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भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के प्रोत्साहन हेतु एनसीएल ने सीएसआर के तहत  की एक अनूठी पहल

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एनसीएल  काशी विश्वनाथ स्पेशल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड को देगी वित्तीय सहायता 

 

सोनभद्र/सिंगरौली)भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर देश की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के प्रोत्साहन व संप्रेषण के लिए सीएसआर के तहत  एक अनूठी पहल की है।
सोमवार को इस संबंध में एनसीएल ने  काशी विश्वनाथ स्पेशल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड के साथ एक समझौता ज्ञापन किया है । वाराणसी में हुए इस एमओयू कार्यक्रम में सीएमडी एनसीएल श्री भोला सिंह और कमिश्नर वाराणसी, डिवीजन  दीपक अग्रवाल उपस्थित रहे। एमओयू पर एनसीएल की ओर से महाप्रबंधक (सीएसआर)  ए के सिंह व काशी विश्वनाथ स्पेशल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड के सीईओ  सुनील कुमार वर्मा ने हस्ताक्षर किए।  1.28 करोड़ रुपये के इस एमओयू से काशी विश्वनाथ धाम वाराणसी में ऑडियो गाइड टूर और स्मार्ट कियोस्क का संचालन व प्रबंधन,  काशी विश्वनाथ धाम पर डॉक्यूमेंट्री  फिल्में,  काशी विश्वनाथ धाम परिसर व कोन्फ्रेंस रूम में डिजिटल मीडिया की व्यवस्था एवं अन्य कार्य कार्यान्वयित किए जाएंगे।
गौरतलब है कि एनसीएल विविध सीएसआर कार्यों से समाज के समग्र विकास  के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करती रही है।  एनसीएल ने पिछले वित्तीय वर्ष में मुख्यत: सिंगरौली व सोनभद्र जिले में अपने सीएसआर कार्यों पर 132.75 करोड़ रुपये खर्च किए है,  जिसमें  खेल एवं संस्कृति, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल, जल, व आधारभूत संरचनाओं का विकास मुख्य रहे। आने वाले वर्षों में एनसीएल, सिंगरौली में माइनिंग इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना पर 76 करोड़ से अधिक के खर्च की योजना के साथ,  सिंगरौली-सोनभद्र में 40 किलोमीटर सड़क का निर्माण, दिव्यांगों को बड़े पैमाने पर कृत्रिम उपकरण के वितरण आदि जैसे कार्यों पर कार्य कर रही है ।
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