इटावा : बारिश में में संक्रामक रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती हैं इसलिए सचेत रहें। यह कहना है जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पी.के. गुप्ता का। डॉ गुप्ता ने बताया कि जिला अस्पताल में गंभीर व डेंगू मरीजों के इलाज के लिए सैफई मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था है। उन्होंने सलाह दी कि बच्चों को बाहर का खाना न खाने दें। घर पर बना ताजा खाना दें और उन्हें सुपाच्य व पौष्टिक भोजन करवाएं।
बच्चों को मच्छरों से बचाएं और फुल आस्तीन के कपड़े पहनाएं। दिन में भी मच्छरदानी का उपयोग करें। जिला अस्पताल के ही बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शादाब आलम ने कहा कि यदि बच्चों के बुखार को तीन दिन से ज्यादा हो गए हो तो गंभीरता से लें। जिला अस्पताल में आकर नि:शुल्क डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर की जाँच करवाएं। इन दिनों वायरल, मलेरिया डेंगू, चिकनगुनिया और टायफायड सहित कई प्रकार के बुखार की आशंका लगातार बनी रहती है।
साथ ही उल्टी दस्त, भूख कम लगना, पीला पेशाब आना और पेट से होने वाली बीमारियाँ भी इस मौसम में प्रमुखता से होती हैं। ऐसे में शुरुआती चरण में ही रोगों के लक्षणों को गंभीरता से लें। डॉ आलम ने बताया आजकल बाल रोग विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 150 बच्चों को चिकित्सीय परामर्श दिया जा रहा है। बुखार उतारने के लिए तत्काल पैरासिटामाल टेबलेट दें। आवश्यक लगें तो पानी की पट्टी का इस्तेमाल करें। घर के आस पास जमा पानी में मिट्टी का तेल या जला मोबिल आयल डाल दें।
क्या न करें झोलाछाप के बिल्कुल भी इलाज न करवाएं। नजदीकी सरकारी अस्पताल में परामर्श लें। लक्षण तेज बुखार के साथ बदन दर्द ,सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द, महीन दाने या खराश, जी मिचलाना, उल्टी आना और शरीर में लाल दाने निकल आते हैं।