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यूपी में अन्य उद्योग की हालत पतली, क्या केवल प्रचार से मिलेगा रोजगार-प्रियंका गांघी

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लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बेरोजगारी को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर लगातार हमला करती आई है। लेकिन दूसरे प्रदेशों से लौटे लाखों श्रमिकों और प्रदेश में रह रहे बेरोजगार युवकों के लिए ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार कार्यक्रम’ की शुरूआत पर प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार को एक बार से आड़े हाथ लिया।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इस पर शनिवार को ट्वीट कर इस कार्यक्रम को लेकर योगी सरकार से सीधा सवाल किया है। प्रियंका गांधी ट्वीट कर कहती है, कि यूपी में रोजगार के एक इवेंट की खूब ढोल पीट कर शुरुआत हुई। इस इवेंट में रोजगार की जिन भी श्रेणियों की बात की गई उनकी ज्यादातर हालत पतली है। स्वरोजगार वाले लोग सरकार से सीधे आर्थिक मदद के अभाव में जबरदस्त संकट में हैं। छोटे और मझोले क्षेत्र के उद्योगों की हालत तो इतनी पतली है कि एक अनुमान के अनुसार 62% एमएसएमई नौकरियों में कटौती और 78% तनख्वाहों में कटौती करेंगे।

यूपी में देखें तो चिकन उद्योग, वुडवर्क, पीतल उद्योग, पावरलूम सेक्टर, दरी उद्योग की हालत पतली है। अभी हाल ही में बुंदेलखंड में बाहर से आए प्रवासी मजदूरों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं हमारे सामने हैं। कानपुर में आर्थिक तंगी व रोजगार न होने की वजह से आत्महत्या की दुखद घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

ऐसे में यूपी सरकार क्या ढँकने का प्रयास कर रही है? क्या केवल प्रचार से रोजगार मिलेगा? इन रोजगारों के ठोस आंकड़ें सरकार के किस पोर्टल पर मौजूद हैं? लास्ट टाइम विधान सभा में रखे गए आकंड़ों के अनुसार यूपी में एक साल के अंदर लगभग 12 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगार बढ़ गए थे? आखिर सच्चाई क्या है?

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