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गन्ना परची न मिलने से किसानों में आक्रोश

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लखनऊ। हैदरगढ़ चीनी मिल पर गन्ना खरीद के लिए विक्रय पर्ची नहीं मिलने से किसानों में भारी आक्रोश है। पर्ची नहीं मिलने से खेत में खड़ी गन्ने की फसल बर्बाद हो रही है। किसानों ने पिछले दिनों जिलाधिकारी को इसकी शिकायत की थी। इसके बाद भी किसानों की समस्या का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।
हैदर गढ़ मिल बाराबंकी से इटौंजा क्षेत्र के मलूकपुर गांव के किसानों को गन्ने की पर्ची न मिलने के कारण उनका गन्ना क्रय केंद्र इटौंजा में नहीं तौला जा रहा है। जिससे 1 दर्जन से अधिक किसानों का गन्ना खेतों में खड़ा हुआ है। अब किसान अपना गन्ना खेतों में फूंकने के लिए विवश हैं। मलूकपुर गांव के गन्ना किसान रामजीवन शिवनारायण महेंद्र सोनू मोनू राजकुमार तथा अन्य किसानों ने बताया कि हैदरगढ़ मिल से किसानों को गन्ना की पर्ची न मिलने के कारण उनका गन्ना क्रय केंद्र इटौंजा में तौलने पर ग्रहण लग गया है। इससे किसानों का कई बीघा गन्ना खेतों में खड़ा हुआ है। अब किसान गन्ना खेत में फूंकने के लिए मजबूर है।
यहां की प्रधान केतकी देवी ने बताया कि यदि किसानों को पर्ची नहीं मिलेगी तो वह अगले वर्ष गन्ना अपने खेतों में नहीं बोयेंगे। इस प्रकार किसानों का 10 बीघा गन्ना खेतों में खड़ा हुआ है।
जब इस संबंध में क्षेत्र के गन्ना अधिकारी से जानकारी लेने के लिए संपर्क किया गया तो संपर्क नहीं हो सका। गन्ना क्रय केंद्र इटौंजा के कर्मचारी इस संबंध में कुछ भी बताने से मना कर रहे हैं। अब किसानों ने गन्ना बोने का क्षेत्रफल कम करने का निर्णय लिया है। किसानों ने गन्ना मिल हैदर गढ़ बाराबंकी के मालिक व आला अफसरों की इस रवैये का कड़ा विरोध किया है। उप जिलाधिकारी बीकेटी क्षीप्रा पाल से जानकारी लेना चाहा तो उनका सीयूजी नंबर उठाना मुलाजिम नहीं समझा।
जिम्मेदार बोले…
उपरांत गन्ना संस्थान के डिप्टी कमिश्नर सत्येंद्र सिंह से जानकारी की तो उनके द्वारा प्राप्त जानकारी में सत्ता नीति अनुसार निर्धारित कैलेंडर के क्रम में पर्चियां निर्मित की जा रही है।

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