लखनऊ : गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधियों की नकेल कसने में जुटी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में इन दिनों गैंगस्टर और बाहुबली नेताओं पर भी शिकंजा कसता जा रहा है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के भदोही विधानसभा क्षेत्र से निषाद पार्टी के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा को मध्य प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। विधायक विजय मिश्रा को गुरूवार देर रात आगर जिले के तनोड़िया से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने विधायक के गिरफ्तार होने की पुष्टि की है। गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए आगर लेकर आ रही है। इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस उन्हें यहीं से यूपी पुलिस को सौंप देगें। मिश्रा पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
विधायक विजय मिश्र, मिर्जापुर-सोनभद्र एमएलसी रामलली मिश्र और उनके कारोबारी पुत्र विष्णु मिश्र पर कृष्णमोहन तिवारी ने मुकदमा दर्ज कराया है। विजय मिश्र, उनकी पत्नी और बेटे पर कृष्णमोहन ने मारपीट करने और उनकी संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया था। 8 अगस्त को पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था और हाल ही में एक व्यक्ति को धमकी देने के कारण उन पर गुंडा एक्ट लगा था।
बता दें, विधायक विजय मिश्रा ने बीते दिन अपनी हत्या की आशंका जताई है। मिश्रा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि ब्राह्मण होने के नाते उन्हें परेशान किया जा रहा है और पुलिस कभी भी उनका एनकाउंटर कर सकती है। विजय मिश्रा ने कहा कि मेरी पत्नी रामलली और बेटे विष्णु को फर्जी मामले में फंसाया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ब्राह्मण होने के नाते उन्हें परेशान किया जा रहा है, क्योंकि वो ब्राह्मण होकर चार बार विधायक टिकट पर चुनाव जीते है। विजय मिश्रा यह कहते दिख रहे हैं कि उनके साथ ये सब इसलिए हो रहा है ताकि बनारस या चंदौली का कोई माफिया यहां आकर चुनाव लड़ सके। इसीलिए उनकी हत्या कराई जा सकती है। जिसका भदोही पुलिस ने खंडन करते हुए कहा कि उनके खिलाफ 73 मुकदमे दर्ज हैं। विधायक विजय मिश्र अपनी आपराधिक कृत्यों को छपाने यह जनता में भ्रम फैलाने के उद्देश्य से वीडियो बनाया गया है।
बता दें कि विजय मिश्रा का राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू होकर समाजवादी पार्टी और बाद में निषाद पार्टी तक पहुंचा है। कांग्रेस से 30 साल पहले भदोही में ब्लॉक प्रमुख बनने वाले विजय मिश्रा ज्ञानपुर सीट से 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव सपा से जीतकर विधायक बने और 2017 के चुनाव में सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। जिसके बाद वो निषाद पार्टी से चुनावी मैदान में उतरे थे और मोदी लहर में भी जीतने में कामयाब रहे। विजय मिश्रा पर पहले से ही छोटे-बड़े मिलाकर करीब 64 मामले दर्ज हैं।