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पहले बड़े बकाया दारो के पास जाएं : ऊर्जा मंत्री 

लखनऊ : ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बुधवार को कहा है कि बिजली बिल वसूली के नाम पर उपभोक्ताओं का उत्पीड़न स्वीकार नहीं है। तीन माह तक बिजली का बिल नहीं देने वालों के घर का दरवाजा खटखटाएं। सबसे पहले बड़े बकायेदारों के पास जाएं। उन्होंने कहा है कि गर्मियों में उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं दें। शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर होनी चाहिए।

ऊर्जा मंत्री ने बुधवार को दक्षिणांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल, पूर्वांचल व केस्को में उपभोक्ता सेवाओं और बिजली आपूर्ति की समीक्षा की। निर्देश दिया कि सभी कंपनियों के एमडी नियमित शिकायतों की समीक्षा करें। 1912 व सोशल मीडिया पर आ रही शिकायतों का त्वरित निस्तारण हो। शिकायतों के निस्तारण का रियलिटी चेक भी करें। जिससे उपभोक्ता सेवाओं को और भी बेहतर किया जा सके।

अभियानों की निगरानी एमडी करें

उन्होंने निर्देश दिए कि बिल वसूली के लिए अभियान जहां भी चल रहा है वहां यह सुनिश्चित हो कि कहीं भी उपभोक्ताओं का उत्पीड़न न हो। उपभोक्ताओं को सूचित करें, पहले बड़े बकायेदारों के पास जाएं। डिस्कनेक्शन कोई उपाय नहीं है। किसी भी उपभोक्ता को बेवजह परेशान न किया जाए। जहां भी अभियान चले उसकी निगरानी स्वयं एमडी के स्तर पर होनी चाहिए। सभी ट्रांसफार्मरों की लोड बैलेंसिंग हो, सही वितरण सुनिश्चित किया जाए। पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए, कमियों को तत्काल ठीक किया जाए।

शिकायतों का निस्तारण समय से नहीं होने पर जवाबदेही तय होगी

उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मरों के फुंकने, गड़बड़ी की शिकायतों का निस्तारण समय से न होने पर अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाए। अवैध लोड के कारण ईमानदार उपभोक्ताओं को समस्या उठानी पड़ती है। कहा कि आपूर्ति सुधार से संबंधित जो भी काम विभाग द्वारा कराए गए हैं उनकी जानकारी सभी जनप्रतिनिधियों को अवश्य दी जाए। आपूर्ति में व्यवधान से संबंधित जो भी सूचना है उसकी जानकारी भी उन्हें दी जाए। ग्राम प्रधानों को भी कटौती की जानकारी समय से दें।

लखनऊ की दो लड़कियों का भी कराया गया धर्मांतरण

लखनऊ : एटीएस की रिमांड पर आए धर्मांतरण का गिरोह चलाने वाले उमर गौतम व जहांगीर आलम ने अपने कारनामों के राज उगलने शुरू कर दिए हैं। जांच एजेंसी ने पाया है कि उमर की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर की मदद से लखनऊ की दो लड़कियों का धर्मांतरण कराया गया था। इनकी पहचान अलीगंज की फातिमा फारूख व तेलीबाग क्षेत्र की कनीज फातिमा के रूप में हुई। हालांकि, एटीएस उमर की हर जानकारी को सत्यापित करने के बाद कार्रवाई की बात कही है।

वहीं, सोशल मीडिया पर वायरल दो वीडियो में उमर दावा कर रहा है कि वह 18 बार इंग्लैंड, चार बार अमेरिका और कई देशों की यात्राएं कर चुका है। कहा रहा है कि वह कैसे मुस्लिम बना अगर इतिहास बताएगा तो तीन चार घंटे लग जाएंगे। एक वीडियो में कह रहा है कि इस्लामिक दावा सेंटर ने एक हजार से अधिक लोगों के लीगल डॉक्यूमेंट तैयार कराए हैं। वीडियो में कानपुर की छत्रपति साहू जी महाराज यूनिवर्सिटी की परास्नातक की छात्रा सुप्रिया को तीन साल पहले आयशा बनाने और गोरखपुर के एक व्यक्ति के इस्लाम कुबूलने का जिक्र है। उमर ने एक समाचार पत्र में विज्ञापन देने की बात कही है। इसमें कहा गया है कि सेंटर ऐसे लोगों की मदद करता है जिन्होंने दीन कुबूल किया है। सेंटर में पोलैंड, पुर्तगाल, जर्मनी, सिंगापुर, अमेरिका और इंग्लैंड से आकर लोगों ने कानूनी सहायता ली है।

सूत्रों का कहना है कि एटीएस ने आरोपियों से सेंटर को मिलने वाली फंडिंग के बारे में भी पूछताछ की है। उमर ने कई अलग-अलग जगहों से चंदे के रूप में पैसे आने की बात कुबूल की है। खातों की डिटेल एटीएस ने बैंकों से भी मांगी है। पैसे आईएसआई की ओर से भेजे गए या नहीं इसकी भी पड़ताल की जा रही है।  उधर, उमर और जहांगीर आलम से पूछताछ के लिए केंद्रीय एजेंसियां भी एटीएस मुख्यालय पहुंच गई हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों को जल्द दिल्ली और नोएडा ले जाकर मौके पर तलाशी ली जाएगी जिसमें धर्मांतरण से जुड़े और दस्तावेज मिल सकते हैं

माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के अंक पत्र जुलाई में जारी होंगे।

लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के अंक पत्र जुलाई में जारी होंगे। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बुधवार को ये बातें उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के जल्द गठन को लेकर आयोजित बैठक में कही। इसमें बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग से चयनित शिक्षकों को जल्द नियुक्ति आदेश जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पदस्थापन में किसी भी प्रकार की लापरवाही होने पर संबंधित अधिकारी को दंडित किया जाएगा।

डॉ. शर्मा ने कहा कि माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग के शिक्षकों के तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन 28 जून से लिए जाएंगे। उन्होंने संस्कृत शिक्षकों के रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होेंने उच्च शिक्षा विभाग को महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में स्नातक व स्नातकोतर कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के निर्देश दिए। बैठक में एसीएस मोनिका एस. गर्ग, रेणुका कुमार और आराधना शुक्ला व अन्य अधिकारी मौजूद थे। जबकि बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी वर्चुअल उपस्थित रहे।

31 शहरों में जल प्रदूषण रोकने की कवायद

लखनऊ : प्रदेश के शहरी इलाकों में बढ़ते जल प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर राज्य स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। इसके तहत सीवरेज सुविधा वंचित शहरी क्षेत्र के घरों के शौचालयों के सेप्टिक टैंकों से निकलने वाले सीवरेज का ट्रीटमेंट करने के लिए सेप्टेज मैनेजमेंट योजना किया गया है। इसके तहत शहरों के उन इलाकों में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। पहले चरण में प्रदेश के 33 शहरों का चयन किया गया है। इनमें लखनऊ और कानपुर के अलावा 31 शहर अमृत योजना से संबंधित हैं।

क्षेत्रीय नगर एवं पर्यावरण अध्यक्ष केन्द्र (आरसीयूईएस) द्वारा किए अध्ययन के मुताबिक अमृत योजना में शामिल 60 में से 25 शहरों समेत बहुत से ऐसे शहर हैं जहां 25 से 40 प्रतिशत मकान सीवरेज सिस्टम से नहीं जुड़े हैं। इन सेप्टिक टैंकों से निकलने वाले सीवेज का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए सेप्टिक टैंकों से सीवरेज निकालकर जमीन पर फेंक दिया जाता है या खुले नालों में डाल दिया जाता है जो बहकर गंगा आदि नदियों में चला जाता है। इस स्थिति से निजात पाने के लिए ही आरसीयूईएस ने ऐसे 31 शहरों के लिए सेप्टेज मैनेजमेंट योजना तैयार किया है।

लखनऊ व कानपुर में लागू होगा को ट्रीटमेंट पैटर्न

लखनऊ : व कानपुर ऐसे शहर हैं जहां पर गंगा एक्शन प्लान के तहत पहले से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगे हैं। दोनों शहरों में लगे एसटीपी को उसकी क्षमता के मुताबिक सीवेज उपलब्ध नहीं हो पा रहा हैं। इसलिए सेप्टेज मैनेजमेंट योजना के तहत इन दोनों शहरों में सेप्टिक टैंकों के सीवेज का ट्रीटमेंट को-ट्रीटमेंट पैटर्न पर चलाने का फैसला किया गया है। अयोध्या, गोंडा, अकबरपुर, बहराइच, सीतापुर, बस्ती, हरदोई, फर्रूखाबाद, अलीगढ़, हाथरस, शिकोहाबाद, फतेहपुर, बड़ौत, हापुड़, खुर्जा, शामली, देवरिया, बांदा, झांसी, ललितपुर, उरई, अमरोहा, बदायूं, चंदौसी, मुरादाबाद, पीलीभीत, शाहजहांपुर आजमगढ़, जौनपुर, मऊ व मुगलसराय।

यूपी में पायलट प्रोजेक्ट केतौर पर झांसी व उन्नाव में इस तरह केप्लांट लगाने का काम शुरू किया है। देश के देवन हल्ली (कनार्टक), राउरकेला व पुरी (उड़ीसा) व स्याना (महाराष्ट्र) में यह योजना लागू हो चुकी है, जिसके काफी बेहतर परिणाम सामने आएं हैं। इन शहरों की तर्ज पर यूपी में इस योजना को लागू करने का फैसला किया गया है। एके गुप्ता, अपर निदेशक, आरसीयूईएस

भाजपा असंतुष्ट नेताओं व कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने पर 

लखनऊ : आगामी विधानसभा चुनाव के  मद्देनजर सरकार और संगठन का जोर अब असंतुष्ट नेताओं व कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने पर है। यही नहीं सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच दूरियां खत्म कराने के बाद भाजपा अब पार्टी के अन्य नेताओं के बीच मनमुटाव दूर कराने की मुहिम में जुटी है।  पार्टी की ओर से साफ संदेश दिया गया है कि पुरानी बातें भूलकर सभी को एकजुट होकर मिशन 2022 के लिए जुटना होगा। अपनी ही सरकार में तवज्जो न मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं को भी संतुष्ट करने की रणनीति बनाई गई है। नेताओं व कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए नौकरशाही की मनमानी पर भी अंकुश लगाया जाएगा।

भाजपा के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में मंगलवार को प्रदेश सरकार के मंत्रियों और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की करीब चार घंटे तक चली बैठक के बाद सरकार और संगठन स्तर पर कार्यकर्ताओं की नाराजगी व नेताओं के आपसी मनमुटाव दूर कराने की मुहिम छेड़ने की तैयारी शुरू हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष ने साफ कर दिया है कि सम्मान सभी को मिलेगा, लेकिन पुरानी बातें भूलकर पूरी ताकत से एकजुट होकर 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए लगना होगा।

भरोसेमंद सूत्रों के  अनुसार बैठक में पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों ने संगठन और सरकार के सामने कार्यकर्ताओं का दर्द बयां किया। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विनय कटियार, डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी सहित अन्य नेताओं ने कहा कि काम न होने से जमीनी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। संगठन से लेकर सरकार तक में कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे हैं। सपा व बसपा सरकार के समय से कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज राजनीतिक मुकदमे भी वापस नहीं हुए हैं। वहीं श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य सहित कई अन्य मंत्रियों ने नौकरशाही के हावी होने का मुद्दा उठाया। मंत्रियों का कहना था कि शासन से लेकर जिलों के डीएम व कप्तान तक उनकी नहीं सुनते।

बैठक में मिले फीडबैक के बाद संगठन ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की कवायद शुरू की है। निगम, आयोग, बोर्ड और समितियों में नियुक्तियों के साथ कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे भी वापस लेने की कवायद शुरू की जा रही है। वहीं मंत्रियों को अपने निर्वाचन क्षेत्र व प्रभार वाले जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं से संवाद कर उन्हें संतुष्ट करनेे की जिम्मेदारी सौंपी गई है। तबादलों में भी नेताओं-कार्यकर्ताओं के वाजिब मामलों की सुनवाई करने को कहा गया है। सूत्रों के अनुसार बीएल संतोष ने मंत्रियों से दो टूक कहा कि अब नाराजगी जताने या कमियां गिनाने का वक्त नहीं है। पार्टी अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है। पार्टी का एकमात्र उद्देश्य यूपी में फिर से भारी बहुमत से सरकार बनाना है। लिहाजा सब कुछ भूलकर चुनाव जीतने पर ध्यान केंद्रित किया जाए।

भाजपा ने चुनाव से पहले धरातल पर किसी भी प्रकार की संवादहीनता, विवाद या मनमुटाव को समाप्त करने कर सभी प्रमुख व प्रभावशाली नेताओं को एक सूत्र में पिरोने की योजना बनाई है। पार्टी में अब तक उपेक्षित चल रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विनय कटियार, लक्ष्मीकांत बाजपेयी और रमापति राम त्रिपाठी के भी अनुभव और उनके जातीय वोट बैंक का लाभ लेने के लिए चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

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