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थाने में पीड़िता के भाई से मारपीट करने पर इंस्पेक्टर कल्याणपुर लाइन हाजिर  

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घटना की जांच सीओ कल्याणपुर को सौंपी गई

कानपुर :  मोबाइल लूट के मामले में थाने में पीड़िता के भाई से मारपीट करने वाले इंस्पेक्टर कल्याणपुर अजय सेठ को डीआईजी ने लाइन हाजिर कर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम की जांच डीआईजी ने अपने स्तर से कराई और न्याय करते हुए इंस्पेक्टर को थाने से हटा दिया। घटना की जांच सीओ कल्याणपुर को सौंपी गई है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मिर्जापुर कल्याणपुर निवासी मोनिका सिंह का मंगलवार रात घर के पास मोबाइल लुट गया था। जिसमें भीड़ ने दो आरोपित सिपाही पुत्र मोहित कुमार और उसी महिला मित्र संजना को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। इसी मामले में देर रात मोनिका के भाई कौशलेन्द्र सिंह की इंस्पेक्टर और थाने में अन्य पुलिस कर्मियों को लेकर नोंकझोंक हुई। उसका आरोप था कि इंस्पेक्टर और पुलिस ने जमकर उसके थाने में पीटा जो सीसी टीवी कैमरे में कैद है।

इसके बाद इंस्पेक्टर ने वादी बनकर कौशलेन्द्र के खिलाफ मारपीट और सरकारी कार्य में बाधा डालने की धारा में एफआईआर दर्ज कर जेल भेज दिया। इस मामले को डीआईजी डा.प्रीतिन्दर सिंह ने गम्भीरता से लिया। उन्होंने अपने सोर्सेस से मामले की जांच कराई। जिसमें घटना में इंस्पेक्टर का दोष सामने आ गया। जिस पर डीआईजी ने गुरुवार को इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया। वहीं इस मामले में मोनिका सिंह ने आईजी रेंज मोहित अग्रवाल को घटना के बाबत पूरी बात बताई। जिस पर आईजी ने मामले में जांच के आदेश दिए है।

जनार्दन प्रताप सिंह को चार्ज

इंस्पेक्टर अजय सेठ की जगह इंस्पेक्टर बाबूपुरवा जनार्दन सिंह को कल्याणपुर का चार्ज दिया गया है। इसके अलावा डीआईजी ने क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रभुकांत को कर्नलगंज, इंस्पेक्टर कर्नलगंज देवेन्द्र विक्रम सिंह को बाबूपुरवा, वीआईपी सेल प्रभारी इंस्पेक्टर राजकुमार को रायपुरवा, इंस्पेक्टर रायपुरवा सुशील कुमार योगी को प्रभारी वीआईपी सेल का चार्ज दिया है।

क्या बोले डीआईजी

कल्याणपुर में जो भी घटना हुई है उसकी जांच सीओ कल्याणपुर को सौंपी गई है। वह सभी तथ्यों पर जांचकर अपनी रिपोर्ट देंगे जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पीड़िता के भाई पर ही पुलिस ने दर्ज कर दिया मुकदमा

युवती से मोबाइल लूट के मामले में पकड़े गए हेड कांस्टेबल के बेटे को बचाने के लिए कल्याणपुर पुलिस ने पीडि़ता के भाई कौशलेन्द्र को ही प्रताडि़त किया। जब बात नहीं बनी तो उसे सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाकर जेल भेज दिया। गुरुवार को कोर्ट ने कौशलेन्द्र को जमानत दे दी।

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