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जिंदगी से खिलवाड़ : 25 सौ रुपये में कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट, सीएमओ ने जांच के आदेश

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मेरठ : कोरोना के खिलाफ जंग में भ्रष्टाचारियों ने भी सेंध लगा दी है। मेरठ में हापुड़ रोड स्थित न्यू मेरठ हॉस्पिटल के दो वीडियो वायरल हुए हैं। इसमें ढाई हजार रुपये लेकर कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट देने की बात कही जा रही है। चिंता की सबसे बड़ी वजह यह है कि यह रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल से बनकर आ रही है। वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। डीएम और सीएमओ ने वीडियो का संज्ञान लिया है। सीएमओ ने जांच बैठा दी है।

सरकारी अस्पताल से रिपोर्ट आने का दावा

वायरल वीडिया में हापुड़ रोड स्थित न्यू मेरठ हॉस्पिटल के भीतर वीडियो बनाने वाला एक व्यक्ति सामने बैठे अस्पताल के स्टाफ से पूछता है कि यह रिपोर्ट प्राइवेट आएगी या सरकारी। अस्पताल का स्टाफ बताता है कि रिपोर्ट प्यारेलाल अस्पताल से आएगी। इसके बाद वीडियो बनाने वाला व्यक्ति अस्पताल के स्टाफ को दो हजार रुपये देता है और कहता है कि पांच सौ रुपये बाद में देंगे। अस्पताल स्टाफ पैसे लेकर कहता है कि शाम को फोन कर लेना, इसके बाद ही आना। रिपोर्ट की कॉपी अगले दिन शाम तक दे दी जाएगी।

अस्पताल स्टाफ यह भी बताता है कि असली टेस्ट जो जिला अस्पताल या मेडिकल में हो रहे हैं, उसे कराने में बड़ी परेशानी है। वहां से टेस्ट कराने जाओगे तो सैंपल अंदर से निकाला जाएगा और बड़ी दिक्कत होगी। ये तो हमारी सेटिंग है और तुम लोगों को निगेटिव रिपोर्ट मिल जाएगी। अस्पताल का उक्त कर्मचारी डराता भी है कि जांच कराने मेडिकल कॉलेज चले गए और रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई तो पूरा परिवार परेशानी में आ जाएगा। कुछ नहीं तो 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन होना पड़ेगा। हमारी रिपोर्ट को लेकर कहीं भी चले जाना और दिखा देना। इस पर मेडिकल कॉलेज की मोहर लगी रहेगी। रिपोर्ट 7 से 15 दिन के लिए मान्य रहेगी और तुम्हारा काम हो जाएगा।

दूसरा वीडियो

दूसरी वायरल वीडियो अस्पताल के अंदर काउंटर की है। यहां पर रिपोर्ट के बारे में बात करते दिखाई दे रहे कुछ लोगों ने स्टाफ से जानकारी हासिल की। इसके बाद, अपना नाम भी बताया।

11 साल से चल रहा है अस्पताल

न्यू मेरठ हॉस्पिटल का संचालन डॉ. काशिफ, डॉ. अरशद जावेद, शाह आलम पिछले 11 साल से कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि अस्पताल में 15 बेड हैं। सूत्रों के मुताबिक, यहां लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों महिलाओं की डिलीवरी कराई जा चुकी है। इनमें से ज्यादातर की कोरोना संक्रमण की जांच ही नहीं कराई गई।

सीएमओ ने बैठाई जांच

सीएमओ डॉ. राजकुमार ने बताया कि कोई भी बिना सैंपल के कोरोना टेस्ट नहीं कर सकता। यदि कोई ऐसा कर रहा है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। टीम बनाकर कार्रवाई कराई जाएगी और मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। एक टीम को अस्पताल भेजा जा रहा है। वीडियो में मरीज का नाम नहीं पता चल रहा है। ऐसे में मरीज का भी पता किया जाएगा कि किसके लिए रिपोर्ट बनवाई जा रही थी।

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