लखनऊ : शीश महल स्थित अंदर वाला तालाब स्थित ताहिर हुसैन ज़ैदी के अज़ाखाने पर एक मजलिस का आयोजन किया गया इस मजलिस को मौलाना खतीब नकवी कुम्मी ने खिताब किया मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना खतीब नकवी ने इमाम जैनुल आब्दीन (अ स) की जिंदगी के मुख्तलिफ पहलुओं पर रोशनी डाली।
मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने कहा कि अगर हम गौर करें तो इमाम जैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम की जिंदगी हमारे लिए एक नमूना ए अमल है जिसके ज़रिए हम अपनी जिंदगी को कामयाब बना सकते हैं मौलाना ने कहा कि अगर हम इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम की जिंदगी को देखें तो उन्होंने बहुत मुसीबतें उठाईं। कर्बला से कूफा फिर कूफा से शाम तक उन पर मुसीबतें पड़ी लेकिन वह एक पल के लिए भी इबादत से दूर नहीं हुए।
मौलाना ने कहा कि इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम की जिंदगी को हमें देखना और समझना चाहिए ताकि हम भी यह कह सके कि हमारी जिंदगी में जितनी भी मुसीबतें आएं लेकिन हम अल्लाह और उसकी इबादत से गाफिल नहीं हो सकते हैं। मौलाना ने कहा कि कर्बला की कुर्बानी तहफ़्फुज़े इस्लाम के लिए थी इसलिए हमको कर्बला के बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए।
मौलाना ने कहा कि अगर हमें अपनी जिंदगी में कामयाबी और कामरानी चाहिए तो हमें इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम इमामे जैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम और जनाब ए जैनब सलवातुल्लाह अलैहा के बताए हुए रास्ते पर चलना होगा।