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ऋण पत्रावलियों के स्वीकृति में रूचि न लेने वाले बैकों के विरुद्ध डीएम ने जतायी कड़ी नाराजगी

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बहराइच:  बुधवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैकों की जिला सलाहकार एवं पुनरीक्षण समिति की बैठक के दौरान सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न ऋण योजनाओं की प्रगति संतोषतनक न पाये जाने पर जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि विभिन्न शाखाओं में लम्बित ऋण पत्रावलियों का अभियान चलाकर निस्तारण किया जाए। बैकों को यह भी निर्देश दिया गया कि ऋण पत्रावलियों की स्वीकृति में हीला हवाली कर अभ्यर्थी को अनावश्यक रूप से दौड़ाया न जाय। जैसी भी स्थिति हो समयबद्धता के साथ निर्णय लें। डीएम ने लीड बैंक प्रबन्धक को निर्देश दिया कि अपने स्तर पर समीक्षा कर लापरवाही बरतने वाले बैंकों का चिन्हांकन कर सम्बन्धित बैंक के स्टेट हेड को पत्र भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया जाए।

डीएम ने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया कि बैंकों से समन्वय कर लाभार्थियों के ऋण पत्रावलियों का निस्तारण कराएं ताकि बेरोगार युवक युवतियां अपना व्यवसाय शुरू कर सकें।
डीएम मोनिका रानी ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि विभिन्न विभागों द्वारा प्रेषित की गई ऋण पत्रावलियों की समीक्षा कर यह देख लें कि कौन से बैंक है जिनके द्वारा उदासीनता बरती गई है। उन्होंने ऐसे बैंकों से विभागीय योजनाओं का पैसा निकाल कर गुड परफार्मेंस देने वाले बैंकों में शिफ्ट कराये जाने का भी निर्देश दिया। डीएम ने लीड बैंक प्रबन्धक जितेन्द्र नाथ श्रीवास्तव को निर्देश दिया कि डीएलआरसी की पिछली बैठक की प्रगति से इस बैठक की प्रगति का तुलनात्मक विवरण के साथ कार्यवृत्ति तैयार की जाए। साथ ही लापरवाह व उदासीन बैंकांे के विरूद्ध स्टेट हेड को भेजे जाने वाले पत्र का पत्रालेख भी प्रस्तुत करें। एलडीएम को निर्देश दिया गया कि जनपद व राज्य स्तर के सीडी रेशियों के अन्तर को दुरूस्त करायें।

बैठक के दौरान लीड बैंक प्रबन्धन द्वारा बैकों की ओर से अश्वस्त किया गया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, ओडीओपी, पीएम स्वनिधि योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन सहित पशुपालन, मत्स्य व अन्य विभागों की लम्बित ऋण पत्रावलियों का चालू माह के अन्त तक स्वीकृति प्रदान कर ऋण वितरण करा लिया जायेगा। बैकों को यह भी निर्देश दिये गये कि प्रधानमंत्री फसल बीमा से आच्छादित किसानों की प्रीमियम कटौती की कार्यवाही यथाशीघ्र पूर्ण कर ली जाय। साथ ही पशुपालक व मत्स्य पालक किसानों को भी फसल बीमा योजना से लाभान्वित किया जाए।

आरसेटी की समीक्षा के दौरान डीएम द्वारा निर्देश दिये गये कि आरसेटी द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किये गये प्रशिक्षार्थियों का विवरण तथा सम्बन्धित विभाग की संस्तुति का ब्यौरा अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाय। इसके अलावा कृषि ऋण की प्रगति, वित्तीय समावेशन, एस.एच.जी. बैंक लिंकेज, आईजीआरएस एवं अन्य बिन्दुओं की भी समीक्षा कर सम्बन्धित बैंकों व विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, डीडी एग्री टी.पी. शाही, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, उपायुक्त एनआरएलएम, सहायक निदेशक मत्स्य जितेन्द्र कुमार, डीएसओ नरेन्द्र तिवारी व अन्य सम्बन्धित अधिकारी, बैकों के जिला समन्वयक, आरबीआई के प्रतिनिधि तथा अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

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