नई दिल्ली : एनसीआर में रविवार की शाम को भूकंप के झटके महसूस किए गए इसी दौरान लोग घरों से बाहर निकल गए हालांकि लॉकडाउन के कारण लोग शारीरिक दूरी का भी पूरा ध्यान रखा रविवार की शाम को यहां भूकंप करीब 5:46 मिनट पर यह भूकंप के झटके महसूस किए गए आईएमडी के अनुसार पूर्व दिल्ली में भूकंप रिक्टर पैमाने पर 3.5 मापा गया आईएमडी ने बताया कि इस भूकंप का केंद्र पूर्व दिल्ली में था इस कारण दिल्ली में यह ज्यादा महसूस किया गया
इधर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने मजाकिया अंदाज में ट्वीट करते हुए कहा कि ‘कोरोना कम था जो भूकम्प भी मचा दिया…. क्या मन में है देवा?’ बता दें कि डिप्टी सीएम कोरोना के कारण दिल्ली में हुए लॉकडाउन के बाद हर गरीब से गरीब को खाना मिले और किसी को कोई परेशानी ना हो इस बात का लगातार पूरा ख्याल रख रहे हैं। हर अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं।
भूकंप आते ही बाहर निकले लोग
इससे पहले 20 दिसंबर, 2019 को दिल्ली एनसीआर में भूंकप के झटके महसूस किए गए थे। इधर आज के भूकंप में शुरुआती जानकारी के अनुसार कहीं किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि भूकंप के झटके के बाद लोग डर और भय से घरों से बाहर निकल गए। इधर भूंकप के झटके महसूस होते ही ऑफिस में काम करने वाले लोग अपने कार्यस्थल से बाहर आ गए
पूर्वी दिल्ली में है केंद्र
इस भूकंप के झटके से धरती कुछ सेंकेंड तक कांपती रही। इस दौरान लोग डर गए और पूर्वी दिल्ली में केंद्र होने के कारण दिल्ली-एनसीआर इस भूकंप के झटके ज्यादा महसूस हुए। इस दौरान कई लोग तो जब तक समझ पाते तब तक सब शांत हो चुका था।
बाहर आते ही शारीरिक दूरी का रखा ध्यान
बता दें कि पूरे देश में लॉकडाउन है। लोग अपने-अपने घरों में हैं। ऐसे में सभी भूंकप के झटके महसूस होते ही तुंरत बाहर निकल गए। हालांकि एक अच्छी बात यह रही कि इस दौरान भी लोग बाहर निकल कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बखूबी करते दिखे। शुरुआती जानकारी के अनुसार यह भूंकप के झटके को 4.1 बताया जा रहा था।
जोन चार में है दिल्ली
दिल्ली सिसमिक जोन चार में आता है। यह क्षेत्र हिमायल के काफी करीब है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनियाभर में एहतियातन लोगों के क्वारंटाइन में जाने और लॉकडाउन की वजह से मानवजनित ‘भूकंपीय शोर’ कम हुआ है। इसकी वजह से कम तीव्रता वाले भूकंपों की पहचान भी ज्यादा सटीकता और स्पष्टता से की जा सकती है। उन्होंने यह साफ किया कि इस बंद की वजह से धरती की सतह के कंपन में किसी तरह की कमी नहीं आई है। वैज्ञानिकों ने कहा कि भूकंप का शोर जमीन का एक लगातार होने वाला कंपन है।