भाजपा और टीएमसी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। टीएमएसी के कार्यकर्ताओं पर दिलीप घोष के साथ धक्कामुक्की करने का भी आरोप लगा है। इस दौरान दिलीप घोष के सुरक्षाकर्मियों ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर बंदूक तान दी। हालांकि, दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं को शांत कराया गया।

भाजपा के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने टीएमसी पर हमले का आरोप लगाया है। अमित मालवीय ने कहा कि भाजपा को भवानीपुर सीट पर प्रचार करने से रोका जा रहा है। वहीं, कुणाल घोष ने कहा कि लॉकेट चटर्जी ने भाजपा का अनुरोध ठुकरा दिया है। भाजपा नेता खामखा टीएमसी पर आरोप लगा रहे हैं। भाजपा की ओर से 80 से ज्यादा नेता प्रचार करने के लिए मैदान में हैं। वहीं, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने वोटरों से अपील की कि ममता बनर्जी कम से कम 1 लाख वोटों से जीत दर्ज करें।

भाजपा नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी भी भवानीपुर सीट पर आज भाजपा प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। प्रचार के दौरान सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘ ममता बनर्जी चाहे जितनी हिंसा करवा लें, लेकिन उपचुनाव में भाजपा की जीत पक्की है। भाजपा नेता अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी नंदीग्रासीट पर चुनाव हारने के बाद यहां की जनता को धोखा देने के लिए पहुंची हैं। टीएमसी की राजनीति को बंगाल की जनता अच्छी तरह समझती है। उपचुनाव में प्रियंका टिबरेवाल भारी मतों से जीत दर्ज करेंगी’

30 सितंबर को भवानीपुर के साथ जंगीपुर और शमशेरगंज में भी उपचुनाव होना है। भवानीपुर सीट से मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख  ममता बनर्जी चुनाव मैदान में हैं। ममता बनर्जी के लिए यह चुनाव बेहद खास है, क्योंकि अपने पद पर बने के लिए ममता बनर्जी को विधानसभा का सदस्य होना जरूरी है। इसके लिए उनके पास 3 नवंबर तक का समय है, इससे पहले उन्हें किसी भी विधानसभा सीट से जीत दर्ज करना होगा।ममता बनर्जी इस बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी से वह चुनाव हार गई थीं। ममता बनर्जी के लिए टीएमसी नेता  सोबनदेव चट्टोपाध्याय ने इस सीट को छोड़ दिया था। भवानीपुर ममता बनर्जी का गढ़ माना जाता है। वह यहां से दो बार विधायक रह चुकी हैं ।

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