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डीएम ने आयोजित होने वाले राष्ट्रीय पोषण माह के सफल क्रियान्वयन हेतु दिया आवश्यक निर्देश

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देवरिया: जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह ने माह सितम्बर तक आयोजित “राष्ट्रीय पोषण माह” के सफल क्रियान्वयन हेतु सचिव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं  निदेशालय बाल विकास सेवा एवं सेवा पुष्टाहार उ0प्र0 द्वारा दिए गए निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन किए जाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों एवं कर्मियों को दिया है। उन्होने कहा है कि इसके अनुश्रवण एवं अन्य आवश्यक गतिविधियों के आयोजन हेतु जो भी निर्देश प्राप्त है, उसे तदअनुरुप पूरी तत्परता से सभी जुडे अधिकारी व कर्मी क्रियान्वित करेगें।
       जिलाधिकारी ने बताया है कि पोषण अभियान एक बहु- विभागीय कन्वर्जेन्स का अभियान है, जो मा० प्रधानमंत्री जी के विजन “सुपोषण भारत’ (कुपोषण मुक्त भारत) पर आधारित है। पोषण से सम्बन्धित समस्त कन्वर्जेन्स विभागों के समन्वय एवं समेकित प्रयासों से पोषण आधारित जीवन-चक के महत्वपूर्ण चरणों यथा गर्भावस्था, शैशवावस्था, बचपन व किशोरावस्था में पोषण के सम्बन्ध में जनजागरूकता लाने हेतु प्रचार-प्रसार तथा जन-जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। इस वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह की मुख्य थीम “सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत” है। पोषण अभियान के अन्तर्गत 6 वर्ष से कम आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली धात्री माताओं तथा किशोरी बालिकाओ के पोषण स्तर में सुधार किये जाने के प्रयास किये जा रहे है। पोषण अभियान के वांक्षित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन एक महत्वपूर्ण चरण है।
              भारत सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देशों के क्रम में इस वर्ष के राष्ट्रीय पोषण माह” का मुख्य फोकस अंर्तविभागीय कन्वर्जेन्स स्थापित करते हुये समेकित रूप से पोषण सम्बन्धी गतिविधियां वृहद स्तर पर आयोजित की जानी है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस वर्ष सितम्बर, 2023 में आयोजित किये जाने वाले पोषण माह की मुख्य थीम प्रभावी स्तनपान व सम्पूरक आहार,  स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा,  पोषण भी पढ़ाई भी, मिशन लाईफ के माध्यम से पोषण में सुधार, मेरी माटी मेरा देश, जनजातीय के वजन सप्ताह के आयोजन के पश्चात जो बच्चें स्वस्थ व सुपोषित है तथा जिनको पूर्व निर्धारित सेवायें मिली है उनको पुरस्कृत किया जायेगा। पोषण अभिमुखीकरण, एनीमिया स्तर में सुधार हेतु परीक्षण, उपचार एवं संवाद निर्धारित की गई है।
          जिलाधिकारी ने बताया है कि उक्त सभी थीम पर कार्य करने हेतु बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के साथ-साथ अन्य विभाग यथा स्वास्थ्य, पंचायती राज विभाग, शिक्षा, खाद्य व रसद,कृषि व उद्यान विभाग, आयुष, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, ग्राम्य विकास विभाग की अहम भूमिका है।  थीमवार पोषण सम्बन्धी गतिविधियां आयोजित किये जाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत किया गया है।
       इसी क्रम में स्वस्थ बालक प्रतियोगिता(स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से) का आयोजन किया जायेगा, इसके आयोजन व इसकी सफलता में ग्राम प्रधान व पोषण पंचायत की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस गतिविधि का मुख्य उद्देश्य 05 वर्ष तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना, पोषण की महत्वता पर जागरूकता बढ़ाना तथा एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनाना है। शहरी मलिन बस्तियों में आंगनबाड़ी कार्यकत्री के माध्यम से वृद्धि निगरानी का कार्य आयोजित किया जायेगा। स्कूलों में बच्चों द्वारा पोषण विषय पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, प्रभात फेरी, पोषण वाटिका, पोषण मेले का आयोजन, निबन्ध प्रतियोगिता, फल-सब्जियों के प्रयोग करते हुए विभिन्न गतिविधियां, योगा सत्र, खिलौनों के माध्यम से शिक्षा दी जायेगी। वजन सप्ताह के आयोजन के पश्चात जो बच्चें स्वस्थ व सुपोषित है तथा जिनको पूर्व निर्धारित सेवायें मिली है उनको पुरस्कृत किया जायेगा। रेसिपी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जायेगा जिससे कि उन्हें स्थानीय पौष्टिक खाद्य पदार्थों की जानकारी हो सके। इसके अतिरिक्त तिरंगे को बढ़ावा देना / इन्द्रधनुष थाली बनवाने सम्बन्धी गतिविधियों का भी आयोजन किया जायेगा । पोषण वाटिका, फल और सब्जियों सूक्ष्म पोषण तत्वों का महत्वपूर्ण स्रोत हैं और उनका नियमित सेवन अच्छे स्वास्थ्य, पोषण के लिये आवश्यक है। ग्राम्य विकास, उद्यान विभाग व पंचायती राज के समन्वय व सहयोग पोषण वाटिका की स्थापना आंगनबाड़ी के समीप खाली स्थान पर बनाई जाये। पोषण वाटिका को कुपोषित बच्चों के घरों में स्थापित करने से इन परिवारों को लाभ मिलेगा। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से पोषण माह के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा गृह भ्रमण किया जायेगा। इसके साथ-साथ केन्द्र आधारित गतिविधियां भी आयोजित की जायेगी। गृह भ्रमण व केन्द्र आधारित गतिविधियों का मुख्य फोकस आखिरी त्रैमास की गर्भवती महिलायें, नवजात शिशु, 0-6 माह से कम वजन के शिशु तथा सभी सैम व गम्भीर बच्चों को सेवाओं से आच्छादित करना होगा। ग्राम स्तर पर आयोजित की जाने वाली गतिविधियां (स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से ) में पोषण रैली जन संरक्षण गतिविधियां, रेसिपी प्रतियोगिता आदि गतिविधियां आयोजित की जायेगी।
            जन प्रतिनिधि, सरकारी विभाग के अधिकारी, डेवलपमेंट पार्टनर्स और गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों के साथ सामुदायिक रेडियों, स्थानीय चैनलों आदि पर चर्चा और टॉक शो आयोजित किये जायें। स्थानीय समाचार पत्रों पत्रों में पोषण पर स्थानीय स्तर से लेख आमंत्रित किये जा सकते है। सभी संघों, महासंघों, संघों ( कर्मचारियों, शिक्षकों, डाक्टरों किसानो, व्यापारियों आदि) का पोषण अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए सक्रिय समर्थन प्राप्त किया जायेगा।
          जिला कार्यक्रम अधिकारी, देवरिया को नोडल अधिकारी एवं कन्वर्जेन्स विभागों कृषि, स्वास्थ्य, पंचायतीराज, खाद्य एवं रसद, शिक्षा, ग्राम्य विकास, युवा एवं खेल, आयुष, आवास एवं शहरी नियोजन, स्किल डेवलेपमेन्ट, सूचना, जनशक्ति, समाज कल्याण, जनजाति कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारियों को सहायक नोडल अधिकारी नामित करते हुए निर्देशित वे निर्धारित दिशा निर्देशों/कार्ययोजना के अनुसार प्रत्येक गतिविधियों में अधिकारियों एवं समुदाय की भागीदारी कराना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा है कि उपरोक्त प्रकरण शासन की महत्वपूर्ण योजना पोषण अभियान से सम्बन्धित है। इसमें समस्त कन्वर्जेन्स विभागों की सहभागिता अनिवार्य है।
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