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मौसम का सर्वाधिक ठंडा रहा साल का आखिरी दिन

सर्द हवाओं के कारण लोग रजाइयों में दुबकने को मजबूर

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कामगारों को प्राण रक्षा को करना पड़ा अलाव का इंतजाम

बांदा। जाने वाला साल 2022 जाते-जाते दिन में ही सर्वाधिक ठंड का अहसास करा गया। सुबह हल्की धूप के बाद एकाएक सूरज बादलों की ओट में जा छिपा। हाड़कंपाऊ ठंड से अपनी जान बचाने को कामगारों को ठंड से बचने को अपने संसाधनों से अलाव जलाना पड़ा। सर्द हवाओं ने लोगों को दिन में ही रजाइयों में दुबकने को मजबूर कर दिया। बुंदेलखंड में साल के आखिरी महीने दिसंबर भर खूब ठंड पड़ी। रात में तापमान न्यूनतम 7 डिग्री सेल्सियश तक नीचे लुढ़का, लेकिन दिन के समय गुनगुनी धूप मिलने से ठंड के मौसम को लोग अपने तरीके से इन्वॉय कर रहे थे। साल के आखिरी दिन शनिवार को सुबह हल्की धूप रही। लोगों को आस थी कि सूरज की गर्माहट से ठंड का अहसास कम होगा, लेकिन थोड़ी देर बाद ही एकाएक सूरज आसमान में छाये काले-भूरे बादलों की ओट में जा छिपा और सर्द हवाओं ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। मारे ठंड के लोग काम पर निकलने वाले लोग कांपने लगे। लोगों को दिन में ही रजाइयों में दुबकने को मजबूर होना पड़ा। कामगारों को ठंड से बचने के लिये अपने संसाधनों से इंतजाम कर यहां वहां से जलाऊ लकड़ियां एकत्र कर अलाव का प्रबंध करना पड़ा। लकड़ियों का इंतजाम न होने पर शहर में जगह-जगह लोग सड़कों के किनारे पुराने टायर और पॉलीथीन से आग जलाकर अलाव तापते देखे गये।

चाय व कॉफी के साथ बढ़ी गर्म कपड़ों की डिमांड

सर्दी से बचाव के लिये शहर के ढाबों और होटलों में एकाएक सर्दी बढ़ने से चाय और कॉफी की सेल बढ़ गई है। रेलवे स्टेशन के बाहर चाय की दुकानों में जबरदस्त डिमांड बढ़ गई। उधर शहर के दूसरे होटलों और ढाबों में कॉफी भी खूब बिकी। वहीं ठंड के मौसम में गर्म कपड़ों की सेल कम होने से व्यापारी निराश थे। शनिवार को एकाएक सर्द हवाओं के कारण गर्म कपड़ों की सेल में भी भारी बढ़ोत्तरी हुई है। लोग सर्दी और गलन से बचने के लिये मोजे, टोपा, स्वेटर, जैकेट आदि खरीद रहे हैं।

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