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समाज सेवी हाफ़िज फ़ुजैल गरीब, असहाय और मजदूरों के मसीहा

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रायबरेली : “तिन समान कोई और नहि,जो देते सुख दान! सबसे करते प्रेम वे, औरन देते मान।” सैकडों वर्ष पहले महात्मा कबीर द्वारा लिखी गई यह पंक्ति उस समय बरबस ही मन मस्तिक में चकाचौंध कर गई। जब समाज सेवी हाफ़िज फ़ुजैल ने गरीब, असहाय और मजदूरी करके जिंदगी गुजर बसर करने वाले उन लोगों को भोजन उपलब्ध कराया। गौरतलब है कि पूरी दुनिया में जिस समय कोरोनावायरस का कहर जारी था। तब रोज खाने और कमाने वाले व्यक्तियों को खाने के लाले पड़ने लगे। वही समाज सेवी हाफ़िज फ़ुजैल व अन्य सभी सदस्यों के प्रयासों से गरीबों के चूल्हे जल रहे थे। इस विषम परिस्थितियों में भी जनपद के समान सेवा और सहयोग के लिए समर्पित अप्रतिम, शौर्य व पराक्रम के अतुलनीय प्रतिमान गढ़ने वाले समाज सेवी हाफ़िज फ़ुजैल ने कहा कि उनका संपूर्ण परिवार जो कर रहा है। वह कोई एहसान नहीं कर्तव्य का पालन है। लोगों की मदद करने के लिए तैयार रहते है

वही आज समाजसेवी हाफिज फ़ुजैल ने हुजूर की यौमे पैदाइश पर शहर के गरीब व्यक्तियों को राशन और पैसा देकर उन परिवारों की मदद की जिनके पास खाने को राशन, त्योहार मनाने के लिए पैसा नही था। जब इसकी जानकारी समाज हाफिज फ़ुजैल को हुई तो वह उन परिवार के लोगो से मुलाकात करने पहुच गए और उन ग़रीब परिवार के लोगो को राशन और कुछ रुपये दिए। हुजूर की यौमे पैदाइश पर कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा नही सोना चाहिए। क्योंकि इस दिन अल्लाह के सबसे प्यारे रसूल की यौमे पैदाइश का दिन है। हम सब लोग खुशियां मना रहे है। तो हम सब को ये भी ध्यान रखना चाहिए कि इस दिन कोई भी गरीब भूखा न रहने पाये और वो भी हमारे साथ खुशिया मनाये। क्योंकि हमारे नबी ने कहा है कि अगर आप खा रहे है, और आप का पड़ोसी भूखा है। तो इसका जवाब आप को देना होगा। इसलिए अपने आस-पास देख ले कि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोने पाए।

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