नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। इसी बीच महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव होने है। इसके लिए कई उम्मीदवार मैदान में उतर रहे है। कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर सीएम उद्धव ठाकरे का सिर दर्द बढ़ा दिया है। इस चुनाव में शिवसेना ने उद्धव ठाकरे और नीलम गोरे को मैदान में उतारा है। नीलम गोरे वर्तमान में महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष हैं। एनसीपी भी दो सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है।
वहीं भाजपा ने प्रवीण ददके, गोपीचंद पडलकर, अजित गोपछड़े और रणजीत सिंह पाटिल को प्रत्याशी बनाया है। महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी शामिल हैं। अगर एनसीपी भी चुनाव में अपने दो उम्मीदवार उतारती है। तो 9 विधान परिषद सीटों के लिए 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे। ऐसे में उद्धव ठाकरे का निर्विरोध चुने जाना मुश्किल हो गया है।
बता दें कि महाराष्ट्र में 9 विधान परिषद सीटों पर 21 मई को चुनाव होने हैं। इस चुनाव के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के 288 सदस्य वोट देगें। ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में 28 नवंबर को शपथ ली। उन्होंने शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के महाविकास अघाड़ी के प्रमुख के तौर पर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान के मुताबिक अगर कोई विधानमंडल का सदस्य नहीं हैं और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेता है। तो उसको 6 महीने के अंदर विधानमंडल के किसी भी सदन की सदस्यता लेनी होती है। यदि ऐसा नही करता है तो उसकी कुर्सी चली जायेगी।
महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में 10 प्रत्याशी मैदान में उतरते हैं। तो मतदान होना लाजमी है। एमएलसी का चुनाव गुप्त मतदान से होता है। ऐसे में क्रॉस वोटिंग की संभावना बढ़ जाती है। महाराष्ट्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही क्रॉस वोटिंग का खतरा मोल नहीं लेना चाहेंगे। यह तभी हो पाएगा जब कांग्रेस और एनएसपी में से कोई एक पार्टी एक सीट पर लड़ने को राजी हो।
महाराष्ट्र के कुल 288 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी महाविकास अघाडी को 170, शिवसेना के 56 विधायक, एनसीपी के 54 विधायक, कांग्रेस के 44 विधायक और अन्य 16 विधायक हैं। वहीं बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। जबकि 2 विधायक AIMIM और एक मनसे के विधायक हैं। इसके अलावा 10 अन्य विधायक हैं। ऐसे में विधान परिषद की एक सीट के लिए करीब 29 वोट चाहिए। आघाड़ी की 5 सीटें और बीजेपी की तीन सीटें पूरी तरह से सेफ है। लेकिन बीजेपी की चौथी और महाविकास अघाड़ी की छठी सीट के लिए जोड़तोड़ की आजमाइश होगी।