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इंस्पेक्टर समेत आठ पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के आदेश, शासन ने दी धरपकड़ की अनुमति

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मेरठ:  बुलंदशहर की खुर्जा कोतवाली की हवालात में सोनू उर्फ सोमदत्त की मौत के मामले में इंस्पेक्टर समेत आठ पुलिसकर्मी दोषी पाए गए है। शासन की तरफ से उनकी गिरफ्तारी के आदेश एसएसपी सहारनपुर, बुलंदशहर और आगरा को दिए गए। हाल में उक्त पुलिसकर्मी इन जनपदों में तैनात है। सीबीसीआइडी की जांच में सभी के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया।

छह दिसम्बर 2020 का था मामला

खुर्जा कोतवाली नगर क्षेत्र के गांव कनैनी का रहने वाला सोनू उर्फ सोमदत्त छह दिसंबर 2020 को अपने ही गांव की एक लड़की को लेकर प्रेम-प्रसंग के चलते फरार हो गया था। सोनू के स्वजन ने उसे आठ दिसंबर को खुर्जा पुलिस को सौंप दिया था।

इसके बाद से खुर्जा नगर कोतवाली पुलिस ने सोनू उर्फ सोमदत्त को कोतवाली में ही हिरासत में रखा हुआ था। चार दिन बाद खुर्जा पुलिस ने गांव कनैनी में पहुंचकर सोनू के स्वजन को सूचना दी कि उसने हवालात में फांसी लगाकर जान दे दी। जल्दबाजी में पंचनामा साइन कराकर सोनू का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

स्वजन ने दी थी तहरीर

सोनू के स्वजन की तरफ से इंस्पेक्टर मिथलेश उपाध्याय समेत तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुलिस हिरासत में मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था। उसके बाद पीड़ित पक्ष अदालत चला गया, जहां से शासन को इस पूरे प्रकरण की जांच कराने के आदेश हुए।

सीबीसीआइडी ने की जांच

सीबीसीआइडी को इसकी जांच दी गई। हाल में जांच अधिकारी सीओ राशिद अली ने इंस्पेक्टर मिथलेश उपाध्याय, रिटायर्ड दारोगा रामसेवक और ओमप्रकाश, हेडकांस्टेबल प्रदीप और कांस्टेबल सौरभ, जीवन लाल तथा दो होमगार्ड को दोषी माना है। उनके खिलाफ चार्जशीट लगाकर शासन को पत्रावली भेज दी गई थी, जिस पर शासन ने सभी को दोषी मानते हुए उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए। मिथलेश उपाध्याय इस समय सहारनपुर में तैनात है, रामसेवक ओर ओमप्रकाश आगरा में रहते है। प्रदीप, सौरभ और जीवन लाल की तैनाती बुलंदशहर में है। इन सभी जनपदों के कप्तानों को पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए है।

युवती के बयानों में बताया कि सोनू को पुलिस को सौंप दिया था

जांच के दौरान उक्त युवती के बयान कराए गए, जिसे सोनू अपने साथ ले गया था। उसने मजिस्ट्रेट बयान में बताया कि सोनू को पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने सोनू को हवालात में डालकर युवती को स्वजन को सौंप दिया था। साथ ही अन्य पुलिसकर्मियों और ग्रामीणों के बयान भी दर्ज करने के बाद पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया गया।

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